×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

औरैया: घर-घर दस्तक देंगी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ढूंढे जाएंगे टीबी के मरीज

क्षय रोग के जिला कार्यक्रम समन्वयक श्याम के मुताबिक वर्ष 2017 से ही दस्तक अभियान चलाया जा रहा है लेकिन इस बार इसमें टीबी को भी जोड़ा गया है।

Chitra Singh
Published on: 9 March 2021 4:52 PM IST
औरैया: घर-घर दस्तक देंगी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ढूंढे जाएंगे टीबी के मरीज
X
औरैया: घर-घर दस्तक देंगी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ढूंढे जाएंगे टीबी के मरीज

औरैया। वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए इसे दस्तक अभियान का भी हिस्सा बनाया गया है। पहली बार दस्तक अभियान के दौरान घर-घर टीबी मरीज ढूंढे जाएंगे। यह अभियान 10 मार्च यानी बुधवार से शुरू होगा और 24 मार्च तक चलेगा। अभियान के दौरान घर घर दस्तक देकर लक्षणों के आधार पर आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संभावित टीबी रोगियों का पता लगाएंगी।

दस्तक अभियान

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने कहा कि पहली बार दस्तक अभियान में टीबी रोगियों को खोजने की जिम्मेदारी आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दी गई है। बुखार के रोगियों, क्षय रोगियों के साथ जन्म-मृत्यु पंजीकरण से वंचित लोगों, कुपोषित बच्चों और दिमागी बुखार से दिव्यांग हुए लोगों की सूची तैयार भी तैयार करने को कहा गया है।

ये भी पढ़ें... दहेज ने ले ली जान: प्रेमी ने शादी से किया इनकार, तो युवती ने कर ली आत्महत्या

टीबी के लक्षण वाले रोगियों को ढूंढेगें कार्यकर्ता

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ए के राय ने बताया कि दस्तक अभियान के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा टीबी रोगी ढूंढे जा सकेंगे क्योंकि इस अभियान का दायरा जिले के हर घर तक है। साथ ही बताया कि आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बुखार के रोगियों को ढूंढने के साथ-साथ टीबी के लक्षण वाले रोगियों को ढूंढेगी। ऐसे रोगियों की जानकारी हेल्थ वर्कर एएनएम के माध्यम से ब्लॉक मुख्यालय तथा एनटीईपी स्टाफ को देंगी। सूचना के आधार पर जांच कराकर टीबी रोगी का निशुल्क इलाज कराया जाएगा।

Auraiya

टीबी के लक्षण

क्षय रोग के जिला कार्यक्रम समन्वयक श्याम के मुताबिक वर्ष 2017 से ही दस्तक अभियान चलाया जा रहा है लेकिन इस बार इसमें टीबी को भी जोड़ा गया है। अगर किसी को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी आ रही है, शाम को पसीने के साथ बुखार होता है, तेजी से वजन घट रहा है, सीने में दर्द है, भूख नहीं लगती है और दवा लेने के बावजूद खांसी स्थाई तौर पर नहीं रुक रही है तो यह टीबी का लक्षण हो सकता है। ऐसे लक्षण वाला व्यक्ति मिलने पर उसकी सूचना ब्लॉक मुख्यालय तथा एनटीईपी स्टाफ को दी जाएगी।

ये भी पढ़ें... कोतवाल साहब मेरी शादी कराओ! ब्याह के लिए परेशान हुआ युवक, CM से भी की मांग

एक नजर टीबी रोगियों पर

जिला कार्यक्रम समन्वयक के मुताबिक फ़िलहाल जनपद में 927 एक्टिव मरीज़ हैं। जिनमे 70 एमडीआर के मरीज़ हैं। वर्ष 2020 में सरकारी अस्पताल में इलाज लेने वाले मरीज 1382 हैं। वही वर्ष 2020 में प्राइवेट अस्पताल में इलाज लेने वाले मरीज 366 हैं। जिले में जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक कुल 757 टीबी रोगियों को निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह की रकम उनके खाते में दी जा चुकी है।

रिपोर्ट- प्रवेश चतुर्वेदी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Chitra Singh

Chitra Singh

Next Story