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11 महीने से बिना पगार के काम कर रहीं एजेके की महिला कर्मी

बुधवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य की जनसुनवाई में आपकी सखी आशा ज्योति केंद्र की महिला वर्करों को सैलरी न मिलने का मामला खूब उठा।

Shreya
Published on: 5 March 2020 10:10 AM GMT
11 महीने से बिना पगार के काम कर रहीं एजेके की महिला कर्मी
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कन्नौज: महिलाओं की समस्याएं हल करने वाली खुद 11 महीने से सैलरी के संकट से जूझ रही हैं। बुधवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य की जनसुनवाई में आपकी सखी आशा ज्योति केंद्र की महिला वर्करों को सैलरी न मिलने का मामला खूब उठा। प्रशासक ने परेशानी बयां की तो सदस्य ने वेतन दिलाने के लिए डीएम से बात की। डीपीओ पर भी नाराजगी जताई।

जिलास्तरीय विभागों के कई अधिकारियों के साथ हुई बैठक

शहर के पुलिस लाइन मार्ग स्थित सर्किट हाउस में राज्य महिला आयोग की सदस्य कुमुद श्रीवास्तव ने जिलास्तरीय विभागों के कई अधिकारियों, अतिरिक्त एसडीएम समेत सीओ आदि के साथ बैठक की। सदस्य ने कहा कि दिवाली निकल गई, अब होली भी आ गई है। आशा ज्योति केंद्र में काम करने वाली महिला वर्करों को कई महीनों सैलरी नहीं मिली है।

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उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों की रहने वाली लड़कियां परेशान है। सैलरी न मिलने की वजह से वह रो पड़ती हैं। सदस्य के पूछने पर एजेके की प्रशासक सुप्रिया पांडेय ने बताया कि इस साल नौ महीने और पिछला दो महीने का वेतन नहीं मिला है। नवम्बर में पत्र आया था कि एजेंसी का चयन और भर्ती का, लेकिन उसके बाद भी सैलरी नहीं दी गई।

इस पर महिला आयोग की सदस्य ने डीपीओ प्रेमेंद्र कुमार पर नाराजगी जताई। इस मौके पर अतिरिक्त एसडीएम हरीराम यादव, सीओ तिर्वा सुबोध जायसवाल, डीपीआरओ जेके मिश्र, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी तनुज त्रिपाठी, समाज कल्याण अधिकारी अंजनी कुमार, जीआईसी प्रधानाचार्य शिवमोहन कुशवाहा व संरक्षण अधिकारी विजय राठौर आदि रहे।

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डीपीओ के जवाब से संतुष्ट नहीं

डीपीओ ने बताया कि वह प्रयास करेंगे और किया भी है। इस जवाब से सदस्य संतुष्ट नहीं हुईं और ठोस पहल करने को कहा। सदस्य ने मोबाइल पर डीएम राकेश मिश्र से भी बात की और कहा कि जो अधिकारी वेतन के लिए हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। आखिर उनकी मंशा क्या है जो वेतन के लिए राजी नहीं हो रहे।

बदनाम कोई खेल किसी और का...

आशा ज्योति केंद्र में तैनात महिला कर्मियों को वेतन दिलाने के मामले में बदनाम तो विभाग के अधिकारी हैं, लेकिन इसमें खेल किसी दूसरे विभाग के अधिकारी का है। कहा जा रहा है कि फाइल पर दस्तखत इसलिए नहीं किए जा रहे हैं कि पुराने वर्कर छोड़कर चले जाएं और नई भर्ती कर दाम कमा लिए जाएं। हालांकि महिला आयोग की सदस्य ने हस्ताक्षर न करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई करने की बात डीएम से कही है।

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आवासीय स्कूल व जेल का भी निरीक्षण

बुधवार को सदस्य ने जिला जेल अनौगी व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय मित्रसेनपुर का भी निरीक्षण किया। जनसुनवाई के दौरान महिला आयोग की सदस्य ने कहा कि आवासीय स्कूलों में अंकुरित अनाज देने के लिए पिछली बार कहा था, लेकिन अब तक दिया नहीं गया है। बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग से कोई भी जिम्मेदार मौजूद भी नहीं था।

नौ मामले आए, एक निस्तारण

सर्किट हाउस में जनसुनवाई के दौरान नौ ममले आए, जिसमें एक का निपटारा हुआ। गुखरू निवासी रामसागर ने अपनी ससुराल कानपुर देहात के बरौर गांव निवासी पत्नी नीलम के न आने की बात कही। महिला थाना प्रभारी निरीक्षक पूनम अवस्थी ने नीलम के भाई से मोबाइल पर बात की और भेजने को कहा। गदनपुर ठठिया निवासी रामतीर्थ दुबे उर्फ कल्लू काड़ा ने बताया कि 10 फरवरी को 17 वर्षीय पुत्री का अपहरण हो गया था। मथुरा में ढाबे से किसी तरह भागकर उसने सूचना दी, पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज करली थी, लेकिन चारो आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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