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ADG के बस्ती पहुंचते ही SP का ट्रांसफर, युवती से अश्लीलता केस में नपे पुलिसकर्मी
पूरे मामले पर एसपी हेमराज मीणा ने कहा कि काजल सिंह ने एसआई दीपक सिंह पर आरोप लगाया था कि आनावश्यक रूप से बात करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
बस्ती। बस्ती में महिला से अश्लील मैसेज मामले में दारोगा के सस्पेंड होने के बाद अब एसपी हेमराज मीणा का तबादला कर दिया गया। उन्हें लखनऊ मुख्यालय अटैच किया गया है। उसके स्थान पर अब बस्ती की कमान आशीष श्रीवास्तव को मिली है।
क्या है मामला
बस्ती जिले के सदर कोतवाली के पोखरभिटवा गांव की निवासी काजल सिंह ने एसआई दीपक सिंह पर जबरन फोन करने और व्हाट्सऐप पर चैट करने का आरोप लगा कर सनसनी फैला दी थी, जिस पर एसआई को एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया गया था। इस के बाद से एक वर्ष में पीड़िता का आरोप है की उन के और परिवार के खिलाफ एसआई दीपक सिंह ने 8 मुकदमें दर्ज करा दिए हैं। यह मामला राज्यमहिला आयोग में पहुंचने के बाद फिर सुर्खियों में है।
पीड़िता ने एसआई पर लगाया आरोप
मामला लॉकडाउन के समय का है, पीड़िता का आरोप है कि 31 मार्च 2020 को वह घर से अपनी दादी की दवा लेने घर से निकली थी। सोनूपार चौकी पर तैनात एसआई दीप सिंह ने उसे रोक लिया और गाड़ी का कागज चेक करने लगा, घण्टो तक चौकी में बैठाने के बाद मेरा मोबाइल नम्बर लेकर छोड़ दिया। उस दिन से मेरे मोबाइल पर कॉल और व्हाट्सएप करने लगा और अश्लील बातें करने लगा, जिसके बाद मैने एसआई दीपक सिंह का नम्बर ब्लाक कर दिया।
इसके बाद 2 अप्रैल 2020 को दवा लेने के लिए दोबारा निकली। एसआई दीपक सिंह ने मुझे रोक लिया,और धमकी देने लगा, और बात करने के लिए दबाव बनाने लगा, पीड़िता ने जब नम्बर ब्लाक कर दिया तो एसआई दूसरे नम्बर से काल करने लगा, उस के बाद एसआई ने पीड़िता के भाई के खिलाफ जानलेवा हमला, बंधक बनाने और पिस्टल छीनने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया।
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एक साल में दर्ज हुए 8 मुकदमें
इस मुकदमें में पीड़ित लड़की के भाइयों, बहन और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया। एक साल के अंदर लड़की और उसके परिजनों पर 8 मुकदमें दर्ज हो गए। वहीं पीड़िता का कहना है की मुकदमों की वजह से उस की शादी नहीं हो पा रही है। नामजद मुकदमा होने की वजह से उस की फुफेरी बहन की भी शादी टूट गई। जिले के सभी अधिकारियों से इंसाफ की मांग की गई लेकिन एसआई को लाइन हाजिर कर मामले को रफा दफा कर दिया गया। हमारा पूरा परिवार मुकदमें की वजह से बहुत परेशान है। हमारा पूरा परिवार तबाह बरबाद हो गया। अगर हम लोगों को न्याय नहीं मिलेगा तो सुसाइड के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं है।
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एसपी हेमराज मीणा का बयान
वहीं इस पूरे मामले पर एसपी हेमराज मीणा ने कहा कि काजल सिंह ने एसआई दीपक सिंह पर आरोप लगाया था कि आनावश्यक रूप से बात करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इसकी सूचना पर एएसपी से मामले की जांच कराई गई थी। एएसपी द्वारा जब सभी पहलुओं की जांच की गई तो ये चीजें निकल कर सामने आई थी कि इस तरह का कोई मामला नहीं था।
मुकदमें की विवेचना के दौरान लड़की के भाई अखिलेश सिंह के द्वारा एसआई दीपक सिंह से वार्ता की गई थी। एसआई दीपक सिंह ने नम्बर लिया था, लेकिन इन लोगों द्वारा व्हाट्सएप चैटिंग का कुछ पेपर दिया गया था, जब उन नम्बर की जांच कराई गई तो नम्बर एसआई दीपक सिंह का नहीं पाया गया। अनुशासनहीनता में एसआई दीपक सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया था। वर्तमान में एसआई दीपर सिंह कुशीनगर एयरपोर्ट पर अटैच हैं, इस पूरे प्रकरण की जांच एएसपी स्तर से कराई गई थी।
झूठा निकला आरोप
आवेदिका द्वारा जो आरोप लगाए जा रहा है, उस में इस तरह की कोई सच्चाई सामने नहीं आई थी। एसआई दीपक सिंह पर 8 मुकदमें दर्ज करने के जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो गलत हैं। गांव में इन के भूमि विवाद चल रहे हैं उन्हीं मामलों में मुकदमे दर्ज हुए हैं। पोखरभिटवा गांव में गत वर्ष जून में एक घटना हुई थी। रवेन्यू की टीम चकरोड के नाप के लिए गांव में गई थी, उस समय वहां पर लोगों ने सरकारी काम में बाधा डाली उस समय वहां के एसआई दीपक सिंह थे, जो मौके पर गए, उन को और रवेन्यू की टीम को इन लोगों द्वारा बंधक बना लिया गया था, जिसमें इन लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था। इस के अलावा गांव में अन्य लोगों से भी इन के जमीनी मामले चल रहे हैं जिन को लेकर मुकदमें दर्ज किए गए हैं।
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एडीजी गोरखपुर ने पत्रकारों को दी जानकारी
पोखर भिटवा पहुंचे अखिल कुमार एडीजी गोरखपुर ने पत्रकारों को बताया कि शासन के सर्वोच्च स्तर से प्रमुख सचिव गृह ने मुझे जांच सौंपी है। इस जांच टीम में जिला अधिकारी बस्ती मंडल आयुक्त बस्ती आईजी जोन बस्ती मंडल सहित कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं। आज हम लोग जांच करने आए हैं और जो विवाद का जड़ था। चकरोड उस चकरोड का निरीक्षण किया गया है। अब पीड़ित परिवार का बयान लिया जाएगा साथ ही पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि कहीं ना कहीं पुलिस की जांच रिपोर्ट में कुछ कमियां थी या नहीं, आपको यहां जांच करने आना पड़ा। तब उन्होंने बताया कि जो जांच में तथ्य सामने आएगा उसको हम लोग शासन को सौंप देंगे शासन निर्णय लेगा शासन का काम है।
रिपोर्ट- अमृतलाल
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