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बहराइच में जन्मा ऐसा बच्चा, जिसे देख परिवार ही नही डॉक्टर भी चौंक गए
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक अद्भुत बच्चे को जन्मा देख कर उसके परिजन ही नही हॉस्पिटल के डॉक्टर्स समेत जनपद के सभी डॉक्टर्स आश्चर्यचिकित हैं। नार्मल डिलीवरी से पैदा हुए बच्चे के शरीर पर चमड़े की स्किन के जगह प्लास्टिक की स्किन साफ साफ देखी जा सकती है। बच्चे की सांसें काफी तेज चल रही हैं।
बहराइच: जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक अद्भुत बच्चे को जन्मा देख कर उसके परिजन ही नही हॉस्पिटल के डॉक्टर्स समेत जनपद के सभी डॉक्टर्स आश्चर्यचिकित हैं। नार्मल डिलीवरी से पैदा हुए बच्चे के शरीर पर चमड़े की स्किन के जगह प्लास्टिक की स्किन साफ साफ देखी जा सकती है। बच्चे की सांसें काफी तेज चल रही हैं। बच्चे को डाक्टरों की विशेष देखरेख में रखा गया है काफी जाँच परखने के बाद जनपद के एक्सपर्ट डॉक्टर्स इसे कलोडियन बेबी बता रहे हैं।
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मोतीपुर के गायघाट में एक महिला से जन्मा ये बच्चा कौतूहल का विषय बना हुआ है। डाक्टरों का मानना है कि ऐसे बच्चे बहुत रेयर केस में होते हैं। डॉक्टरों की माने तो ऐसे दुर्लभ किस्म के बच्चे लाखों में कहीं एक पाए जाते हैं। फिलहाल नवजात बच्चे को बहराइच के जिला अस्पताल में बच्चे को लाइफ सपोर्ट सिस्टम में रखा गया है। जनपद के डॉक्टरों के लिए ये कलोडीयन बेबी रिसर्च का केंद्र बना हुआ है।
बहराइच जनपद के मोतीपुर इलाके की माजिदा को प्रसव पीड़ा होने के बाद उन्हें स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया। जहां उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे की शक्ल सूरत को देख परिजन ही नही डॉक्टर्स भी डर गए, लेकिन काफी देर तक जांच परख बाद बच्चे के परिजन बच्चे को लेकर बहराइच पहुँचे और जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। जिला अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डाक्टर केके वर्मा भी बच्चे की स्थिति को देखकर हतप्रभ रह गए।
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डॉक्टरों ने काफी जांच के बाद इस नवजात का नाम क्लोडियन बेबी रखा। कलोडीयन बेबी का इलाज कर रहे डाक्टर के के वर्मा ने बताया कि इस तरह के बच्चे बहुत संवेदनशील शील होते हैं। संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है इनके भीतर बीमारियों से लड़ने की क्षमता बहुत कम होती है। इसी वजह से ऐसे बच्चे को आम बच्चों से दूर और बेहद निगरानीपूर्ण रखा जाता है ताकि इन्हें बचाया जा सके। इस तरह के बच्चों का इम्युनल सिस्टम बहुत कमजोर होता है। जिला अस्पताल के लाइफ सपोर्ट सिस्टम में रखा ये कलोडीयन बेबी डाक्टरों के लिए एक चैलेंज भी बना हुआ है चूंकि इस तरह के बच्चे को बचाना पाना काफी मुश्किल का काम होता है लेकिन फिर भी बहराइच के डॉक्टर्स इस बच्चे को बचाने की सभी जुगत में लगे हुए हैं।