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औरैया से बड़ी खबर: अचानक 11 क्रय केंद्र कम होने से किसान परेशान

शासन की ओर से निर्धारित किए गए लक्ष्य के सापेक्ष 47 फीसद धान खरीद पूरी होने के बाद अचानक 11 क्रय केंद्रों को बंद कर दिया गया है। जहां पिछले वर्ष क्रय केंद्रों की संख्या 90 के ऊपर थी, वहीं इस बार उनकी संख्या काफी कम है।

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Published on: 11 Dec 2020 1:24 PM GMT
औरैया से बड़ी खबर: अचानक 11 क्रय केंद्र कम होने से किसान परेशान
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औरैया से बड़ी खबर: अचानक 11 क्रय केंद्र कम होने से किसान परेशान (PC: social media)

औरैया : शहर स्थित मंडी समिति के प्राइवेट आढ़तें गुलजार हैं, जबकि सरकारी क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि टोकन के हिसाब से ही धान खरीदा जा रहा है, लेकिन अचानक 11 केंद्र बंद होने से टोकन की समस्या बनी हुई है। इससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान अब सरकारी केंद्र की जगह सीधे प्राईवेट आढ़तों पर रुख करने लगे हैं। किसानों को रुपये की जरूरत है और सरकारी केंद्र का हाल बुरा है।

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शासन की ओर से निर्धारित किए गए लक्ष्य के सापेक्ष 47 फीसद धान खरीद पूरी होने के बाद अचानक 11 क्रय केंद्रों को बंद कर दिया गया है। जहां पिछले वर्ष क्रय केंद्रों की संख्या 90 के ऊपर थी, वहीं इस बार उनकी संख्या काफी कम है। जिस कारण किसानों को सरकारी केंद्र की बजाए प्राइवेट आढ़तों पर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।

गेहूं की बोआई का समय है और किसान एक-एक रुपये की खातिर मोहताज हैं। रुपयों की सख्त जरूरत होने के कारण किसान प्राइवेट आढ़तों पर जा रहे हैं।अब तो क्रय केंद्रों की संख्या भी कम हो गई, जिस कारण किसानों की समस्याएं और बढ़ गई हैं। दिसंबर माह तक के टोकन वितरित किए जा चुके हैं आगे दिए जाने वाले टोकनों में एक बार फिर से किसानों को परेशानी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

बोले किसान

जगत सिंह

सरकारी क्रय केंद्र पर धान बेंचने के लिए उन्हें लगभग 20-25 दिन का समय लगेगा। इसके अलावा सैंपल चेक कराने एवं नमी अधिक होने की बात कहकर उन्हें टरका दिया जाता है। इस कारण वह प्राइवेट आढ़त पर ही धान बेंच रहे हैं। हालांकि यहां पर 1100 रुपये प्रति क्विंटल ही धान खरीदा जा रहा है, लेकिन रुपयों की जरूरत के चलते वह इतना इंतजार नहीं कर सकते। -

किसान, रामअसारे

सरकारी क्रय केंद्र के तमाम झंझटों से अच्छा है कि प्राइवेट आढ़त पर ही धान बेंच दिया जाए। 15 दिन तक धान सूखाया, बावजूद इसके धान में नमी बताई गई और सर्वर में समस्या होने के कारण उनका रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो पाया। जिस कारण उन्होंने प्राइवेट आढ़त पर ही धान बेंचना उचित समझा।

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सुधांशु शेखर चौबे, जिला खाद्य विपणन अधिकारी

अगर किसी किसान को परेशान किया जा रहा है या फिर धान मानक के अनुरूप होने के बावजूद उन्हें लौटाया जा रहा है तो इसकी शिकायत वह उनके मोबाइल व कंट्रोल रूम में कर सकते हैं। जिससे संबंधित केंद्र प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

रिपोर्टर- प्रवेश चतुर्वेदी

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