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अब क्या होगा आजम खान का?, इस मामले में पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान लोकसभा में विवादित बयान के बाद से ही चौतरफा घिरे हुए। उनके दिए बयान के बाद करीब सभी राजनीतिक दल उनके निलंबन की मांग पर अड़े हैं। इस बीच सपा नेता को एक और बड़ा झटका लगा है। अमर्यादित टिप्पणी के मामले में पुलिस ने उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान ने लोकसभा में विवादित बयान के बाद पहले से ही चौतरफा घिरे हुए। उनके दिए बयान के बाद करीब सभी राजनीतिक दल उनके निलंबन की मांग पर अड़े हैं। इस बीच सपा नेता को एक और बड़ा झटका लगा है। अमर्यादित टिप्पणी के मामले में पुलिस ने उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।
बता दें कि एक चुनावी जनसभा के दौरान बीजेपी प्रत्याशी जयाप्रदा के खिलाफ उन्होंने टिप्पणी की थी। 14 अप्रैल को शाहबाद में पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम खान के समर्थन में जनसभा की थी। इस जनसभा में भाषण के दौरान आजम खान ने बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी।
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आजम खान ने जया प्रदा के कपड़ों पर बेहद अशोभनीय टिप्पणी की थी। आजम खान ने रैली में कहा था, "जिसको हम ऊंगली पकड़कर रामपुर लाए, आपने 10 साल जिससे अपने इलाके का प्रतिनिधित्व कराया...उसकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लगे, मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके..."
आजम खान के इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और इसे राजनीतिक पतन की पराकाष्ठा करार दिया था। बीजेपी ने कहा था ये समाजवादी पार्टी का असली चेहरा है।
गौरतलब है कि बीजेपी नेता जया प्रदा 2004 और 2009 में सपा के टिकट पर रामपुर से सांसद रह चुकी हैं। 2010 में पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से उन्हें निष्कासित कर दिया गया था।
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आजम खान की इस विवादित टिप्पणी के बाद बवाल मच गया था। महिला आयोग ने भी आजम खान को नोटिस जारी किया था और सफाई देने को कहा था। इसका संज्ञान लेते हुए मजिस्ट्रेट महेश कुमार गुप्ता ने शाहबाद कोतवाली में आजम खान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अब इस मामले में शाहबाद पुलिस ने आजम खान के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दिया है।
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आजम खान इस वक्त जौहर यूनिवर्सिटी के लिए अवैध जमीन कब्जे को लेकर कई मुकदमों का सामना कर रहे हैं। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए फर्जीवाड़ा करके जमीन कब्जा करने के मामले में उन पर अभी तक 28 प्राथमिक दर्ज हो चुकी है। 27 प्राथमिकी अलियागंज गांव के किसानों की उस शिकायत पर दर्ज है जिसमें कहा गया है कि यूनिवर्सिटी में मंडिकल कॉलेज बनाने के लिए इनकी जमीनों पर कब्जा किया गया। 28वीं प्राथमिकी नदी के किनारे 5 हेक्टेयर जमीन के कब्जे को लेकर हुई है।