विहिप के मॉडल से राम मंदिर निर्माणः संतों ने जताया एतराज, ये है वजह

श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या के साधु-संत लामबंद होने लगे हैं। आज महंत पवन दास व महंत वरुण दास ने अयोध्या के संतों की तरफ से ज्ञापन श्री राम जन्म भूमि तीर्थ, क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष वह अयोध्या के प्रमुख संत नृत्य गोपाल दास जी को सौंपा है।

Ashiki
Published on: 31 May 2020 4:34 PM GMT
विहिप के मॉडल से राम मंदिर निर्माणः संतों ने जताया एतराज, ये है वजह
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अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या के साधु-संत लामबंद होने लगे हैं। आज महंत पवन दास व महंत वरुण दास ने अयोध्या के संतों की तरफ से ज्ञापन श्री राम जन्म भूमि तीर्थ, क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष वह अयोध्या के प्रमुख संत नृत्य गोपाल दास जी को सौंपा है। तथा एक ज्ञापन अयोध्या क्षेत्र के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता को दिगंबर अखाड़ा में सामूहिक रूप से संतों ने सौंपा।

विधायक ने बताया अयोध्या के संतों ने एक ज्ञापन मुझे सौंपा है राम मंदिर निर्माण के बारे में जिसको हम भारत सरकार के प्रधानमंत्री वह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपकर अयोध्या के संतों की भावनाओं से उन्हें अवगत कराएंगे।

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उन्होंने बताया कि अयोध्या में जब राम मंदिर का निर्माण फिलहाल शुरू हो गया है और उसमें किसी प्रकार की बाधा नहीं है लेकिन अयोध्या के संतों की भावनाओं का आदर किया जाना चाहिए जिसको हम उचित माध्यम से जिम्मेदार लोगों तक पहुंचाएंगे।

अखाड़ा परिषद् ने जताया एतराज

अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख संत रहे रामचंद्र परमहंस दास के उत्तराधिकारी महंत सुरेश दास के स्थान दिगंबर अखाड़ा पर अयोध्या के संत एकत्रित होकर विश्व हिंदू परिषद के मॉडल से बन रहे राम मंदिर एतराज जताया। इनका कहना है ट्रस्ट जिस मॉडल के अनुरूप के अनुरूप मंदिर निर्माण की बात कर रहा है वह 2 पॉइंट 77 एकड़ भूमि को आधार मानकर मंदिर का प्रस्ताव तैयार किया था, जबकि अब मंदिर निर्माण के लिए 70 एकड़ भूमि उपलब्ध है ऐसी दशा में भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। मुख्य रूप से दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मंदिर का निर्माण किए जाने तथा मंदिर की 20 फीट ऊंची बाउंड्री वॉल बनाने और संतों के स्थानीय विचार के साथ मंदिर का निर्माण कराया जाना चाहिए।

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फिलहाल कल तक इस मुहिम में शामिल राम जन्मभूमि आंदोलन आंदोलन के महत्वपूर्ण सिपाही महंत राम विलास वेदांती जी शामिल थे लेकिन आज ज्ञापन देने के लिए दिगंबर अखाड़ा नहीं है। उन्होंने बताया अभी ज्ञापन नहीं तैयार है इसलिए नृत्य गोपाल दास जी को ज्ञापन नहीं दिया गया जब उनसे इस बात की जानकारी दी गई विज्ञापन क्षेत्रीय विधायक वेद प्रकाश गुप्ता को दिया जा चुका है तो फिर उन्होंने इससे अनभिज्ञता जताई।

रसिक पीठाधीश्वर महंत जनमेजय शरण ने बताया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए एक ज्ञापन हम लोगों ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी को हम लोगों के प्रतिनिधि के रूप में एक ज्ञापन महंत पवन दास व महंत वरुण दास ने उनके मंदिर पर जाकर सौंपा है हमारे साथ अयोध्या के महंतों में दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास जी दंत धनकुंड के नारायणाचार्य के रामानंदाचार्य स्वामी दिनेश आचार्य महंत अवधेश कुमार दास राम भूषण दास उर्फ कृपालुजी बड़ी जगह के महंत आदि लोग शामिल थे।

अयोध्या में राम मंदिर जहां एक तरफ निर्माण शुरू हो गया है। वहीं दूसरी तरफ अयोध्या के संतों में राष्ट्र में वह राम मंदिर में अपनी भागीदारी को लेकर चिंताओं के बादल मंडराने लगे हैं यह चिंता ट्रस्ट के गठन के बाद ही शुरू हो गई थी लेकिन विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने उस समय महंत नृत्य गोपाल दास को मनोनीत कर ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाकर अयोध्या में सुलगती आग को बुझा दिया था, लेकिन इस बार फिर धीरे-धीरे अयोध्या में ट्रस्ट को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। अब यह लड़ाई किस करवट बैठती है यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन अयोध्या के संत फिलहाल अभी बैठकों का दौर कर संघर्ष का ऐलान कर रहे हैं।

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महंत जन्मेजय शरण ने बताया अभी देश में लॉक डाउन का माहौल है इसलिए हम कोई आंदोलन व संघर्ष नहीं कर सकते हैं लेकिन शांतिपूर्ण वातावरण में अपनी बातों को उचित स्थान पर रखने का माध्यम तलाश कर करते रहेंगे उसी श्रृंखला में आज एक ज्ञापन महंत नृत्य गोपाल दास जी को दिया गया है और उसकी प्रतिलिपि अयोध्या के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता को प्रदान कर इस पर कार्यवाही कराए जाने का अनुरोध किया गया। उन्होंने कहा शीघ्र ही हम साधु संत बैठकर अग्रिम कार्यवाही पर चर्चा कर इस कार्य को आगे बढ़ाएंगे।

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मंदिर निर्माण में 25 साल लग जाएगा: विहिप

विश्व हिंदू परिषद से जुड़े संतों का मानना है जो संत विरोध कर रहे हैं राम मंदिर ट्रस्ट के प्रस्तावित मॉडल को लेकर वह अपने जीवन काल में मंदिर निर्माण नहीं देख पाएंगे क्योंकि उसमें 25 साल लग जाएगा। जो मॉडल विश्व हिंदू परिषद ने परिषद ने बनाया है मंदिर का वह सर्वमान्य है।

उसी पर मंदिर निर्माण किया जाना चाहिए अयोध्या के संतों की बात को विश्व हिंदू परिषद के समर्थक संत अपना विरोधी मानने लगे जबकि अधिकांश संत जो आज नए मॉडल के साथ मंदिर निर्माण की बात कर रहे हैं वह सारे संत कहीं ना कहीं कहीं से पूर्व से विश्व हिंदू परिषद से जुड़े थे और आज भी वहीं खड़े दिखाई पड़ रहे हैं, लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट में अपनी भागीदारी को लेकर के मुखर होकर अपनी बात कहने की साहस कर रहे हैं। हनुमानगढ़ी के संत और राम मंदिर की लड़ाई अदालत में करने वाले धर्मदास ने तो अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट को विश्व हिंदू परिषद काप्रशिक्षण केंद्र बना दिया है।

रिपोर्ट: नाथ बख्श सिंह

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