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Atiq Ahmad Murder: आरोपी सनी सिंह है हमीरपुर का हिस्ट्रीशीटर, जानिए दो साल में कैसे दर्ज हुए ताबड़तोड़ मुकदमे

Hamirpur News: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उन्हें मौत के घाट उतार देने वाले तीन शूटरों में से एक सनी सिंह हमीरपुर का रहने वाला है। उसपर पहला मुकदमा वर्ष 2016 में दर्ज हुआ था। दो साल के भीतर 2019 तक वह हिस्ट्रीशीटर बन चुका था।

Ravindra Singh
Published on: 16 April 2023 7:55 PM GMT
Atiq Ahmad Murder: आरोपी सनी सिंह है हमीरपुर का हिस्ट्रीशीटर, जानिए दो साल में कैसे दर्ज हुए ताबड़तोड़ मुकदमे
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Killer Sunny Singh of Atiq Ahmad (Pic: Newstrack)

Hamirpur News: पुलिस अभिरक्षा में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उन्हें मौत के घाट उतार देने वाले तीन शूटरों में से एक सनी सिंह हमीरपुर का रहने वाला है। उसपर पहला मुकदमा वर्ष 2016 में दर्ज हुआ था। दो साल के भीतर 2019 तक वह हिस्ट्रीशीटर बन चुका था। हालांकि, सनी सिंह उर्फ ‘पुराने’ के भाई पिंटू का कहना है कि सनी कई वर्षों पहले परिवार से अलग हो चुका था।

घर के बाहर फोर्स तैनात

अतीक अहमद और अशरफ के मर्डर की देर रात से ही यह बात साफ होने लगी थी कि इस हत्याकांड में शामिल एक शूटर सनी सिंह उर्फ पुराने जनपद हमीरपुर का रहने वाला है। इसके बाद पुलिस मुख्यालय के पुराना बेतवा घाट और पुराना यमुना घाट जैसी घनी बस्तियों के मकानों में देर रात तक सनी के परिवार की खोजबीन करती रही। सुबह होते-होते स्थिति साफ हुई। सामने आया कि शूटरों में से एक जनपद के कुरारा कस्बे की वार्ड संख्या 11 का निवासी सनी सिंह उर्फ पुराने है। यह जानकारी मिलते ही उसके उसके घर के आसपास पुलिस का पहरा लगा दिया गया।

2016 में रखा था जरायम की दुनिया में कदम

पुलिस के अनुसार सनी सिंह उर्फ पुराने ने वर्ष 2016 में अपराध जगत में अपने पैर जमाने शुरू किए। सिर्फ दो साल के अंदर ही वो थाने का हिस्ट्रीशीटर बन गया। दो वर्षों में उसके खिलाफ 14 जघन्य अपराध दर्ज हुए। जिनमें थाना कुरारा में 13 और सदर कोतवाली का एक मामला शामिल है। इसकी आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए पुलिस ने 2019 में इसकी हिस्ट्रीशीट खोल दी।

गुंडा एक्ट, गैंगस्टर की हुई कार्रवाई

जुर्म की दुनिया में सनी के बढ़ते कदम का नतीजा रहा कि उसपर मिनी गुंडा एक्ट, गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट की भी कार्रवाई की गई। फिर भी उसका दुस्साहस खत्म नहीं हुआ। इस दौरान सनी कई बार जेल गया, लेकिन सुधारने के बजाए सनी अपराध जगत की दुनिया में और ज्यादा सक्रिय होता चला गया।

सुंदर भाटी से था संपर्क

सूत्रों के अनुसार सनी की जेल में कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी से नजदीकी बढ़ी, जिसके माध्यम से कई बड़े अपराधियों से उसका संपर्क हुआ। 2019 तक सनी के खिलाफ थाना कुरारा में एक के बाद एक एफआईआर दर्ज होती रहीं। इसकी वजह से परिवार से भी उसकी दूरियां बढ़ गई। जेल से छूटने के बाद सनी दिल्ली और नोएडा आने-जाने लगा। नोएडा जाने की वजह उसका सुंदर भाटी गैंग के गुर्गों के संपर्क में रहते हुए उनके गैंग के लिए काम करना बताया जाता है।

परिवार की है चाय-पान की दुकान

सनी सिंह उर्फ पुराने के भाई पिंटू ने बताया कि सनी कई वर्षों से परिवार से अलग हो गया था। वो उल्टे-सीधे काम करता था, इसलिए उनका उससे कोई संपर्क नहीं था। कुछ दिनों तक वह चाय-पान के होटल में उनका हाथ बंटाता रहा, लेकिन लड़ाई-झगड़े करने के कारण यहां ज्यादा नहीं टिका। परिवार वालों का कहना है कि वह कैसे प्रयागराज पहुंचा इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उसके पड़ोसी सनी के बारे में अपनी अलग-अलग राय देते हैं। कुछ के अनुसार सनी करीब सात सालों से यहां नहीं देखा गया था, लेकिन वह अपराधिक प्रवृत्ति का था यह बात सभी स्वीकार कर रहे हैं।

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