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चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव: अंबेडकर नगर में हुआ आयोजन, शहीदों को किया याद

मुख्यमंत्री ने कहा कि चौरी चौरा में देश की स्वाधीनता के लिए अमूल्य संघर्ष प्रारंभ हुआ था जिसमें पुलिस और स्थानीय जनता के बीच संघर्ष में तीन स्वतंत्रता सेनानी शहीद हो गए थे। इसके उपरांत 228 सेनानियों पर ब्रिटिश सरकार ने मुकदमा चलाया था।

Chitra Singh
Published on: 4 Feb 2021 5:13 PM IST
चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव: अंबेडकर नगर में हुआ आयोजन, शहीदों को किया याद
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चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव: अंबेडकर नगर में हुआ आयोजन, शहीदों को किया याद

अंबेडकर नगर। चौरी चौरा शताब्दी वर्ष की शुरुआत गुरुवार सुबह 8:30 बजे प्रभातफेरी निकालकर की गई। प्रभात फेरी में विद्यालय के बच्चों के अलावा स्काउट गाइड, एनसीसी और एनएसएस के बच्चे शामिल रहे। जनपद के समस्त विकास खंडों के कार्यालयों एवं चयनित 8 शहीद ग्रामों में चौरीचौरा शताब्दी महोत्सव का आयोजन किया गया।

डाक टिकट जारी

इस अवसर पर ब्लॉक अकबरपुर में शहीद स्मारक स्मृति पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सरिता गुप्ता सहित जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी घनश्याम मीणा, अपर जिलाधिकारी डॉ पंकज कुमार वर्मा, जिला विकास अधिकारी वीरेंद्र सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पुष्प अर्पित कर शहीदों को नमन किया गया। इसके उपरांत कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन में सैलूट मुद्रा में वंदे मातरम के प्रथम छंद का गायन किया गया और उपरोक्त जनप्रतिनिधि गण एवं अधिकारीगण द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल संवाद स्थापित किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा 5 का डाक टिकट जारी किया गया।

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शहीदों की मजारों पर मेला का आयोजन

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि शहीदो की मजारों पर हर बरस मेले लगेंगे, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशा होगा। 100 साल बाद एक बार फिर शहीदों की मजारों पर मेला का आयोजन किया गया। दुनिया एक बार फिर चौरी चौरा के शहीदों के बलिदान को याद कर रही है। वही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वर्चुअल माध्यम से इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।

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स्वालंबन व स्वच्छता होगा देश

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आज से प्रदेश के सभी शहीद स्मारकों व स्थलों पर 1857 से 1947 के बीच स्वाधीनता के बाद भी विभिन्न युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अगले एक वर्ष तक इसका आयोजन किया जाएगा। प्रदेश के प्रत्येक शहीद स्मारक पर पुलिस बैंड द्वारा राष्ट्रभक्ति के गीतों व दीपोत्सव करने का निर्णय लिया गया है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सभी इस आयोजन के माध्यम से स्वदेशी स्वालंबन व स्वच्छता की ओर अग्रसर हो सकेंगे।

"स्वरक्ते स्वराष्ट्र रक्षते"

मुख्यमंत्री ने कहा कि चौरी चौरा में देश की स्वाधीनता के लिए अमूल्य संघर्ष प्रारंभ हुआ था जिसमें पुलिस और स्थानीय जनता के बीच संघर्ष में तीन स्वतंत्रता सेनानी शहीद हो गए थे। इसके उपरांत 228 सेनानियों पर ब्रिटिश सरकार ने मुकदमा चलाया था। इसमें 19 लोगों को मृत्युदंड ,14 को आजीवन कारावास दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस शताब्दी महोत्सव को जो "LOGO" जारी किया गया है वह "स्वरक्ते स्वराष्ट्र रक्षते" अर्थात हम अपने रक्त से अपने राष्ट्र की रक्षा करते हैं यानी मेरा वैभव अमर रहे। "तेरा वैभव अमर रहे मां ,हम रहे ना रहे का भाव लिए हुए हैं।

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आंदोलन में 19 क्रांतिकारियों को फांसी

इस मौके पर जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में अवगत कराया कि गोरखपुर शहर से 26.3 किलोमीटर पूर्व में स्थित ऐतिहासिक स्थल चौरी चौरा को 4 फरवरी 1922 को हुए जन आंदोलन के लिए याद किया जाता है। इस जन आंदोलन में जहां पुलिस वालों की गोली का शिकार हुए क्रांतिकारियों को अपनी जान गवानी पड़ी तो वही भीड़ के गुस्से का शिकार हुए 23 पुलिस वालों को थाने में जिंदा जला दिया गया था। इस जन आंदोलन में 19 क्रांतिकारियों को फांसी की सजा दी गई थी।

रिपोर्ट- मनीष मिश्रा

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