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Anand Mohan: बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई पर नीतीश सरकार की सफाई, आम आदमी और अफसर में कोई फर्क नहीं

Anand Mohan: बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबानी के अनुसार नियमानुसार आनंद मोहन ने 15 वर्ष 9 माह की अवधि जेल में गुजारी है। परिहार सहित जेल में गुजारी गई कुल अवधि 22 वर्ष 13 दिन की हो चुकी है। जेल मैनुअल में दिए गए प्रावधानों के अनुसार कानून का पालन करते हुए आनंद को रिहा किया गया है। इस फैसले को राजनीतिक रंग देना उचित नहीं होगा।

Anant Shukla
Published on: 27 April 2023 3:58 PM GMT
Anand Mohan: बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई पर नीतीश सरकार की सफाई, आम आदमी और अफसर में कोई फर्क नहीं
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anand mohan singh case nitish kumar government clarification (Photo-Social Media)

Anand Mohan: डीएम जी कृष्णैया की हत्या में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई का कृष्णैया के परिवार सहित एक पक्ष द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। नीतीश सरकार का कहना कि गवर्मेंट की नजर में आईएएस, अधिकारी व आम आदमी एक समान हैं। जेल मैनुअल 2012 के अनुसार प्रावधान है कि यदि कैदी ने अच्छे चाल चलन के साथ 14 साल जेल में बिताएं हैं, तो ऐसे कैदी को 20 वर्ष परिहार अवधि कपूरा हो जाने पर रीहा किया जा सकता है।

बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबानी के अनुसार नियमानुसार आनंद मोहन ने 15 वर्ष 9 माह की अवधि जेल में गुजारी है। परिहार सहित जेल में गुजारी गई कुल अवधि 22 वर्ष 13 दिन की हो चुकी है। जेल मैनुअल में दिए गए प्रावधानों के अनुसार कानून का पालन करते हुए आनंद को रिहा किया गया है। इस फैसले को राजनीतिक रंग देना उचित नहीं होगा।

मोबाइल रखने के मामले को टाल दिया

आमिर सुबहानी ने बताया कि रिहाई से पहले आनंद मोहन का पूरा रिकॉर्ड देखा गया है। बाहुबली पर पिछले वर्ष मोबाइल रखने से जुड़ी प्राथमिकी दर्ज किए जाने से संबंधित प्रश्न पूछने पर उन्होने कहा कि इस विषय पर हमें ज्यादा जानकारी नहीं है।

मुख्य सचिव ने कहा कि कैदी को छोड़ने से पहले प्रोबेशन अधिकारी उसके गांव जाकर जांच पड़ताल करते हैं कि कहीं इसके छूटने समाज में बुरा प्रभाव तो नहीं पड़ेगा। इसक नियम का भी आनंद मोहन के रिहाई में लागू किया गया है।

आईएएस एसोसिएशन कर रहा है विरोध

आनंद मोहन की रिहाई का विरोध कर रहे केंद्रीय आईएएस एसोसिएशन पर मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या संस्था को अपनी मांग रखने या अपनी बात कहने का पूरा अधिकार होता है। मुख्य सचिव द्वारा गुरुवार को किए जा रहे प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृह विभाग के मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद और कारा महानिरीक्षक कपिल अशोक भी मौजूद रहे।

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