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क्या अयोध्या में मस्जिद 'बाबर' के नाम पर होगी, यहां जानें क्या है वायरल पोस्ट का सच
अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने के बाद से सोशल मीडिया में मस्जिद निर्माण का मुद्दा छाया हुआ है। रोज मस्जिद निर्माण से जुड़ी तमाम तरह की बातें निकलकर सामने आ रही हैं।
लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने के बाद से सोशल मीडिया में मस्जिद निर्माण का मुद्दा छाया हुआ है। रोज मस्जिद निर्माण से जुड़ी तमाम तरह की बातें निकलकर सामने आ रही हैं।
बीते दिनों सोशल मीडिया में ऐसी बातें आई थी कि अदालत ने जो जमीन मस्जिद निर्माण के लिए दी है, वहां पर मस्जिद नहीं बल्कि अस्पताल बनाया जाएगा।
इसकी कमान गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में सेवा दे चुके डॉ. कफील को सौंपी जाएगी। अस्पताल में बच्चों के लिए अलग से स्पेशल विंग भी बनाया जाएगा। जहां पर दिमागी बुखार समेत अन्य बीमारियों का इलाज होगा।
बच्चों को चिकित्सकीय परामर्श देते डॉ. कफील की फ़ाइल फोटो
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सोशल मीडिया में अब नया दावा ये किया जा रहा है कि अयोध्या में मस्जिद ही बनेगी और उसका नाम ‘बाबर’ के नाम पर रखा जाएगा। ये पोस्ट खूब वायरल भी हो रही है।
जिसके बाद सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को आगे आकर इस मुद्दे पर सफाई देनी पड़ी है। बोर्ड ने ये साफ किया है कि अयोध्या में दी गई जमीन पर बनने वाली मस्जिद का नाम ‘बाबरी मस्जिद’ के नाम पर नहीं होगा।
सीएम योगी को भी किया जाएगा आमंत्रित
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रवक्ता ने बताया कि मस्जिद निर्माण में शिलान्यास के कार्यक्रम की इस्लाम में इजाजत नहीं है। सिर्फ नींव खोद कर मस्जिद की शुरुआत होती है।
उन्होंने कहा कि इस जमीन पर जब अस्पताल या फिर ट्रस्ट के भवन की नींव रखी जाएगी तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित किया जाएगा।
बताते चलें कि बीते 2 दिनों से सोशल मीडिया में इस बात को लेकर खूब चर्चा चल रही थी कि अयोध्या के पास रौनाही के धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद का नाम बाबर के नाम पर होगा, जिसे सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने महज एक अफवाह बताया है।
अयोध्या में मस्जिद बनने का एलान होने के बाद खुशियां मनाते मुसलमानों की फ़ाइल फोटो
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सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हाल ही में इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट का निर्माण किया है जो अयोध्या में मस्जिद और उसके साथ साथ अस्पताल, कम्युनिटी सेंटर और कम्युनिटी किचन बनाएगा। साथ ही वहां इस्लामिक मामलों पर एक रिसर्च सेंटर भी होगा।
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रवक्ता के मुताबिक जमीन पर शुरुआत के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रित किया जाएगा। ध्यान रहे कि एक इंटरव्यू में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मस्जिद के शिलान्यास के कार्यक्रम में उन्हें न तो कोई बुलाएगा और न ही वह जाएंगे।
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