हजारों बीघा फसल जलकर हुई खाक, प्रभावितों से मिलने पहुंची स्मृति का जमकर हंगामा

रविवार को मुंशीगंज थाना क्षेत्र के पश्चिम दुआरा गोवर्द्धन पुर गांव मे अज्ञात कारणो से लगी आग से किसानों की गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई। प्रशानिक लापरवाही ऐसी की सूचना के बावजूद एसडीएम मौके पर नहीं पहुंचे। इसी बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी वहां पहुंच गईं।

Dharmendra kumar
Published on: 28 April 2019 12:48 PM GMT
हजारों बीघा फसल जलकर हुई खाक, प्रभावितों से मिलने पहुंची स्मृति का जमकर हंगामा
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अमेठी: रविवार को मुंशीगंज थाना क्षेत्र के पश्चिम दुआरा गोवर्द्धन पुर गांव मे अज्ञात कारणो से लगी आग से किसानों की गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई। प्रशानिक लापरवाही ऐसी की सूचना के बावजूद एसडीएम मौके पर नहीं पहुंचे। इसी बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी वहां पहुंच गईं।

लोगो ने उन्हें बताया कि एसडीएम को सूचना देने के बाद भी वो मौके पर नहीं आए। इस पर उन्होंने मौके से ही डीएम को फोन लगाया तो एसडीएम के वीआईपी ड्यूटी में लगे होने का जवाब मिला। बस फिर क्या था स्मृति का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया।

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दरअसल कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बगैर किसी जानकारी के आज सुबह से ही अमेठी में थीं। वीआईपी प्रोटोकॉल के चलते प्रशानिक अमला उनके साथ लगा था, जिसकी कमान एसडीएम अमेठी के हाथो में थी। इस बीच करीब 11:30 बजे के आसपास मुंशीगज थाना क्षेत्र के पश्चिम दुआरा गोवर्धनपुर गांव में किसानों के खेत में अज्ञात कारणों से आग लग गई। हवा की रफ्तार तेज होने के चलते देखते ही देखते दर्जनों किसानो की हजारो बीघा गेहूं की फसल इसकी चपेट में आ गई। ग्रामीणों ने इसकी सूचना फायर ब्रिगेड एवं प्रशासनिक अधिकारियों को दी।

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उधर जब तक फायर ब्रिगेड टीम मौके पर पहुंचती तब केंद्रीय मंत्री एवं अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी मौके पर पहुंच गई। फायर ब्रिगेड की टीम तो अपना काम करने लगी लेकिन मौके पर उच्च अधिकारी के न होने पर स्मृति ने सवाल कर लिया। पता चला की एसडीएम को सूचना दी गई है। इस पर वो बिफर गई उन्होंने फोन लिया और डीएम अमेठी को काल लगा दी।

उन्होंने डीएम से कहा एसडीएम अमेठी को लोग तीन घंटे से फोन कर रहे हैं। मैं स्वयं यहां मौके पर खड़ी हूं, आग बुझाने में मदद कर रही हूं। आपके एसडीएम से हमने आग्रह किया के लोगों के लिए पानी खाने की व्यवस्था करा दें। वो वहां आफिस में बैठकर आराम फरमा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री के पास टाइम होता है अपना चुनाव प्रचार कैंसिल कर के जनता की मदद में खड़े रहने का और एक अधिकारी आराम फरमा रहा है।

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फिर कुछ देर उधर की बातें वो सुनती रही और फिर बोली की वो वीआईपी के व्यवस्था में लगे हैं। वीआईपी बनता क्यों हैं? ताकि जनता मदद हो। दरअसल ये पूरा आक्रोश स्मृति का प्रियंका गांधी पर था जो अधिकारियों पर निकल रहा था। अंत में स्मृति ने नुकसान से तड़प रही महिलाओं को समझाया बुझाया और अपने हाथों से उन्हें पानी भी पिलाया।

Dharmendra kumar

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