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Azamgarh News: नाग पंचमी के दिन पूजे जाते हैं नागदेवता, गांव में गायी जाती है कजरी
Azamgarh News: त्यौहार को लेकर लोगों में उत्साह दिखा, एक दिन पूर्व रविवार को लोग दिन भर तैयारियां करते रहें पकवान बनाने के लिए आवश्यक चीजों की खरीदारी की गई।
Azamgarh News: नाग पंचमी का पर्व सोमवार को मनाया जा रहा है,घर-घर नाग देवता की पूजा की जा रही है। त्यौहार को लेकर लोगों में उत्साह दिखा, एक दिन पूर्व रविवार को लोग दिन भर तैयारियां करते रहें पकवान बनाने के लिए आवश्यक चीजों की खरीदारी की गई। सावन मास में पंचमी तिथि का अलग महत्व है, इस दिन घर-घर नाग देवता की पूजा होती है, और साथ ही नाग देवता को दूध पिलाया जाता है।इस दिन नाग देवता के दर्शन करने के का भी महत्व होता है।
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त्योहार और पूजा पाठ के लिए सोमवार को दिनभर महिलाएं घर में सफाई करते रही सोमवार के पंचमी तिथि का यह शुभ मुहूर्त होने के कारण त्यौहार का महत्व और बढ़ गया है।माताएं और बहने नाग देवता की पूजा करने के साथ-साथ दूध, लवा चढ़ाते हैं। इसके साथ ही सांप दिखाने वालों के आने पर सर्प को भी दूध पिलाया जाता है। दीवार पर गाय के गोबर, काजल और सिंदूर से रेखा खींचकर सर्प की आकृति बनाई जाती है। इस दिन गांव-गांव में महावीर जी का झंडा बदलने के साथ-साथ अखाड़े की भी पूजा होती है। धान का लवा,पूजा की सामग्री खरीदारी के लिए बाजारों में उमड़ी रही। उधर गांव,देहात में दंगल का भी आयोजन किया जाता है। ग्राम पंचायतों में स्थित शंकर जी के मंदिर पर दंगल का आयोजन ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाता है जिसमें विजेता पहलवानों को इनाम दिया जाता है।
नाग देवता की पूजा से दूर होते हैं कष्ट
लालगंज की निवासिनी पुजारी राजमनी देवी ने बताया कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सारे पाप कट जाते हैं। भगवान शिव के साथ नाग देवता को भी दूध, लावा चढ़ाया जाता है।
मधुर कजरी अब सुनाई नहीं देती
सावन की पंचमी तिथि को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में खास उत्साह रहता है। एक माह पहले पेड़ों की डाल पर झूले पड़ जाते थे। अब झूला कम दिखाई देता है। पचइंया के दिन कुछ स्थानों पर झूला डालकर महिलाएं, बच्चे, युवतियां झूलती हैं। इसके साथ कजरी भी गाती हैं लोग उसका आनंद उठाते हैं। पहले की तरह अब मधुर कजरी अब सुनाई नहीं देती। के सावन के महीने में "सावन का महीना घटाए घनघोर झूला कदम की डाली झूले राधा नंद किशोर "और रिमझिम बरसे सवनवा बिन साजनवा आदि गीत भी गाए जाते थे।