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आनंदीबेन ने छेड़ी नई मुहिम, छह हजार से अधिक टीबी पीड़ित बच्चे लिए गए गोद

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शनिवार को राजभवन में उत्तर प्रदेश क्षय-निवारक संस्था की वार्षिक समापन बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने बताया कि उनके प्रयास से 25 जनपदों में अब तक 18 वर्ष से कम आयु के 6,310 टीबी पीड़ित बच्चे गोद लिये गये हैं

राम केवी
Published on: 14 Dec 2019 2:29 PM GMT
आनंदीबेन ने छेड़ी नई मुहिम, छह हजार से अधिक टीबी पीड़ित बच्चे लिए गए गोद
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लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि स्कूल, कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों को अपने-अपने क्षेत्र में टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लेना चाहिए। जिले के अधिकारियों, गाँवों में प्रधान एवं उपचार कर रहे चिकित्सकों को भी बच्चों को गोद लेने के कार्यक्रम में सहयोग करना चाहिए। बच्चे जब स्वस्थ होंगे तभी अपनी शिक्षा पूरी कर पायेंगे और आजीविका या व्यवसाय कर पायेंगे। पौष्टिक आहार एवं समय पर उपचार से बच्चे टीबी रोग से जल्दी स्वस्थ हो सकेंगे।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शनिवार को राजभवन में उत्तर प्रदेश क्षय-निवारक संस्था की वार्षिक समापन बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने बताया कि उनके प्रयास से 25 जनपदों में अब तक 18 वर्ष से कम आयु के 6,310 टीबी रोग से पीड़ित बच्चे गोद लिये गये हैं।

यूपी को रोगमुक्त बनाया जा सकता है

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि सामूहिक प्रयास से ही उत्तर प्रदेश को रोग मुक्त प्रदेश बनाया जा सकता है। सरकार अपना कार्य कर रही है परन्तु जन सहभागिता आवश्यक है। जन सहभागिता बढ़ने से बीमारियाँ दूर होंगी। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग एक साथ मिलकर कार्य करें।

विद्यालयों में बच्चों की जांच हो

उन्होंने कहा कि विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की पूर्ण जांच हो, जिससे उनकी स्वास्थ्य रोग से संबंधित समस्याओं की जानकारी हो सके और उसके अनुसार उनका समुचित उपचार हो। शिक्षकों को विद्यालय के बच्चों के स्वास्थ्य की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए जिससे वे रोगी बच्चों के पोषण हेतु अधिक सजग रहें। राज्यपाल ने गुजरात में बच्चों के स्वास्थ्य योजना की जानकारी देते हुये अपने अनुभव भी साझा किये।

साधु संतों से करें बच्चों को गोद लेने का अनुरोध

राज्यपाल ने कहा कि उचित जानकारी, मार्ग दर्शन एवं पैसों के अभाव में बच्चों का उपचार नहीं हो पाता है। चिकित्सकों एवं शिक्षकों के साथ-साथ रोगी बच्चों के आस-पड़ोस के नागरिकों को भी जोड़ें और उनसे बच्चों के उपचार में सहयोग को कहें। अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, गोरखपुर जैसे धार्मिक जनपदों में साधु-संतों को टीबी रोग से पीडि़त बच्चों को गोद लेने का अनुरोध करें।

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राज्यपाल ने कहा कि जिन बच्चों को गोद लिया गया है निश्चित समय उपचार के बाद स्वस्थ बच्चों के आकड़ों के साथ अगली बैठक में आयें। उन्होंने कहा कि निश्चित ही इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।

एडवर्स ड्रग रिएक्शन इन टीबी ट्रीटमेंट

अध्यक्ष आरसी त्रिपाठी ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी देते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2025 तक देश को क्षय रोग मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। सभी सदस्य अपने-अपने क्षेत्र में क्षय रोग निवारण के लिये अपने स्तर से जागरूकता कार्यक्रम चलायें।

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श्री त्रिपाठी ने आगामी वर्ष हेतु संस्था के कैलेण्डर तैयार करने हेतु सदस्यों से सहयोग करने को कहा। पूर्व में सम्पन्न हुई बैठकों के कार्यवृत्त की पुष्टि की गयी तथा तथा वर्ष 2018-19 की आडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। बैठक में सदस्यों ने टीबी रोग हेतु जागरूकता के संबंध में सुझाव रखे। इस अवसर पर राज्यपाल ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा लिखित पुस्तक ‘एडवर्स ड्रग रिएक्शन इन टीबी ट्रीटमेंट’ का विमोचन भी किया।

बैठक में संस्था के संरक्षक भगवती सिंह, डा. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सुरजीत सिंह डंग, अवैतनिक सचिव डॉ. डीपी. सिंह, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमन्त राव, विशेष सचिव डा. अशोक चन्द्र, विशेष कार्याधिकारी केयूर सम्पत सहित संस्था के अन्य सदस्यगण भी उपस्थित थे।

केरल के राज्यपाल मिले

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से शनिवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी शिष्टाचारिक भेंट की।

राम केवी

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