×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

कृषि विश्वविद्यालय की मेहनत लाई रंग, गेहूं, मटर, चना एवं धान की नई प्रजाति विकसित

आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या मे फसल प्रजाति शोध कार्यक्रम में नया आयाम। राज्य बीज विमोचन समिति की 58वीं बैठक जो कि कृषि भवन लखनऊ मे आयोजित की गई थी उसमें गेहूँ की एन. डब्लू-6046, मटर की नरेन्द्र मटर-1, चने की नरेन्द्र चना -1 एवं धान की एन. डी.जी.आर.-702 नामक प्रजातियों का सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश की खेती के लिए विमोचन हेतु संस्तुति किया गया।

Monika
Published on: 15 March 2021 7:24 PM IST
कृषि विश्वविद्यालय की मेहनत लाई रंग, गेहूं, मटर, चना एवं धान की नई प्रजाति विकसित
X
कृषि विश्वविद्यालय की मेहनत लाई रंग, विकसित हुई गेहूँ, मटर ,चना एवं धान की नई प्रजाति

अयोध्या: आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या मे फसल प्रजाति शोध कार्यक्रम में नया आयाम। राज्य बीज विमोचन समिति की 58वीं बैठक जो कि कृषि भवन लखनऊ मे आयोजित की गई थी उसमें गेहूँ की एन. डब्लू-6046, मटर की नरेन्द्र मटर-1, चने की नरेन्द्र चना -1 एवं धान की एन. डी.जी.आर.-702 नामक प्रजातियों का सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश की खेती के लिए विमोचन हेतु संस्तुति किया गया।

फसल प्रजाति शोध कार्यक्रम

प्रजातियों के गुणों की विस्तृत चर्चा

डा.बिजेन्द्र सिंह कुलपति ने इन प्रजातियों के गुणों की विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि एन. डब्लू. -6046 प्रजाति असिंचित दशा में समय से बुवाई हेतु एक उपयुक्त रोग रोधी प्रजाति है। नरेन्द्र मटर -1 मध्यम ऊँचाई की अत्यधिक उत्पादक क्षमता देने वाली 25-30 (कुन्तल प्रति हेक्टेयर ) रोग रोधी प्रजाति है। नरेन्द्र चना-1 प्रजाति समय से बुवाई हेतु देशी चने की बड़े दाने वाली उपयुक्त प्रजाति है। धान की एन. डी.जी.आर.-702 प्रजाति उत्तर प्रदेश के जलमग्न क्षेत्रों हेतु एक औसत उपज देने वाली नेक ब्लास्ट एवं स्टेम बोरर के प्रति मध्यम अवरोधी प्रजाति है। ज्ञात हो कि इन उन्नतशील प्रजातियों के विकास से नि:संदेह पूर्वांचल के कृषक लाभान्वित होंगे।

फसल प्रजाति शोध कार्यक्रम

ये भी पढ़ें : Newstrack ने चढ़वाई घोड़ी: नन्हें अजीम मंसूरी बने दुल्हा, छोटा कद बना था रोड़ा

बौनी मटर का परीक्षण अंतिम दौर में है

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि कुलपति ने इन प्रजातियों के विकास में लगे वैज्ञानिकों डा. एम. पी. चौहान ,वरिष्ठ दलहन अभिजनक , डा.विनोद सिंह, वरिष्ठ गेहूं अभिजनक एवं डा.नितेन्द्र श्रीवास्तव धान अभिजनक को उनके इस उत्कृष्ट कार्य की सराहना करते हुए, भविष्य में इस प्रकार फसल सुधार कार्यक्रम की गुणवत्ता बनाये रखने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया। तथा वार्ता के दौरान डा.एम.पी.चौहान ने यह भी बताया कि बौनी मटर में भी भविष्य में एक अच्छी प्रजाति विकास हेतु परीक्षण अंतिम दौर में है।

रिपोर्ट- नाथ बख्श सिंह

ये भी पढ़ें : गाजीपुर: हथियारों के साथ 3 बदमाश गिरफ्तार, पुलिस ने किया ये बड़ा खुलासा



\
Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story