TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बड़ी कार्रवाई: पूर्व ब्लॉक प्रमुख के आवास पर कुर्की, 3 दिन में खाली करने की नोटिस

शनिवार को जिला मजिस्ट्रेट ने पूर्व ब्लॉक प्रमुख संतोष पाठक की अवैध संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी किया गया था। रविवार को एसडीएम सदर रमेश यादव, सीओ सिटी सुरेंद्र नाथ यादव ने पुलिस बल के साथ उनके आवास विकास स्थित आवास पर पहुंचकर कुर्की का आदेश चस्पा किया।

Newstrack
Published on: 20 Sept 2020 9:10 PM IST
बड़ी कार्रवाई: पूर्व ब्लॉक प्रमुख के आवास पर कुर्की, 3 दिन में खाली करने की नोटिस
X
बड़ी कार्रवाई: पूर्व ब्लॉक प्रमुख के आवास पर कुर्की, 3 दिन में खाली करने की नोटिस

औरैया: नरायनपुर स्थित पंचमुखी मंदिर परिसर में मार्च माह में जमीन पर कब्जे को लेकर चली गोली में अधिवक्ता मंजुल चौबे व उसकी बहन सुधा की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में दोहरे हत्याकांड के आरोपी एमएलसी कमलेश पाठक के अलावा उनके भाई पूर्व ब्लॉक प्रमुख संतोष पाठक व रामू पाठक पर गैंगस्टर के बाद पुलिस प्रशासन ने उनकी अवैध संपत्ति को चिंहित किया था।

ये भी पढ़ें: किसानों की चेतावनी: मोदी सरकार सावधान, कृषि अध्यादेश के खिलाफ बंद का एलान

शनिवार को जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किया था आदेश

जिसमें शनिवार को जिला मजिस्ट्रेट ने पूर्व ब्लॉक प्रमुख संतोष पाठक की अवैध संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी किया गया था। रविवार को एसडीएम सदर रमेश यादव, सीओ सिटी सुरेंद्र नाथ यादव ने पुलिस बल के साथ उनके आवास विकास स्थित आवास पर पहुंचकर कुर्की का आदेश चस्पा किया।

इस दौरान मौजूद संतोष पाठक की पत्नी पदमा पाठक को एसडीएम ने घर खाली करने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। उधर कार्रवाई को लेकर एमएलसी कमलेश पाठक के पुत्र डॉ.रत्नेश पाठक ने इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया। कहा कि उन्होंने सात सितंबर को अखबारों में खबर छपने के बाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।

ये भी पढ़ें: पाक की दोहरी चाल का खुलासा: दाऊद सहित कई आतंकियों को दे रहा VIP ट्रीटमेंट

कोरोना काल के कारण अभी कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। ऐसे में जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से तेजी से कार्रवाई की जा रही है। इसको लेकर वह सोमवार को हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के सामने मैटर ऑफ अर्जेंसी में सुनवाई को लगवाएंगे।

रत्नेश पाठक ने कहा कि जिला प्रशासन उनकी सभी संपत्ति को अवैध बता रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिला प्रशासन को पहले नोटिस देना चाहिए था। जिसका वह जबाव देते लेकिन जिला प्रशासन ने उनकी संपत्ति को बिना किसी नोटिस के अवैध घोषित कर दिया। यह न्यायोचित नहीं है।

रिपोर्ट: प्रवेश चतुर्वेदी, औरैया

ये भी पढ़ें: आ गया महाप्रलय! यहां मचाई भयानक तबाही, अब आसमान से आएगी मदद



\
Newstrack

Newstrack

Next Story