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औरैया: तो अब तक मिल जाता 90 हजार वेतन, निरीक्षक का रिश्वत मांगते ऑडियो वायरल
मंगलवार को जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा मृतक आश्रित में नौकरी प्रदान किए जाने के लिए रिश्वत मांगने का ऑडियो वायरल हो गया। जिसको लेकर शिक्षा जगत में तहलका मच गया है।
औरैया : मंगलवार को जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा मृतक आश्रित में नौकरी प्रदान किए जाने के लिए रिश्वत मांगने का ऑडियो वायरल हो गया। जिसको लेकर शिक्षा जगत में तहलका मच गया है।
ये है पूरा मामला
मामला यह है कि एरवाकटरा ब्लॉक के दिलीपपुर गांव किसान इंटर कॉलेज में प्रवक्ता अमर सिंह की कुछ माह पूर्व किडनी ट्रांसप्लांटेशन के बाद मौत हो गई थी। मृतक आश्रित में नौकरी के लिए उसके पुत्र सुशील कुमार यादव द्वारा विद्यालय के माध्यम से जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में 23 मई 2020 को पत्रावली भेजी गई थी। लेकिन 8 माह बीत जाने के बाद अभी तक उसे नौकरी प्राप्त नहीं हुई है। सुशील कुमार का कहना है कि नौकरी के लिए कई बार जिला विद्यालय निरीक्षक व उनके स्टाफ से मुलाकात कर चुके हैं लेकिन अभी तक पत्रावली पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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सुशील कुमार से रिश्वत की मांग
शासन के आदेशानुसार मृतक आश्रित के पत्रावली का निर्णय 3 माह के अंदर किया जाना चाहिए। जबकि विभाग को पत्रावली मिले 8 माह बीत चुके है। मंगलवार को जिला विद्यालय निरीक्षक हृदय नारायण त्रिपाठी व पीड़ित सुशील कुमार यादव का ऑडियो वायरल हुआ। जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा सुशील कुमार से रिश्वत की मांग की जा रही है। जबकि सुशील कुमार का कहना है उन्होंने पिता के इलाज में 25 से 30 लाख रुपए खर्च कर दिए हैं। ऐसे में वह 50 हजार रुपए ही दे सकते हैं। इस पर जिला विद्यालय निरीक्षक का कहना है कि यह पहले ही समझ लिया होता तो आज तुम्हें 3 माह का वेतन भी मिल गया होता।
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इतनी बड़ी रकम देने में सक्षम नहीं
जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा कई बार पटल सहायक से मिलकर काम कराने के लिए ऑडियो में कहा गया है। पीड़ित का कहना है कि कई बार पटल सहायक संतोष कुमार से मुलाकात की है कभी वह 10 लाख रुपए तो कभी 5 लाख रुपए की मांग की जाती है। उसका कहना है कि इतनी भारी रकम वह देने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि पिता के इलाज में पहले ही जमा पूंजी खर्च कर चुके।
इस संबंध में जब विद्यालय निरीक्षक हृदय नारायण त्रिपाठी से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। वही जब जिला अधिकारी से बात करनी चाही गई तो वह मीटिंग में व्यस्त मिले।
रिपोर्टर - प्रवेश चतुर्वेदी
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