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Ambedkar Nagar News: ‘वनराजा’ को डीएम ने लगाया गले, अपने आवास पर कराया भोजन, ये थी वजह

Ambedkar Nagar News: इस बार लीक से हटकर आंबेडकरनगर के डीएम ने कार्य किया है। यहां समाज से कटकर अंतिम पायदान पर पहुंचे मुसहर जाति (वनराजा) के लोगां को जिलाधिकारी ने गले लगाकर अपने आवास पर भोजन कराया।

Anant kushwaha
Published on: 25 July 2023 4:45 PM IST
Ambedkar Nagar News: ‘वनराजा’ को डीएम ने लगाया गले, अपने आवास पर कराया भोजन, ये थी वजह
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DM Hugged and Gave Food to Mushar Community People at his Residence,Ambedkar Nagar

Ambedkar Nagar News: वैसे तो आम तौर पर जिला प्रशासन शासनादेश के अनुरूप सरकार का कार्य करता ही रहता है। लेकिन इस बार लीक से हटकर आंबेडकरनगर के डीएम ने कार्य किया है। यहां समाज से कटकर अंतिम पायदान पर पहुंचे मुसहर जाति (वनराजा) के लोगां को जिलाधिकारी ने गले लगाकर अपने आवास पर भोजन कराया।

समाज की मुख्यधारा में लाने की कवायद

मुसहर जाति (वनराजा) को आमतौर पर काफी पिछड़ी जातियों में माना जाता है। डीएम इन्हें मुख्य धारा में लाने का प्रयास कर रहें हैं। जिसके बारे में किसी जिला प्रशासन ने अभी तक सोचा भी नहीं था। ये मुसहर जातियां इन्हें वनराजा भी बोलते हैं। यानी जंगल का राजा जो पहले वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए ढाख के पत्ते का दोना और पत्तल बनाते थे। जिससे इनकी रोजी रोटी चलती थी, लेकिन आधुनिकता के दौर में जबसे मशीन से निर्मित दोना और पत्तल बिकने लगे, तबसे इनका रोजगार चला गया और आर्थिक रूप से कमजोर होते गए। समाज के मुख्य धारा से कटने के कारण कभी-कभी धार्मिक पलायन भी इसका जरिया बनने लगी। अंबेडकरनगर के जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने इनका दुख दर्द समझा और इनके घर पहुंच गए। लोगों को गले लगाया और अपने आवास पर बुलाकर अंगवस्त्र देकर भोजन कराया। यह अहसास दिलाया कि आप इसी समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और पूरा जिला प्रशासन आपके साथ है।

आंबेडकर में बहुतायत में हैं मुसहर जाति के लोग

बताते चलें कि आंबेडकरनगर में वनराजा यानी मुसहर समुदाय के लोग बहुतायत मात्रा में हैं। डीएम कहते हैं कि इनका समाज के विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। जिला प्रशासन इनको आगे लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। दोना पत्तल बनाने के लिए इन्हें मशीन भी दिलाई जाएगी। पहले शादी विवाह में इनका आगमन और इनके द्वारा बनाए गए दोना पत्तल का उपयोग शुभ माना जाता। लेकिन भौतिकतावादी युग और आधुनिक चकाचौंध ने इन्हें न केवल बेरोजगार किया, बल्कि आखिरी पायदान पर पहुंचने का कार्य किया। अब इनके उत्थान के प्रयास किए जाएंगे।

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