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किसी भी दशा में किसान से एमएसपी से कम धान ना खरीदा जाए: आलोक सिन्हा
कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा द्वारा योजना भवन वीसी कक्ष से प्रदेश में हो रही धान खरीद की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि केंद्र पर किसानों का उत्पीड़न ना हो उन्हें एमएसपी का भुगतान कराया जाना सुनिश्चित हो।
झाँसी: कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा द्वारा योजना भवन वीसी कक्ष से प्रदेश में हो रही धान खरीद की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि केंद्र पर किसानों का उत्पीड़न ना हो उन्हें एमएसपी का भुगतान कराया जाना सुनिश्चित हो। केंद्रों का औचक निरीक्षण लगातार किया जाए, क्रय केंद्रों पर घटतोली बर्दाश्त नहीं होगी। जिलाधिकारी केंद्रों पर नोडल अधिकारी नामित करें और प्रतिदिन की रिपोर्ट ले।
प्रदेश में धान खरीद की स्थिति
एपीसी ने कहा कि प्रदेश में धान खरीद की स्थिति संतोषजनक है इसे और बढ़ाया जाने की आवश्यकता है।उन्होंने रजिस्टर्ड किसानों का सत्यापन कराया जाए। केंद्र पर 50 कुंटल वाले किसानों को वरीयता देते हुए उनकी फसल को पहले क्रय किया जाए। उन्होंने वीसी के माध्यम से अधिकारियों को ताकीद करते हुए कहा कि 100 क्विंटल से अधिक धान विक्रय हेतु आने वाले किसानों का सत्यापन लेखपाल के माध्यम से अवश्य कराया जाए ताकि गड़बड़ी की संभावना हो। शासन की मंशा है कि किसान को उसकी उपज का समर्थन मूल्य प्राप्त हो। किसी भी दशा में उसे एमएसपी से कम में फसल ना बेचना पड़े, यह संवेदनशील होकर सुनिश्चित करें।
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उन्होंने कहा कि यदि क्रय केंद्र द्वारा किसान के धान को रिजेक्ट किया जाता है तो इसकी जांच की जाए। यदि केंद्र प्रभारी द्वारा गलत तरीके से धान रिजेक्ट किया तो कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 30% धान क्रय कर ली गई है। जनपद में जिलाधिकारी यह अवश्य सुनिश्चित करें कि किसान को एमएसपी से कम में धान विक्रय करने के लिए मजबूर ना होना पड़े। किसान को फसल का भुगतान 72 घंटों में सुनिश्चित किया जाए। एपीसी ने कहा कि केंद्र पर एक दिन में ज्यादा पेन्डेसी ना हो, साथ ही वर्षा होने पर फसल सुरक्षित रहे, इसका भी इंतजाम कर लिया जाए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी
वीडियो कांफ्रेंसिंग में जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बताया कि जनपद में धान क्रय हेतु 3 केंद्र स्थापित है। जनपद का लक्ष्य 200 मेट्रिक टन है, जिसके सापेक्ष जिले में अब तक 268.80 मेट्रिक धान खरीद ली गई है, जो 134.40% है। उन्होंने बताया कि जनपद में कॉमन रु. 1868 प्रति कुंटल, ग्रेड ए रु.1888 प्रति क्विंटल की दर से किसानों को उनकी फसल का भुगतान किया जा रहा है। जनपद में 330 किसान पंजीकृत हैं तथा उनकी फसल का सत्यापन कराया जा रहा है।
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उन्होंने कृषि उत्पादन आयुक्त को बताया कि जनपद में कोई भी चावल मिल उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण होने वाली धान का हलिंग कानपुर संभाग से कराई जाती है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने बताया कि जनपद में पराली जलाए जाने की घटनाओं पर एफ आई आर दर्ज की जा रही है और लगातार किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि खेत में आग ना लगाएं। इस अवसर पर आरएफसी नरेंद्र कुमार, एडीएम वित्त एवं राजस्व राम अक्षयवर चौहान, जिला खाद्य विपणन अधिकारी अनूप कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बीके कुशवाहा
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