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UP में करोड़ो का घोटाला: अब तक नही हुई गिरफ्तारी, पुलिस की नाकामी आई सामने

घोटाले का पहला मामला कटेहरी विकासखंड में सामने आया था जंहा तीन सहायक विकास अधिकारियों द्वारा 96 लाख 6134 रुपए का अनियमित रूप से आहरण किया गया था। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला विकास अधिकारी ने इस घोटाले की तहरीर दी थी।

Rahul Joy
Published on: 28 Jun 2020 8:49 AM GMT
UP में करोड़ो का घोटाला: अब तक नही हुई गिरफ्तारी, पुलिस की नाकामी आई सामने
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अंबेडकर नगर । जिले के सात विकास खंडों में 14वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि के तकनीकी एवं प्रशासनिक मद में हुए लाखों के घोटाले के प्रकरण में जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र के कड़े रुख के बाद 11 कार्यरत व एक सेवानिवृत्त सहायक विकास अधिकारी पंचायत के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया है लेकिन चार दिन बीत के बावजूद एक भी आरोपी अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लग सका है ।

पुलिस हवा में चला रही तीर

इस गंभीर प्रकरण की जांच क्षेत्राधिकारी सदर धर्मेंद्र सचान को सौंपी गई थी लेकिन अभी तक उनके नेतृत्व में पुलिस अमला हवा में ही तीर चला रहा है ।पुलिस अमला संबंधित अधिकारियों के निकट संबंधियों से पूछताछ करने में लगा हुआ है। आरोप यह है कि आरोपियों के परिजनों व उनके रिश्तेदारों तथा मित्रों को पुलिस द्वारा प्रताड़ित भी किया जा रहा है । निदेशक पंचायती राज किंजल सिंह द्वारा सभी आरोपियों को निलंबित किया जा चुका है लेकिन अभी तक उनके विरुद्ध विभागीय जांच की प्रक्रिया नहीं शुरु की जा सकी है।

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प्रदेश स्तर पर जांच शुरू की गई

घोटाले का पहला मामला कटेहरी विकासखंड में सामने आया था जंहा तीन सहायक विकास अधिकारियों द्वारा 96 लाख 6134 रुपए का अनियमित रूप से आहरण किया गया था। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला विकास अधिकारी ने इस घोटाले की तहरीर दी थी। बताया जाता है कि कटेहरी में तैनात रह चुकी एक महिला बीडीओ द्वारा अपने कुछ विरोधियो को सबक सिखाने के लिए यह चाल चली गयी लेकिन अब यही चाल सबके गले की हड्डी बन गया है।कटेहरी से शुरू हुआ यह मामला जिले के अन्य विकास खंडों में भी पहुंच गया और अब इस पर प्रदेश स्तर पर जांच शुरू हो गयी है।

जिले में अब तक एक करोड़ 75 लाख 9881 रूपये की अनियमितता सामने चुकी है। जानकारी के अनुसार सहायक विकास अधिकारियों ने पहले एकल खाते का संचालन किया और बाद में धन निकासी के उपरांत बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के उसे व्यय कर दिया। यही अनियमितता उनके गले की फांस बन चुकी है।

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शासनादेश का अनुपालन नहीं किया गया

शासनादेश के अनुसार इस खाते का संचालन खंड विकास अधिकारियों व सहायक विकास अधिकारी पंचायत के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाना था लेकिन टांडा एवं जहांगीरगंज विकासखंड को छोड़कर किसी भी विकासखंड में इस शासनादेश का अनुपालन नहीं किया गया। कटेहरी विकासखंड में सहायक विकास अधिकारी पंचायत बृजेश सिंह द्वारा 48 लाख 48 हजार ₹288 का अनियमित रूप से आहरण किया गया। इसी प्रकार जगदंबा शुक्ला द्वारा तीस लाख 76 हजार ₹435 तथा अखिलेश गौड़ द्वारा 1681411 रूपया का अनियमित रूप से आहरण किया गया है। अकबरपुर विकासखंड में धनजीत व गुलाबचंद द्वारा क्रमशः ₹181824 का अनियमित आहरण किए जाने का मामला सामने आया है।

भीटी में दिनेश चंद श्रीवास्तव द्वारा ₹539618 तथा यहीं पर लाल साहब सिंह द्वारा 1363352 रुपए का अनियमित आहरण किया गया। सहायक विकास अधिकारी पंचायत रमाकांत मिश्रा द्वारा रामनगर विकासखंड में 15 लाख 18 हजार 871 तथा जलालपुर विकासखंड में 12 लाख ₹17900 का अनियमित आहरण किया गया है। बसखारी विकासखंड में जयप्रकाश सिंह द्वारा 1329819 रुपए एवं भीटी में पंकज मोहन मिश्र द्वारा 243080 का अनियमित रूप से आहरण किया गया । भियाव में तैनात रह सेवानिवृत्त सहायक विकास अधिकारी पंचायत उमाशंकर यादव ने 462796 तथा बसखारी में तैनाती के दौरान ₹914663 का गलत तरीके से किया ।

आगे की प्रक्रिया ठप पड़ गयी

सभी सहायक विकास अधिकारियों व प्रभारी रहे सहायक विकास अधिकारियो के विरुद्ध तो मुकदमा दर्ज हो गया है लेकिन इसके आगे की प्रक्रिया ठप सी पड़ गयी है । कारण साफ़ है कि यदि जाँच आगे बढ़ी तो इसमें खण्ड विकास अधिकारियो पर भी कार्यवाई होना तय माना जा रहा है। मौजूदा समय में कुछ जनपद स्तरीय अधिकारियों के पास भी विकास खंडों का प्रभार है ।इसलिए अपनी गर्दन फंसते देख वे अब बचाव का रास्ता तलाशने में जुट गए हैं।

रिपोर्टर- मनीष मिश्रा, अम्बेडकरनगर

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