टाइम कैप्सूल पर विवादः राम मंदिर की नींव में रखने को लेकर हां और ना

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने इस खबर को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि नींव में कोई टाइम कैप्सूल नहीं रखा जाएगा।

Shreya
Published on: 28 July 2020 9:41 AM GMT
टाइम कैप्सूल पर विवादः राम मंदिर की नींव में रखने को लेकर हां और ना
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Time capsule controversy

अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने में कुछ दिन ही बाकी रह गए हैं। मंदिर निर्माण को लेकर तैयारियां भी तेज कर दी गई हैं। इस बीच खबर आई कि राम मंदिर निर्माण के लिए बनाया गया ट्रस्ट मंदिर स्थल में दो हजार फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखेगा। जिसमें मंदिर निर्माण का पूरा इतिहास दर्ज होगा। लेकिन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने इस खबर को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि नींव में कोई टाइम कैप्सूल नहीं रखा जाएगा।

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कामेश्वर चौपाल ने रविवार को किया था ये दावा

हालांकि इसके विपरित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने रविवार को दावा किया था कि राम मंदिर के नींव में एक टाइम कैप्सूल दबाया जाएगा। ताकि आगे चलकर मंदिर से जुड़े तथ्यों को लेकर कोई विवाद न रहे। अब इस दावे को राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने खारिज कर दिया है और मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल रखने की खबर को गलत बताया है।

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क्या होता है टाइम कैप्सूल?

टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है, जो एक विशेष प्रकार के धातु से बना होता है। यह धातु कई तरह के धातुओं से मिलकर बना होता है, जो हजारों सालों तक सुरक्षित रह सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि ट्रस्ट लोगों को राम मंदिर के संघर्ष से जोड़ने और इसके तथ्यपरक इतिहास को बताने के लिए मंदिर स्थल में 2000 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखेगा।

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क्या होता उस टाइम कैप्सूल के अंदर?

साथ ही ये भी कहा गया था कि इस टाइम कैप्सूल के अंदर ताम्रपत्र पर राम मंदिर का इतिहास लिखा होगा। जिसमें राम मंदिर का नक्शा चित्र और साथ ही अहम जानकारी भी होगी। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि यह फैसला इसलिए किया गया, ताकि भविष्य में लोगों को राम जन्मभूमि का इतिहास के बारे में सही व तथ्यपरक जानकारी आसानी से मिल सके। हालांकि इन खबरों को चंपत राय ने खारिज कर दिया है।

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