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जेल से छूटे बेगुनाह दंपति को नहीं मिले बच्चे, यूपी सरकार को नोटिस जारी
आगरा जिले के बाह के जरार निवासी दंपत्ति को पांच वर्षीय बालक रंजीत उर्फ चुन्ना की हत्या में 2015 में जेल भेजा गया था। हत्या की रिपोर्ट में दंपत्ति पर संदेह जताए जाने पर बगैर छानबीन किए जेल भेजे गए।
आगरा बगैर कोई गुनाह किए पांच साल तक जेल में रहे आगरा के नरेंद्र और उनकी पत्नी नजमा को अब उनके बच्चे नहीं मिले हैं। दंपत्ति को जेल भेजने के बाद पुलिस ने बच्चों को अनाथालय भेजे जाने की बात कही थी, लेकिन अब बच्चे कहां है इसकी जानकारी अधिकारी भी नहीं दे पा रहे हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी सरकार को भेजा नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजे गए नोटिस पर चार सप्ताह में विस्तृत जवाब मांगा गया है। आयोग ने इस मामले को मानवाधिकारों का गंभीर हनन माना है। आगरा जिले के बाह के जरार निवासी दंपत्ति को पांच वर्षीय बालक रंजीत उर्फ चुन्ना की हत्या में 2015 में जेल भेजा गया था। हत्या की रिपोर्ट में दंपत्ति पर संदेह जताए जाने पर बगैर छानबीन किए जेल भेजे गए पति-पत्नी के उस समय पांच साल का बेटा अजीत और तीन साल की बेटी अंजू थी।
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21 जनवरी को जेल से रिहा हुए दंपत्ति
21 जनवरी को अदालत ने दंपत्ति को निर्दोष पाते हुए बरी कर दिया था और एसएसपी आगरा को इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा था। अदालत ने प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका भी तय किए जाने के निर्देश दिए थे। जब दंपती रिहा होकर बाहर आए तो उन्हें अपने बच्चे कहीं नहीं मिले। बच्चों के बारे में पुलिस और अन्य अधिकारी कोई जवाब नहीं दे सके।
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मीडिया में खबर आने पर आयोग ने लिया संज्ञान
समाचार पत्रों में मामला प्रकाशित होने के बाद इस प्रकरण का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए अब मुख्य सचिव व डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। आयोग ने कहा है जवाब में दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की भी जानकारी दी जाए।
रिपोर्टर प्रवीन शर्मा, आगरा