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Azam Khan News: आजम के खिलाफ स्कूल वाले मामले में आज सुनवाई, फर्जी दस्तावेज के जरिये NOC लेने का है आरोप
Azam Khan News: हेट स्पीच मामले में अदालत से राहत हासिल करने वाले खान पर अब उनके ट्रस्ट द्वारा संचालित स्कूल से जुड़े मामले में घिरते नजर आ रहे हैं। आज यानी मंगलवार 6 जून को रामपुर की MP-MLA कोर्ट में सुनवाई होनी है।
Azam Khan News: समाजावादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। उन्हें अगर एक मामले में राहत मिलती भी है तो किसी अन्य मामले में शिकंजा कस जाता है। ऐसा एकबार फिर हुआ है। हेट स्पीच मामले में अदालत से राहत हासिल करने वाले खान पर अब उनके ट्रस्ट द्वारा संचालित स्कूल से जुड़े मामले में घिरते नजर आ रहे हैं। इस मामले में आज यानी मंगलवार 6 जून को रामपुर की MP-MLA कोर्ट में सुनवाई होनी है।
दरअसल, वरिष्ठ सपा नेता पर आरोप है कि उन्होंने अपने ट्रस्ट (जोहर ट्रस्ट) द्वारा संचालित रामपुर पब्लिक स्कूल की मान्यता फर्जी दस्तावेज के आधार पर हासिल की है। उन पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर फायर विभाग से एनओसी लेने का आरोप है। पिछली सुनवाई जो 30 मई को हुई थी, इस मामले में नगर कोतवाली के कोतवाल ने 1888 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 6 जून को तय की थी।
क्या है पूरा मामला ?
रामपुर में आजम खान के जोहर ट्रस्ट द्वारा संचालित रामपुर पब्लिक स्कूल को बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता दिलाने के मामले में फर्जी दस्तावेज के इस्तेमाल के आरोप लगे थे। आरोप है कि फेक फायर एनओसी और सीएनडीएस द्वारा जारी किए गए फेक प्रमाण पत्र लगाकर मान्यता हासिल की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। लंबी जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में सपा नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात तत्कालीन अधिकारी तौफीक अहमद को आरोपी बनाया है। पुलिस ने अपनी 1888 पन्नों की चार्जशीट में इन सभी के ऊपर लगे चार्ज का विस्तृत ब्यौरा दिया है।
हेट स्पीच मामले में आजम को मिल चुकी है राहत
साल 2019 के आम चुनाव के दौरान आजम खान के जिस नफरती भाषण को आधार बनाकर साल 2022 में उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी, उस मामले में उन्हें बरी किया जा चुका है। एमपी/एमएलए कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दी गई उन्हें तीन साल की सजा को रद्द कर दिया था।
बता दें कि आजम खान के अलावा उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी 15 साल पुराने एक मामले में सजा मिलने के बाद विधायकी गंवा चुके हैं। पिता-पुत्र दोनों फिलहाल किसी भी सदन का हिस्सा नहीं हैं। वहीं, इन दोनों की सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल ने जीत दर्ज की है।