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मोदी-शाह का दमदार प्लान: जम्मू-कश्मीर के इसलिए उपराज्यपाल बने मनोज सिन्हा
मुर्मू का इस्तीफा राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है और इसके बाद ये जिम्मेदारी मनोज सिन्हा को दे दी गई। मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्त नेताओं में गिने जाते हैं।
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता मनोज सिन्हा को जम्मू और कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। गिरीश चंद्र मुर्मू द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने के बाद गुरुवार सुबह राष्ट्रपति भवन की तरफ से मनोज सिन्हा की नियुक्ति की घोषणा की गई।
PM नरेंद्र मोदी के विश्वस्त नेताओं में गिने जाते हैं सिन्हा
5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का एक साल पूरा हुआ है, इसी बीच बुधवार शाम को अचानक जीसी मुर्मू के इस्तीफे की खबर आई। मुर्मू का इस्तीफा राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है और इसके बाद ये जिम्मेदारी मनोज सिन्हा को दे दी गई। मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्त नेताओं में गिने जाते हैं।
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जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल बदलने की कहानी
मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किए जाने को राजनीतिक गलियारों में एक अलग नजरिये से देखा जा रहा है। राजनीतिक मामलों के जानकार आनंद कुमार का कहना है कि कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दृष्टिकोण में कुछ अंतर आया है। ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ राजनेता को उपराज्यपाल बनाए जाने के पीछे जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक समाधान की एक नई राह खोजने की पीएम की मंशा है।
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कश्मीर को लेकर पहले भी संजीदा रहे हैं PM
प्रधानमंत्री मोदी के विश्वस्त और पूर्व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के पहली वर्षगांठ के दौरान उपराज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई। आनंद कुमार का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी कश्मीर को लेकर पहले भी संजीदा रहे हैं। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने की जल्दबाजी नहीं की।
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अमित शाह ने आर्टिकल 370 हटाने में जरा भी नहीं की देरी
लेकिन जब उन्होंने दूसरी बार प्रधानमंत्री के तौर पर देश की कमान अपने हाथो में ली तो उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की रणनीति पर काम शुरू किया। मोदी के दूसरे कार्यकाल में गृह मंत्रालय अमित शाह के पास था तो कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने में जरा भी देरी नहीं की गई। इस मामले में पीएम मोदी ने भी शाह का भरपूर साथ दिया।
कश्मीर मामले का राजनीतिक समाधान
आनंद कुमार कहता है कि अब PM मोदी कश्मीर मामले को अपने तरीके से राजनीतिक समाधान चाहते हैं। जिसके लिए उन्होंने मनोज सिन्हा को चुना है। मनोज सिन्हा हमेशा से ही मोदी के खास विश्वासपात्रों में से एक हैं। इसी वजह से उन्हें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की कमान सौंपी गई है।
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राज्यपाल के तौर पर इन प्रमुख जिम्मेदारियों को होगा निभाना
राज्यपाल बनने के बाद मनोज सिन्हा को कई अहम चीजों पर काम करना होगा, जो उनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में शुमार रहेंगे। जैसे- कश्मीरी पंडितों को दोबारा घाटी में बसाने के लिए सटीक योजना पर काम करना। जम्मू में नौकरियों को लेकर असमंजस की स्थिति के साथ-साथ लोगों के अंदर कई मुद्दों के स्पष्ट ना होने के चलते एक डर की स्थिति है, जिसे दूर करना भी उनकी प्रमुख जिम्मेदारी होगी।
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जम्मू के लोगों को राजनीतिक भाषा में बहुत कुछ समझाने की जरुरत
आनंद कुमार का कहना है कि नए उपराज्यपाल को जम्मू-कश्मीर के लोगों को राजनीतिक भाषा में बहुत कुछ समझाने की जरुरत है। क्योंकि अभी भी वहां के लोग यह समझते हैं कि यहां पर मुस्लिमों का वर्चस्व खत्म हुआ है और वो कश्मीर के वजूद को कायम रखना चाहते हैं। वहां के लोगों के मन में डर है कि कहीं वो शेष भारत से अलग तो नहीं होंगे। वहां की बहुत सी आबादी चाहती है कि वो शेष भारत से जुड़े रहे।
शुरुआत से ही रखना होगा इसका ध्यान
यह जुड़ाव सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक क्षेत्र में हो सकता है। अब इस जिम्मेदारी को मनोज सिन्हा को पूरा करना होगा। आनंद कुमार का कहना है कि चूंकि इसका सीधा संबंध पीएम से है, इसलिए वे शुरुआत से ही राजनीतिक समाधान के उद्देश्य को ध्यान में रखकर आगे बढ़ेंगे।
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