BSP नेता की मौतः SDM और कानूनगो पर बड़ा आरोप, पार्टी में हड़कंप

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में तहसील परिसर में जहर खाने से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के एक नेता की मौत हो गई। प्रशासनिक अधिकारियों की बदजुबानी और लापरवाही से तंग आकर बीएसपी नेता ने जान दी है।

Ashiki
Published on: 8 Feb 2021 4:15 AM GMT
BSP नेता की मौतः SDM और कानूनगो पर बड़ा आरोप, पार्टी में हड़कंप
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BSP नेता की मौतः SDM और कानूनगो पर बड़ा आरोप, पार्टी में हड़कंप

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में तहसील परिसर में जहर खाने से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के एक नेता की मौत हो गई। प्रशासनिक अधिकारियों की बदजुबानी और लापरवाही से तंग आकर बीएसपी नेता ने जान दी है। बताया जा रहा है कि सहसवान तहसील क्षेत्र के रहने वाले बसपा नेता हरवीर सिंह ने तहसील परिसर में ही सल्फास की गोलियां खा ली। इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

बीएसपी नेता ने दो पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है और पूरे मामले के लिए एसडीएम और रजिस्ट्रार कानूनगो को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही दोनों दोषी अधिकारियों को सजा दिलवाने की गुहार भी लगाई है। इसके अलावा हरवीर सिंह ने अपने करीबी को फोन पर सल्फास खा लेने की बात बताई थी, जिसका ऑडियो भी वायरल हो रहा है।

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रिश्वत मांग रहे थे एसडीएम और कानूनगो

जानकारी के मुताबिक गांव रसूलपुर डांस का रहने वाले हरवीर बीएसपी के तहसील अध्यक्ष थे। साल 2006 में उनको जमीन का पट्टा आवंटित किया गया था। जिसको संक्रमणीय भूमिधर में दर्ज कराने के लिए वह तहसील के चक्कर लगा रहे थे। रजिस्ट्रार कानूनगो और एसडीएम उससे 50 हजार रिश्वत मांग रहे थे।

मृतक बसपा नेता के भाई ने कही ये बात

मृतक बसपा नेता के भाई का आरोप है कि शनिवार को एसडीएम सहसवान ने उसके साथ बदसलूकी की और जेल भेज देने की धमकी दी। हरवीर इस व्यवहार से इतना दुखी हुआ कि उसने तहसील परिसर में ही सल्फास खा ली। उसने खुद अपने परिजनों को जहर खा लेने की बात फोन पर बताई। आनन फानन में में उसे अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

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सुसाइड नोट और ऑडियो क्लिप भी वायरल

बसपा नेता हरवीर ने सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उसने एसडीएम और रजिस्ट्रार कानूनगो को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलावा किसी से बातचीत की ऑडियो भी वायरल हो रही है। इस घटना पर बदायूं के एसएसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि जिलाधिकारी ने संबंधित कानूनगो को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच एडीएम राजस्व-वित्त नरेंद्र बहादुर सिंह को सौंप दी है।

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