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बहुत बुरा हाल Etah जिला अस्पताल का, मरीजों को लिखी जा रही बाहर की दवा
वहीं जिला चिकित्सालय में मरीजों से अभद्रता एवं झगड़े के लिए प्रसिद्ध डाक्टर चेतन चौहान को दिखाने आये डायबिटीज के पेसेन्ट राज वर्धन ने बताया कि में बीते दिन एन सी डी में तैनात चिकित्सक चेतन चौहान को दिखाने गया
एटा: एटा जनपद के जिला चिकित्सालय में तैनात संविदा चिकित्सक शासन के दिशानिर्देशों की धज्जियाँ उडाते हुये खुलेआम चिकित्सालय से बाहर की दवा लिखरहे है मरीजों दाृरा मना करने या विरोध करने पर यह चिकित्सक गाली-गलौज व मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। ऐसा नहीं है उनके इस खेल में वह अकेले ही शामिल हैं उनके साथ अलग से मौजूद दवा कम्पनी के ऐजेन्ट व बाहरी गुंडे/दलाल भी मरीज को डरा धमका कर भगा देते हैं।
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जबरन सरकारी अस्पताल से बाहर की दवा लिख दी
बीते दिन जिला चिकित्सालय के कमरा नम्बर 7 में मौजूद चिकित्सक ने सर में एलर्जी दिखाने आये एक सीनियर सिटीजन मरीज देव सिंह पुत्र भूदेव निवासी ग्राम हरचंद पुर को जबरन सरकारी अस्पताल से बाहर की दवा लिख दी जबकि वह होस्पीटल की दवा लिखवाने के लिए गिड़गिड़ाता रहा और डाक्टर ने उसकी एक न सुनी।
उनके कमरे के बाहर मरीजों की लम्बी लाइन लगी थी
वहीं जिला चिकित्सालय में मरीजों से अभद्रता एवं झगड़े के लिए प्रसिद्ध डाक्टर चेतन चौहान को दिखाने आये डायबिटीज के पेसेन्ट राज वर्धन ने बताया कि में बीते दिन एन सी डी में तैनात चिकित्सक चेतन चौहान को दिखाने गया तो पहले तो चिकित्सालय के अपने कक्ष में डाक्टर मौजूद नहीं थे। उनको काफी तलाश करने के बाद पता चला कि वह ओपीडी में बैठने के स्थान पर ओ टी (आप्रेशन थियेटर) में बेठकर संविदा के सर्जन डाक्टर परमार व अन्य चिकिसाकर्मियों के साथ बैठकर गप्पे मार रहे थे और उनके कमरे के बाहर मरीजों की लम्बी लाइन लगी थी ।
जब मैंने उनसे मरीजों को देखने की बात कही तो उन्होंने मुझे देखने से स्पष्ट इन्कार कर दिया और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे तो मैंने उनकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा राजेश अग्रवाल से की तो उन्होंने भी बताया कि वह ओटी में चले गये होंगे और उनके फोन करने के बाद भी चिकित्सक की भाषा में कोई सुधार नहीं आया और उन्होंने मुझे देखने के स्थान पर सिर्फ खाना पूर्ति कर मेरा ब्लड सुगर चैक कराकर वापस लौटा दिया।
आपको बताते चलें कि पूरे जिला चिकित्सालय में ओ टी संविदा चिकित्सको व दलालों का सवसे बडा अड्डा बना हुआ है जहाँ उपचार कम मरीजों को डरा धमका कर निजी उपचार के लिए ले जाने की तैयारी ज्यादा होती है।
वह दवा भी एक निश्चित मैडिकल स्टोर पर ही मिलती है
आपको बताते चलें कि जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक में तैनात एक और चिकित्सक द्वारा भी ओपीडी में बैठकर मरीजों को खुलेआम बाहरी मैडिकल स्टोरों पर मिलने वाली दवा के पर्चे लिखे जाते हैं वह दवा भी एक निश्चित मैडिकल स्टोर पर ही मिलती है जिसमें डाक्टर को भी भारी कमीशन प्राप्त होती है जब की सरकार के नियम के अनुसार मरीज को अस्पताल से बाहर की दबा नहीं लिखी जा सकती है।
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मुख्य चिकित्सा अधीक्षक राजेश अग्रवाल ने बताया कि डाक्टर चेतन चौहान के मरीजों से खराब व्यवहार की मुझे शिकायत मिल रही है। उनसे कुछ कहने पर वह रिजाइन की धमकी दे देते हैं। चिकित्सालय में चिकित्सक की कमी है। उसका यह संविदा चिकित्सक फायदा उठा रहे हैं। फिर भी मैं उन्हें मरीजों से अच्छे व्यवहार के लिये समझाऊंगा।
रिपोर्ट- सुनील मिश्रा
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