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अम्बेडकरनगर मेडिकल कालेज: सीनियर चिकित्सकों ने जूनियर को बनाया मुर्गा
एक माह बीतने को है लेकिन इस कमेटी ने अभी तक अपनी रिपोर्ट प्राचार्य को नही सौंपी है। वहीं दूसरी तरफ पीड़ित चिकित्सक ने अलीगंज थाने तथा पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की गुहार लगाई है
अम्बेडकरनगर: जिले में स्थित महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कालेज अपने ही चिकित्सकों की घिनौनी करतूत के कारण एक बार फिर चर्चा के केन्द्र में आ गया है। मेडिकल कालेज में काकस बना चुके कुछ वरिष्ठ चिकित्सकों के समुह ने एक जूनियर चिकित्सक के साथ जो कृत्य किया उससे मेडिकल कालेज शर्मसार हो गया है। इसके बावजूद तत्कालीन प्राचार्य डॉ. पीके सिंह ने इस गम्भीर मामले पर कोई कार्यवाही करने के बजाय डॉ. मौर्या के नेतृत्व में एक समिति का गठन कर उससे पूरे प्रकरण पर रिपोर्ट मांगी थी।
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हैरत इस बात को लेकर है कि लगभग एक माह बीतने को है लेकिन इस कमेटी ने अभी तक अपनी रिपोर्ट प्राचार्य को नही सौंपी है। वहीं दूसरी तरफ पीड़ित चिकित्सक ने अलीगंज थाने तथा पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की गुहार लगाई है लेकिन पुलिस भी अभी तक कुण्डली मारकर बैठी हुई है।
मामले की शुरूआत 18 दिसम्बर को अपरान्ह चार बजे हुई
मामले की शुरूआत 18 दिसम्बर को अपरान्ह चार बजे हुई। मऊ का रहने वाला डॉ. शैलेन्द्र मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग में जूनियर रेजीडेण्ट के पद पर कार्यरत है। कालेज के एनाटामी विभाग में मौजूद डॉ. जहीर विभागाध्यक्ष सर्जरी ने फोन कर डॉ. शैलेन्द्र को वहां बुलाया। जब शैलेन्द्र वहां पंहुचा तो वहां डॉ. आशीष यादव, डॉ. भारती यादव, डॉ. वीरेन्द्र, डॉ. प्रमोद कुमार यादव, डॉ.उजम कौसर, डॉ. जहीर अहमद, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. ज्योति रावत आदि लोग मौजूद थे। डॉ. शैलेन्द्र के अनुसार वह जैसे ही कमरे में पंहुचा डॉ. आशीष ने उसे मां-बाप की भद्दी -भद्दी गालियां दी तथा जोरदार चाटा मारा। इसके बाद उसे लगभग आधे घण्टे तक मुर्गा बनाकर रखा गया।
नीचे खड़ी उसकी मोटर साइकिल को भी तोड़ डाला
बाद में उसे पूरी घटना को कहीं बताने पर फर्जी केस में फंसाने तथा कालेज से बाहर निकालने की धमकी दी गई। इन चिकित्सकों का मन इतने से भी नही भरा। जब डॉ. शैलेन्द्र अपने कमरे में था उसी समय रात लगभग दो बजे डॉ. अनिल कुमार व अरविन्द आदि लोगों नें फोन पर धमकी देते हुए डॉ. आशीष यादव के कुछ इंटर्न छात्रों, कुछ जेआर छात्रों तथा डॉ. धनंजय यादव आदि को उकसा कर नीचे खड़ी उसकी मोटर साइकिल को भी तोड़ डाला।
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डरे सहमे डॉ. शैलेन्द्र ने इसकी मौखिक शिकायत मेडिकल कालेज के चैकी प्रभारी से की तथा थानाध्यक्ष व पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की भी मांग की लेकिन न तो पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही की और न ही कालेज प्रशासन ने। इस सम्बन्ध में जब मौजूदा प्राचार्य डॉ. संदीप कौशिक से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि प्रकरण उनके संज्ञान में आया है और जो भी इस कृत्य के लिए जिम्मेदार होंगे उनके विरूद्ध कालेज प्रशासन अवश्य कार्यवाही करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व प्राचार्य ने जो जांच समिति बनाई थी उससे भी शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा गया है।
रिपोर्ट- मनीष मिश्रा
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