TRENDING TAGS :
Afzal Ansari Case: अफजाल अंसारी की याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई टली, गैंगस्टर एक्ट मामले में मिली है सजा
Afzal Ansari Case: उच्च न्यायालय ने सुनवाई की तारीख आज यानी बुधवार 24 मई को तय कर दी थी। हाईकोर्ट में अफजाल की ओर से सीनियर वकील उपेंद्र उपाध्याय ने पक्ष रखा था।
Afzal Ansari Case: जेल में बंद कुख्यात माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर संसदीय सीट से बीएसपी के पूर्व सांसद अफजाल अंसारी की याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई है। अफजाल अंसारी ने गाजीपुर एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा गैंगस्टर एक्ट मामले में सुनाई गई सजा के खिलाफ अपील की है। पूर्व बसपा सांसद की ओर से यह याचिका 19 मई को दायर की गई थी।
राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता ने इस पर बहस के लिए दो दिन का समय मांगा था। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने सुनवाई की तारीख आज यानी बुधवार 24 मई को तय कर दी थी। हाईकोर्ट में अफजाल की ओर से सीनियर वकील उपेंद्र उपाध्याय ने पक्ष रखा था। उपाध्याय ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा था कि दो बार के सांसद और पांच बार के विधायक अफजाल अंसारी को राजनीतिक रंजिश के तहत गैंगस्टर के झूठे मुकदमे में फंसाया गया।
उन्होंने अदालत को आगे बताया कि कृष्णानंद राय हत्याकांड के जिस मुकमदे के आधार पर अफजाल अंसारी पर वर्ष 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया,सत्र न्यायालय ने उस मुकदमे में अफजाल को दोषमुक्त कर दिया है। इसके अलावा एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय ने कहा कि 2007 के बाद से अफजाल के खिलाफ एक भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ। गैंगस्टर एक्ट के आरोप से जुड़ी जनता की ओर से एक भी शिकायत नहीं हुई। गैंगस्टर एक्ट के तहत यह मुकदमा पुलिस के द्वारा दर्ज किया गया था।
29 अप्रैल को सुनाई गई थी सजा
यूपी के बहुचर्चित भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में माफिया मुख्तार अंसारी और उसके बड़े भाई अफजाल अंसारी पर साल 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें दोनों अंसारी भाईयों के बहनोई एजाजुल हक का नाम भी शामिल था, जिसकी बाद में मौत हो गई थी। बीते 29 अप्रैल को गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने इस मामले में सजा सुनाई थी। कोर्ट ने अफजाल को चार साल की सजा के साथ-साथ 1 लाख रूपये का जुर्माना लगाया था।
सजा के ऐलान के साथ ही उनकी गाजीपुर से सांसदी चली गई। पुलिस ने कोर्ट में ही उन्हें हिरासत में ले लिया था। वहीं, माफिया से बाहुबली नेता बने मुख्तार अंसारी को इस मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी। मुख्तार पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया था। कुख्यात माफिया फिलहाल बांदा जेल में बंद है।