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बाबा के दरबार में 'अनर्थ'! सड़क पर हुई सप्त ऋषि आरती, टूटी तीन सौ सालों की परंपरा

कोरोना महामारी के बीच धर्म नगरी काशी से बाबा विश्वनाथ के भक्तों को आहत करने वाली खबर सामने आई। काशी विश्वनाथ मंदिर में सालों से सप्त ऋषि आरती करने वाले अर्चकों का पास अचानक निरस्त कर दिया गया।

Dharmendra kumar
Published on: 7 May 2020 8:50 PM GMT
बाबा के दरबार में अनर्थ! सड़क पर हुई सप्त ऋषि आरती, टूटी तीन सौ सालों की परंपरा
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वाराणसी: कोरोना महामारी के बीच धर्म नगरी काशी से बाबा विश्वनाथ के भक्तों को आहत करने वाली खबर सामने आई। काशी विश्वनाथ मंदिर में सालों से सप्त ऋषि आरती करने वाले अर्चकों का पास अचानक निरस्त कर दिया गया। इससे गुस्साए से ही अर्चक मंदिर के बाहर धरने पर बैठ गए और परंपरा का निर्वहन करते हुए सड़क पर ही बाबा विश्वनाथ की पूजा अर्चना शुरु कर दी। अर्चकों ने न सिर्फ पूजा की बल्कि पूरे विधि विधान से आरती भी की।

मंदिर प्रशासन ने क्यों निरस्त किया पास ?

अब सवाल है की जो अर्चक सालों से बाबा की आरती करते आ रहे थे, उनका पास क्यों निरस्त किया गया। मंदिर प्रशासन ने एक पत्र जारी कर पास कैंसिल करने की वजह बताई। इसके मुताबिक 7 मई को एक दैनिक समाचार पत्र में काशी विश्वनाथ मंदिर के रेड ज़ोन में स्थित कैलाश महादेव मंदिर के गुम्बद गिरने की खबर प्रकाशित की गई थी।

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जिला प्रशासन की तस्दीक में ये खबर पूरी तरह झूठी निकली। मंदिर प्रशासन के अनुसार सप्त ऋषि आरती से जुड़े कुछ अर्चकों ने इस खबर को जान बूझकर फैलाया। इसी वजह से सभी अर्चकों का पास कैंसिल कर दिया गया।

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जिला प्रशासन की सफाई

वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन ने उन खबरों का खंडन किया गया जिसमें सप्त ऋषि आरती को लेकर ये दावा किया गया है कि मंदिर की तीन सौ साल पुरानी परंपरा टूट गई है। इस खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने मंदिर के गर्भ गृह में होने वाली दैनिक सप्त ऋषि आरती की फ़ोटो और वीडियो जारी की गई। सफाई देते हुए बताया गया की प्रतिदिन की तरह गुरुवार को भी पूरे विधि विधान से बाबा की आरती की गई।

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आखिर क्या है विवाद ?

पिछले साल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने काशी विश्वनाथ मंदिर का अधिग्रहण कर लिया है। इसके साथ ही बाबा के मंदिर पर से महंत कुलपति तिवारी का प्रभाव कम हो गया है। न सिर्फ उनके अधिकार सीमित कर दिए गए हैं बल्कि उनके परिवार को हाशिये पर ला दिया गया है। इस बीच काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में भी महंत परिवार की अनदेखी की गई। यहां तक कि खुद उनके भी मकान का अधिग्रहण कर लिया गया। बताया जा रहा कि सड़क पर आरती करने वाले अर्चक महंत परिवार के समर्थक हैं। यही कारण है कि मंदिर प्रशासन ने इनके खिलाफ कार्रवाई करने में देर नहीं की।

Dharmendra kumar

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