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'असर' 2019 का ऐलान, 4 से 8 साल के बच्चों के बारे में जुटाएगा ये जानकरी
शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत देश के गैर सरकारी संगठन 'प्रथम' ने स्वायत्त अनुसंधान और मूल्याकन इकाई, को ऐन्युअल स्टेटस ऑफ एजुके शन ररपोटट (ASER) 2019 प्रयास ‘अर्ली इयर्स’ (Early Years), के आरंभ की घोषणा की।
लखनऊ: शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत देश के गैर सरकारी संगठन 'प्रथम' ने स्वायत्त अनुसंधान और मूल्याकन इकाई, को ऐन्युअल स्टेटस ऑफ एजुके शन ररपोटट (ASER) 2019 प्रयास ‘अर्ली इयर्स’ (Early Years), के आरंभ की घोषणा की।
'असर' भारत का शिक्षा के क्षेत्र में किया जाने वाला वार्षिक सर्वेक्षण हैं जो कि आम नागरिकों द्वारा किया जाता है। 2005 से असर की शुरुआत हुई थी। इसने अपने सर्वेक्षण में ग्रामीण भारत के 5-16 साल के बच्चों के स्कूल में नामांकन की स्थिति और उनके बुनियादी पढ़ने और गणित करने की योग्यता के विषय में बताया है।
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2019 असर का लक्ष्य अर्ली इयर्ल(Early Years) पर प्रकाश डालना है और 4-8 साल के छोटे बच्चों के विद्यालय में नामांकन और कुछ अन्य महत्वपूर्ण विकासात्मक संकेतकों पर जानकारी प्रदान करना है।
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अर्ली इयर्ल (Early Years) असर में 4 से 8 साल के बच्चों की पूर्व प्राथमिक विद्यालय और विद्यालय में नामांकन की स्थिति पर आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त उन चुनिंदा दक्षताओं पर जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी जिन्हें अन्तरराष्ट्रीय अनुसंधाने विद्यालय और भविष्य में जीवन में सफलता के महत्वपूर्ण संकेतकों के रूप पहचानना है। इन संकोतकों को चार भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है- प्रारंभिक भाषा, प्रारंभिक गणित, संज्ञानात्मक विकास और सामाजिक और भावनात्मक विकास।
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असर 2019 की रिपोर्ट तैयार करने के लिए सैंपल घरों में स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा सरल रूप और टूल की मदद से सर्व किया जाएगा। इस साल छोटे बच्चों के लिए यह सर्वे इस रूप में पहली बार किया जा रहा है।