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स्मार्ट सुरक्षा उपकरण: एमिटी के वैज्ञानिकों ने किया अविष्कार, बचाएगा कोरोना से

इसको और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एमिटी के वैज्ञानिकों द्वारा बेहतरीन कार्य करने वाला, लघु साइज का, कम लागत का और कम उर्जा उपयोग करने वाली बैटरी से संचालित इलेक्ट्रोनिक उपकरण विकसित किया गया है।

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Published on: 27 July 2020 5:59 PM IST
स्मार्ट सुरक्षा उपकरण: एमिटी के वैज्ञानिकों ने किया अविष्कार, बचाएगा कोरोना से
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नोएडा: सुरक्षा उपायों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए और कोरोना वायरस के खिलाफ स्मार्ट सुरक्षा प्रदान करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों एंव शोधार्थियों द्वारा तीन स्मार्ट सुरक्षा उपकरणों का अनोखा अविष्कार किया गया है। एमिटी के वैज्ञानिकों ने कोविड वायरस के संक्रमण को और अधिक फैलने से रोकने के लिए प्रयोगशाला में समाजिक दूरी बनाए रखने के लिए नये इलेक्ट्रोनिक स्मार्ट उपकरण, सेल्फ सेंसिटाइजेशन सिस्टम के साथ स्मार्ट दस्ताने और स्वं - संक्रमण को रोकने के लिए स्मार्ट इलेक्ट्रोनिक उपकरण का अविष्कार किया गया है

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बैटरी से संचालित इलेक्ट्रोनिक उपकरण विकसित किया गया

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए समाजिक दूरी या शारीरिक दूरी को सबसे अनुशंसित उपाय माना गया है। इसको और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एमिटी के वैज्ञानिकों द्वारा बेहतरीन कार्य करने वाला, लघु साइज का, कम लागत का और कम उर्जा उपयोग करने वाली बैटरी से संचालित इलेक्ट्रोनिक उपकरण विकसित किया गया है। यह इलेक्ट्रोनिक उपकरण बजर के माध्यम से सिग्नल और प्रकाश संकेत अलार्म के माध्यम से दो व्यक्तियों के मध्य 6 फीट की दूरी बनाये रखने का कार्य करता है।

यह समाजिक दूरी के नियमों का उल्लघन करने पर जिन दो व्यक्तियों के पास यह इलेक्ट्रोनिक उपकरण है उन्हें चेतावनी देता है। आरएफ आधारित कम उर्जा इलेक्ट्रोनिक पोर्टेबल पाकेट फ्रेंडली उपकरण, बैंड के रूप में कलाई घ़डी की तरह काम करेगा भले ही लोगों का समूह कई दिशाओं से आ रहा हो। इस अविष्कार की प्रत्येक इकाई की लागत लगभग 400 से 500 रूपये है और रिर्जार्चेबल बैटरी का विकल्प भी इन उपकरणों मे आसानी से बनाया जा सकता है।

वायरस को फैलने से रोकेगा

एमिटी विश्वविद्यालय के नवोन्मेषक मस्तिष्क द्वारा विशेष प्रकार के दस्तानों को डिजाइन किया गया है जो ना केवल उसका उपयोग करने वाले व्यक्ति को सुरक्षित रखेगा बल्कि अपने विशेष डिजाइन के माध्यम से किसी भी प्रकार के वायरस को फैलने से भी रोकेगा। उसकी आंतरिक परत साधारण सुरक्षित दस्ताने के समान है उसके उपरांत द्वितीय परत विशेष मैटेरियल का बना है जो एंटीवायरस एजेंट/सैनिटाइजर/कीटाणुनाशक से भरा होता है।

सबसे उपरी परत छोटे छिद्रों युक्त है जों एंटीवायरल एजेंट को उपरी परत पर छोड़ती है जिससे दस्ताने वायरस मुक्त रहते है और वायरस इससे फैलते भी नही है। दस्तानों की उपरी परत पर सैनिटाइजर छोड़ने का दबाव उगलियों के संचालन से होता है जब उगलियां कोई भी वस्तु पकड़ती है। सुरक्षा प्रदान करने के साथ, नष्ट करने के दौरान भी यह दस्ताने किसी भी वायरस को फैलने से रोकते है क्योकी यह सैनेटाइजर युक्त होते है।

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चेहरा छूने से पहले बज जाएगा अलार्म

व्यक्तियों को बार बार अपनी आदत नाक एंव चेहरे को छूने की आदत से निजात दिलाने के लिए पहनने वाला, लघु साइज का, पोर्टेबल, कम लागत का एंव कम उर्जा युुक्त बैटरी का उपयोग करने वाला इलेक्ट्रोनिक उपकरण एमिटी के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है जो व्यक्ति जब भी अपने चेहरे को छूने के लिए हाथ का उपयोग करेगा तो अलार्म बजा देता है और व्यक्ति के अंदर सकारत्मक आदतों को विकसित करने में सहायता करता है। कम वजन का है जिसे गले में पेंडेंट की तरह पहना जाता है।

यह उपकरण अत्यंत शीघ्र कार्य करता है जैसे ही व्यक्ति अपने चेहरे की तरफ हाथ बढ़ाता है आईआर आधारित प्राक्सिीमिटी सेंसर तकनीकी से उपकरण कार्य करता है। बजर अलार्म, लेड लाइट एंव वाइब्रेशन मोटर, अलर्ट का संकेत देते है और जैसे जैस हाथ चेहरे के नजदीक पहंुचता है यह अधिक तेजी से संकेत देते है। लाॅकेट की तरह यह इलेक्ट्रोनिक उपकरण सकारात्मक आदतों को विकसित करने में सहायक है जो उपयोगकर्ता को संक्रमित होने से बचाता है औरा कोविड 19 एंव अन्य वायरल एंव बैक्टेरियल संक्रमण को फैलने से रोकता भी है।

डा वी के जैन के मार्गदर्शन में किया आविष्कार

इन सभी उपकरणों का अविष्कार एंव शोध, एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ एंडवास रिर्सच एंड स्टडीज (मैटेरियल एंड डिवाइस) के वरिष्ठ वैज्ञानिक एंव प्रोफेसर डा वी के जैन के मार्गदर्शन में किया गया है जिसमें उनकी टीम के डा सुमन नागपाल, डा देविंदर मधवाल और डा अभिषेक वर्मा भी शामिल है। डा वी के जैन ने इन उपकरणों के अविष्कार के लिए लाॅकडाउन की अवधि के दौरान भी कडी मेहनत से कार्य करने वाली अपनी टीम को श्रेय देते हुए कहा कि हमने तीन मुख्य मुद्दे जिसमें समाजिक दूरी, दस्ताने का उपयोग को सुनिश्चित करने एंव वायरस को फैलने से रोकने के लिए लोगों द्वारा अपने चेहरे को छूना बंद करने पर आदि पर ध्यान केन्द्रीत किया।

रिपोर्टर- दीपांकर जैन, नोएडा

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