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7वीं सीपीए इंडिया रीजन कांफ्रेंस का समापन, विधानमंडलों को एक प्लेटफार्म पर लाया जाएगा

देश में अब एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाएगा जिसमें देश की सभी विधानमंडलों को एक प्लेटफार्म पर लाया जा सकेगा। इसके लिए केन्द्र में एक कमेटी का गठन किया गया है जो इस दिशा में लगातार काम कर रही है। जल्द ही इसके सार्थक परिणाम जनता के सामने आएंगे

Dharmendra kumar
Published on: 17 Jan 2020 9:01 PM IST
7वीं सीपीए इंडिया रीजन कांफ्रेंस का समापन, विधानमंडलों को एक प्लेटफार्म पर लाया जाएगा
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लखनऊ: देश में अब एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाएगा जिसमें देश की सभी विधानमंडलों को एक प्लेटफार्म पर लाया जा सकेगा। इसके लिए केन्द्र में एक कमेटी का गठन किया गया है जो इस दिशा में लगातार काम कर रही है। जल्द ही इसके सार्थक परिणाम जनता के सामने आएंगे

यह बात आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सातवीं सीपीए इंडिया रीजन कांफ्रेंस के समापन के दौरान कही। बिड़ला ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को जनता की कसौटी पर उतरने की बड़ी जिम्मेदारी होती है। उनकी जनता के प्रति जवाबदेही होती है। उन्होने कहा कि एक तंत्र विकसित किए जाने से देश के सभी विधानमंडलों को एक दूसरे को जानने का अवसर मिलेगा।

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बिड़ला ने कहा कि इस काफ्रेंस के बाद यह बात उभरकर सामने आई है कि बजट प्रस्तावों पर समीक्षा के साथ जनप्रतिनिधियों की क्षमता को बढाने की भी जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बजट के पहले जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के लोगों से जानकारियों को एकत्र कर सदन को बताना चाहिए।

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इसके लिए चुनी हुई संस्थाओं लोकसभा विधानसभा नगर निकाय नगर पंचायत पालिका परिषद के सदस्यों को एक दूसरे से अनुभव साझा करना बेहद आवश्यक है। इसके लिए सम्मेलनों को आयोजित किया जाएगा। इससे जनप्रतिनिधियों को कार्यपालिका में नियंत्रण का भी अवसर मिलेगा। इससे देश की दिशा और दशा में बदलावा आ सकेगा। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियेों की समाज में निर्णायक भूमिका है इसलिए वह अपनी भूमिका का उचित ढंग से निर्वहन करें तो समाज में एक बेहतर छवि बनेगी।

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उन्होंने कहा कि बजट पर जितना गंभीर अध्ययन होगा उतने ही सार्थक परिणाम होंगे। कोई भी कानून बनने से पहले जितना अध्यययन किया जाएगा उतना ही सही दिशा में कानून बन सकेगा। उन्होंने सुक्षाव दिया कि जनप्रतिनिधियों को जनता से कानून पर भी चर्चा करनी चाहिए। जनता को बताना चाहिए कि यह कानून क्यों लाया जा रहा है। हर विधानसभा को इस पर अमल करना चाहिए। इसके लिए सम्मेलनों का आयोजन किया जाना चाहिए। यह सम्मेलन महिलाओं युवकों और समाज के अलग अलग वर्गो के होने चाहिए।



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