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आकाशदीप से टिमटिमाने लगे काशी के घाट, शहीदों के याद में जलते हैं दीये

आयोजन की शुरुआत पांच वैदिक ब्राह्मणों द्वारा मां गंगा के षोडशोचार पूजन से किया गया, जिसके बाद मां गंगा की पवित्र धारा में 101 दीप प्रवाहित हुए। इसके बाद वेद पाठ के बीच दिव्य ज्योति की टोकरी को अनंत आकाश की ओर ले जाया गया।

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Published on: 31 Oct 2020 5:26 PM GMT
आकाशदीप से टिमटिमाने लगे काशी के घाट, शहीदों के याद में जलते हैं दीये
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आयोजन की शुरुआत पांच वैदिक ब्राह्मणों द्वारा मां गंगा के षोडशोचार पूजन से किया गया, जिसके बाद मां गंगा की पवित्र धारा में 101 दीप प्रवाहित हुए।

वाराणसी: दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति द्वारा शनिवार की शाम लोगों की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले यूपी के पुलिस और पी.ए.सी के वीर जवानों की याद में आकाश दीप जलाए गए । संस्था के सदस्यों ने कानुपर के बिकरु कांड में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के साथ यूपी के अन्य पुलिस और पीएसी के शहीद जवानों को नम आंखों से श्रद्धा सुमन अर्पित किया ।

आकाश में टिमटिमाने लगे ज्योति टोकरी

आयोजन की शुरुआत पांच वैदिक ब्राह्मणों द्वारा मां गंगा के षोडशोचार पूजन से किया गया, जिसके बाद मां गंगा की पवित्र धारा में 101 दीप प्रवाहित हुए। इसके बाद वेद पाठ के बीच दिव्य ज्योति की टोकरी को अनंत आकाश की ओर ले जाया गया।

आकाश मंडल में लालिमा छाने के साथ समिति ने उनका नमन किया जिन्होंने अपनी समूची जिंदगी आम नागरिकों के अमन-चैन को बनाए रखने के लिए अपने सुख-शांति को त्याग कर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। कोरोना संकट के कारण संस्था के सदस्य ही इस क्षण के गवाह बने।

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कोरोना काल में कायम है काशी की परंपरा

परलोक के पुण्य पथ पर विचर रहे दिवंगत आत्माओं का मार्ग अलौकित रहे इस ध्येय से दिव्य कार्तिक मास में गंगा तट, सरोवरों, कूपों, बावड़ियों और घर की छतों पर आकाश दीप जलाने की प्रथा काशी में सदियों पुरानी है। इसी परंपरा की कड़ी में आश्विन पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक पुलिस और पीएसी के वीर शहीद जवानों की याद में ये आयोजन हुआ।

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इस अवसर पर गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पंडित किशोरी रमन दुबे ने बताया कि कोरोना के कारण परम्परा का निर्वहन करते हुए सांकेतिक तौर पर सिर्फ संस्था के सदस्यों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

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