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अब युवाओं को भड़काने में जुटीं महबूबा, 370 की बहाली के लिए दिया ये बयान
पीडीपी की युवा इकाई की ओर से आयोजित कार्यक्रम के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम सभी ने अपना जीवन जअया है मगर अब हमें घाटी के युवाओं और उनके बच्चों के बारे में जरूर सोचना होगा। उन्होंने कहा कि घाटी के युवाओं के भविष्य की रक्षा करने के लिए हम किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली तक तिरंगा झंडा न उठाने का विवादित बयान देने वाली पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अब युवाओं को भड़काने में जुट गई हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि हमें जम्मू कश्मीर के युवाओं के भविष्य की रक्षा करनी है और इसके लिए पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे की बहाली करनी ही होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी किसी भी हद तक संघर्ष करने के लिए तैयार है।
युवाओं के लिए संघर्ष करने का एलान
पीडीपी की युवा इकाई की ओर से आयोजित कार्यक्रम के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम सभी ने अपना जीवन जअया है मगर अब हमें घाटी के युवाओं और उनके बच्चों के बारे में जरूर सोचना होगा। उन्होंने कहा कि घाटी के युवाओं के भविष्य की रक्षा करने के लिए हम किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्व में भी हमारी पार्टी ने पुलिस की ज्यादतियों के खिलाफ काफी लड़ाई लड़ी है और इसके साथ ही पार्टी ने आतंकवादियों का आत्मसमर्पण भी कराया था मगर अब हमारा पूरा ध्यान जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली पर केंद्रित है और हमारी पार्टी इसके लिए पूरी तरह संघर्ष करने को तैयार है।
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अनुच्छेद 370 के लिए संघर्ष में युवा भी साथ
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विशेष दर्जे की बहाली के संघर्ष में घाटी के युवा भी पूरी तरह हमारे साथ हैं और उनका समर्थन उन्हें संघर्ष के लिए प्रोत्साहित करता है। महबूबा ने कहा कि मुफ्ती मोहम्मद सईद का यह सपना था कि जम्मू कश्मीर भारत और उसके पड़ोसियों के बीच एक पुल होना चाहिए। केंद्र सरकार को इस बयान की महत्ता समझनी चाहिए और आखिरकार उसे इस सिद्धांत का अनुसरण करना ही होगा।
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थोपे गए कानून बर्दाश्त नहीं करेंगे
महबूबा ने कहा कि पहले जो कानून बनाए गए थे उनके बारे में जनता से सलाह मशविरा किया गया था और वे जनता को सहूलियत देने के लिए बनाए गए थे मगर अब केंद्र सरकार की ओर से जो कानून कश्मीर के लोगों पर थोपे जा रहे हैं, उनसे लोगों की दिक्कतें काफी बढ़ गई हैं।
उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार की ओर से थोपे गए कानूनों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। महबूबा ने कहा कि पीडीपी का हमेशा यही एजेंडा रहा है कि जम्मू कश्मीर को अमन का पुल बनना चाहिए।
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तिरंगे को लेकर दिया था विवादित बयान
जम्मू कश्मीर में अपनी नजरबंदी समाप्त होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा लगातार विवादित बयान देने में जुटी हुई हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 की बहाली तक वह कश्मीर के अलावा कोई झंडा नहीं उठाएंगे।
उनका कहना था कि जिस वक्त हमारा यह झंडा वापस आएगा उस वक्त हम उस झंडे को भी उठा लेंगे मगर जब तक हमारा अपना झंडा हमारे हाथों में वापस नहीं आ जाता है तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे। महबूबा के इस बयान पर काफी विवाद पैदा हो गया था और विभिन्न सियासी दलों ने उनके इस बयान की तीखी आलोचना की थी।
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