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वाहनों के चालान कोर्ट भेजने में देरी पर डीजीपी से हलफनामा तलब

26 अप्रैल 19 को याची दोपहिया वाहन से जा रहा था।जार्ज टाउन थाने के दरोगा कृष्ण कुमार सरोज ने चेकिंग के दौरान वाहन का चालान काटा और ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया। चालान कोर्ट नही भेजा गया जिससे याची जब्त लाइसेंस नही छुड़ा सका।

SK Gautam
Published on: 4 Jun 2023 4:22 AM IST
वाहनों के चालान कोर्ट भेजने में देरी पर डीजीपी से हलफनामा तलब
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इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चेकिंग में वाहनों का चालान कर कोर्ट में भेजने में देरी को गम्भीरता से लिया है और प्रदेश के डीजीपी से हलफनामा माँगा है कि चालान कोर्ट भेजने के लिए कितना समय चाहिए। कोर्ट ने डी जी पी को यह भी निर्देश दिया है कि प्रदेश की पुलिस को सर्कुलर जारी कर वाहनो के चालान3 दिन में कोर्ट भेजे।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति राजीव मिश्र की खण्डपीठ ने प्रयागराज के आलोक कुमार यादव की याचिका पर दिया है।

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सर्कुलर जारी कर 3 दिन में चालान कोर्ट में भेजने का दे पुलिस को निर्देश

26 अप्रैल 19 को याची दोपहिया वाहन से जा रहा था। जार्ज टाउन थाने के दरोगा कृष्ण कुमार सरोज ने चेकिंग के दौरान वाहन का चालान काटा और ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया। चालान कोर्ट नही भेजा गया जिससे याची जब्त लाइसेंस नही छुड़ा सका। उसने अधिकारियो से चालान कोर्ट भेजने की मांग की । तो अधिकारियो ने याची के नाम एक फर्जी पत्र लिखवाया जिसमे 29 जुलाई 19 को याची से ड्राइविंग लाइसेंस खोने की बात लिखी गई।

जबकि लाइसेंस पुलिस ने जब्त कर लिया था। सरकारी वकील इसका संतोषजनक जवाब नही दे पाए तो कोर्ट ने अधिकारियो को तलब किया।

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लाइसेंस खो जाने के कारण याची के वाहन का चालान नही भेजा जा सका

अगली सुनवाई के दिन एस एस पी प्रयागराज सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ,एस पी ट्रैफिक कुलदीप सिंह व् दरोगा के के सरोज कोर्ट में हाजिर हुए और गलती मानी कि लाइसेंस खो जाने के कारण याची के वाहन का चालान नही भेजा जा सका।अधिकारियो ने माना ऐसे बहुत से चालान भेजने में काफी देरी होती है।पुलिस ने बेहतर जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा।

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कोर्ट ने कहा कि वाहनों के चालान भेजने में देरी के चलते पिछले 2 साल में 57 से 75 लाख मुकदमे लंबित है।पुलिस अचानक भारी संख्या में चालान कोर्ट भेज देती है।कोर्ट स्टाफ को उन्हे पंजीकृत कर मुकदमा संख्या देने में भारी दिक्कत उठानी पड़ती है।

कोर्ट ने डी जी पी को निर्देश दिया है कि प्रदेश भर से पुलिस से आंकड़े इकट्ठा कर स्वयं इस मामले को देखे और उचित दिशा निर्देश जारी करे।



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