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अखिलेश व मायावती ने स्वीकार की अमित शाह की बहस की चुनौती

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धाजंलि सभा में मीडिया से कहा कि भाजपा जब चाहें तब वह विकास के मुद्दे पर उनसे बहस करने को तैयार हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 22 Jan 2020 4:50 PM GMT
अखिलेश व मायावती ने स्वीकार की अमित शाह की बहस की चुनौती
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लखनऊ: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सीएए व एनआरसी पर बहस की चुनौती को स्वीकार करने की विपक्षी दलों के नेताओं में होड़ सी लग गई है। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी पर किसी भी मंच पर बहस करने को कहा है तो समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी गृहमंत्री अमित शाह की चुनौती को स्वीकार करते हुए विकास के मुद्दे पर बहस करने के लिए अपनी दावेदारी पेश की है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धाजंलि सभा में मीडिया से कहा कि भाजपा जब चाहें तब वह विकास के मुद्दे पर उनसे बहस करने को तैयार हैं।

अखिलेश ने कहा कि भाजपा, उन्हें जगह और मंच के बारे में बता दे, वह खुद ही वहां बहस के लिए पहुंच जाएंगे, लेकिन बहस का मुद्दा विकास होगा, नौकरियां होंगी, किसानों और नौजवानों के मुद्दे होंगे। बहस विकास पर होगी, जब और जहां चाहें बहस कर लें। भाजपा विकास पर बहस से भागती है। वह नोटबंदी, मंदी, अर्थव्यवस्था पर बहस नहीं करती है।

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इस दौरान सपा मुखिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा लगातार मुद्दों से भटकाने की राजनीति कर रही है। खासतौर से पूरे देश को जाति और धर्म के नाम पर बांटकर नफरत फैला रही है।

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सपा अध्यक्ष के बाद बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भी अपने ट्व्टिर हैंडल से ट्वीट करके केंद्रीय गृहमंत्री की बहस की चुनौती को स्वीकार किया। मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा, आति विवादित सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ पूरे देश में खासकर युवा व महिलाओं के संगठित होकर संघर्ष व आन्दोलित हो जाने से परेशान केन्द्र सरकार द्वारा लखनऊ की रैली में विपक्ष को इस मुद्दे पर बहस करने की चुनौती को बसपा किसी भी मंच पर व कहीं भी स्वीकार करने को तैयार है।

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गौरतलब है बीते मंगलवार को लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में आयोजित एक रैली में गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कांग्रेस, सपा व बसपा को इस मुद्दे पर खुले मंच पर बहस करने की चुनौती दी थी. अमित शाह ने कहा था कि सीएए को लेकर विपक्ष भ्रम फैला रहा है। यह कानून नागरिकता देने के लिए है, इससे किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। मैं विपक्ष को इस कानून को लेकर बहस करने की चुनौती देता हूं।

Dharmendra kumar

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