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मंदिरों पर चली जेसीबी: राममंदिर निर्माण के लिए हुआ ये फैसला, टूटेंगे दर्जनों

अयोध्या राममंदिर निर्माण के कार्य में तेजी आई है। रामजन्मभूमि परिसर में मार्ग में पड़ने वाले जर्जर मंदिरों और भवनों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

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Published on: 28 Aug 2020 2:05 PM IST
मंदिरों पर चली जेसीबी: राममंदिर निर्माण के लिए हुआ ये फैसला, टूटेंगे दर्जनों
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मंदिरों पर चली जेसीबी: राममंदिर निर्माण के लिए हुआ ये फैसला, टूटेंगे दर्जनों

लखनऊ। अयोध्या राममंदिर निर्माण के कार्य में तेजी आई है। रामजन्मभूमि परिसर में मार्ग में पड़ने वाले जर्जर मंदिरों और भवनों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। ऐसे में रामजन्मभूमि परिसर पर स्थित लगभग 250 साल पुराने सीता रसोई मंदिर को ध्वस्त करने की कार्य भी शुरू हो गया है। इस कार्य के लिए एलएंडटी की टीमें जेसीबी व अन्य मशीनों लगी हुई हैं।

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तीन दशकों से पूजा-अर्चना बंद

इस बारे में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पहले ही बता दिया था कि राममंदिर परिसर में मौजूद करीब एक दर्जन ऐसे प्राचीन मंदिरों को ध्वस्त किया जाएगा। जिनमें लगभग तीन दशकों से पूजा-अर्चना बंद है। इसी के चलते गुरुवार दोपहर से प्राचीन सीता रसोई मंदिर को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं ऐसा माना जा रहा है कि देर शाम तक मंदिर को ध्वस्त कर दिया जाएगा।

साथ ही ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पहले ही बता चुके हैं इन मंदिरों को ध्वस्त किया जाएगा लेकिन इनमें विराजमान गर्भगृह को मंदिर परिसर में ही सुरक्षित रखा जाएगा। जब राममंदिर का निर्माण हो जाएगा तो इन सभी मंदिरों के गर्भगृह को उचित स्थान पर स्थापित कर इनकी पूजा-अर्चना का क्रम शुरू किया जाएगा।

ram temple

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ट्रस्ट ने गिराने का निर्णय लिया

जानकारी देते हुए श्रीरामजन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र ने बताया कि रामजन्मभूमि परिसर में सीतारसोई, कोहबर भवन, आनंद भवन, साक्षी गोपाल सहित करीब एक दर्जन मंदिर हैं जिन्हें ट्रस्ट ने गिराने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में गुरुवार को सीता रसोई के अंदर के हिस्से को गिराने का काम शुरू कर दिया है।

ऐसे में अब राममंदिर निर्माण की प्रक्रिया ने तेजी पकड़ ली है। एलएंडटी की बड़ी-बड़ी मशीनें भी श्रीरामजन्मभूमि परिसर पहुंचने लगी हैं। ट्रस्ट ने तय किया गया कि तीन से साढ़े तीन साल के अंदर राममंदिर का निर्माण कार्य पूरा कर लेना है।

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