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उत्तर प्रदेश : क्या एजुकेशन में हुए इन बदलावों की है आपको खबर

उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार को विरासत में बेहतर शिक्षा व्यवस्था नहीं मिली थी। शिक्षा की गुणवत्ता, अनियमित सत्र, नकल, फर्जी डिग्री, ट्रांसफर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार आदि से संबंधित अनेक समस्याएं थी, लेकिन पिछले दो वर्षों में ऐसी अनेक समस्याओं का समाधान हुआ है।

Aditya Mishra
Published on: 30 Jun 2019 3:16 PM GMT
उत्तर प्रदेश : क्या एजुकेशन में हुए इन बदलावों की है आपको खबर
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डॉ. दिनेश शर्मा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार को विरासत में बेहतर शिक्षा व्यवस्था नहीं मिली थी। शिक्षा की गुणवत्ता, अनियमित सत्र, नकल, फर्जी डिग्री, ट्रांसफर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार आदि से संबंधित अनेक समस्याएं थी, लेकिन पिछले दो वर्षों में ऐसी अनेक समस्याओं का समाधान हुआ है।

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सत्र नियमित करने में सरकार को मिली है सफलता

ये बातें प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कही। रविवार को शिक्षा पर आयोजित कांक्लेव में उन्होंने कहा कि सरकार को सत्र नियमित करने, नकल विहीन परीक्षा कराने, ट्रांसफर पोस्टिंग को भ्रष्टाचार मुक्त करने, पारदर्शिता लाने आदि में शत-प्रतिशत और अभूतपूर्व सफलता मिली है। इसके बाद उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सर्वोत्तम बनाने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षा के सम्बन्ध में विसंगति समाज के लिए हानिप्रद होती है। सरकार इसे समाज की भलाई का माध्यम बनाना चाहती है। वर्तमान सरकार के पहले नकल व्यवसाय चल रहा था। इस सरकार ने नकल रोकी। इसके बाद पांच लाख लोगों ने परीक्षा छोड़ी।

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पढ़ाई का समय और गुणवत्ता में की गई वृद्धि

उन्होंने कहा कि जांच में पता चला कि बड़ी संख्या में फर्जी विद्यार्थी थे, चार पांच जगहों से हजारों लोग फार्म भरते थे। छात्रों के उत्पीड़न के बिना नकल विहीन परीक्षा सुनिश्चित की गई। पढ़ाई का समय और गुणवत्ता में वृद्धि की गई। अवकाश कम किये गए। एक ही कदम में एक पाठ्यक्रम लागू किया।

देश में सबसे सस्ती पुस्तकें उत्तर प्रदेश में ही मिल रही है। माध्यमिक शिक्षा में कलेंडर लागू किया। उसी के अनुरूप पढ़ाई, परीक्षा सुनिश्चित हुई। उप मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि दो वर्ष में दो सौ से अधिक विद्यालय खोले गए।

इसके पहले कई वर्षों में मात्र अड़तालीस कालेज खुले थे। शिक्षकों की कमी दूर की जा रही है। पाठ्यक्रम में बदलाव हुआ। दो वर्ष में बीस प्रतिशत विद्यर्थियों की संख्या बोर्ड में बढ़ गई। अधिकारियों के स्थानांतरण की पारदर्शी प्रणाली लागू की गई। यह व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई है, जबकि समस्याओं का ध्यान रखा जाता है।

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ट्रांसफर में घूसखोरी को किया गया समाप्त

उन्होंने पिछली सरकारों पर ट्रांसफर में घूसखोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले ट्रांसफर उद्योग चलता था। अब सरकार ने इसे समाप्त कर दिया है। प्रत्येक जोन में मॉडल स्कूल स्थापित किये गए।

इसमें समाज का सहयोग लिया जा रहा है। ढाई महीने चलने वाली परीक्षा मात्र सोलह दिन में होने लगी। यह क्रन्तिकारी सुधार है। सरकार का राजस्व भी बढा है। रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किया गया। महापुरुषों के नाम पर शोध पीठ बनाई जा रही है।

Aditya Mishra

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