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अभिलेखों में दर्ज ही नहीं हुआ पांच दशक पुराना आदेश, मामले में आ गया नया मोड़

चकबंदी अधिकारी का पांच दशक पुराना आदेश दर्ज नही करने को लेकर राजस्व विभाग सवालों के घेरे में आ गया है। इसको लेकर सियासत भी गरमाने लगी है।

Aradhya Tripathi
Published on: 29 Jun 2020 12:52 PM GMT
अभिलेखों में दर्ज ही नहीं हुआ पांच दशक पुराना आदेश, मामले में आ गया नया मोड़
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बलिया: सहकारी संघ, बिल्थरारोड की भूमि पर कब्जा करने के मामले में आज नया मोड़ आ गया। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने आज चकबंदी अधिकारी का पांच दशक पुराना आदेश सार्वजनिक किया। जिसमें भाजपा विधायक धनन्जय कन्नौजिया द्वारा क्रय की गई भूमि को सहकारी संघ के बीज गोदाम के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज करने का आदेश दिया गया है। चकबंदी अधिकारी का पांच दशक पुराना आदेश दर्ज नही करने को लेकर राजस्व विभाग सवालों के घेरे में आ गया है। इसको लेकर सियासत भी गरमाने लगी है।

बैंक अध्यक्ष ने उप जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

बैरिया क्षेत्र के सुदिष्ट बाबा की भूमि पर फर्जीवाड़े का मामला अभी ठंडा भी नही हुआ है कि जिले के बिल्थरा रोड कस्बे की सहकारी संघ की भूमि को कथित रूप से क्रय करने का मामला सामने आ गया। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह की अगुवाई में आज सहकारी समितियों से जुड़े ओहदेदार उप जिलाधिकारी, बिल्थरारोड से मिले तथा उन्होंने उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पहले बिल्थरारोड कस्बे में सहकारी संघ की स्थापना हुई है। वर्ष 1948 में इसके भवन व बाउंड्री का निर्माण हुआ। राजस्व विभाग की खतौनी में आराजी संख्या 208 ख पर रकबा 0.3200 हेक्टेयर दर्ज है। इस पर चारों तरफ संघ की बाउंड्री है। संघ की बाउंड्री के पश्चिम तरफ सरकारी अस्पताल की सटी बाउंड्री है।

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ज्ञापन में कहा गया है कि सहकारी संघ का निर्माण दानदाताओं की भूमि पर हुआ है। आराजी संख्या 216 रकबा 0 . 0120 सहकारी संघ व सरकारी अस्पताल की बाउंड्री निर्मित है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि चकबंदी अधिकारी ने मुकदमा नम्बर 12154 / 28 अप्रैल 1969 में आदेश कि इस भूमि से जहीरुद्दीन आदि का नाम खारिज कर सहकारी संघ बीज गोदाम नाम अंकित कर दिया जाय। राजस्व विभाग की लापरवाही व मिलीभगत के कारण चकबंदी अधिकारी का आदेश राजस्व अभिलेख में अंकित नही किया गया। जिसके परिणामस्वरूप भाजपा विधायक धनन्जय कन्नौजिया ने गत 16 जून व 17 जून को 21 लोगों से बैनामा करा लिया। ज्ञापन में भाजपा विधायक कन्नौजिया पर विधायक की धौंस बनाकर सहकारी संघ की भूमि पर कब्जा करने की कोशिश का आरोप लगाया गया है।

ज्ञापन में हुए खुलासे को लेकर गरमाई सियासत

ज्ञापन पर सहकारी संघ के अध्यक्ष शिवदास यादव , बब्बन यादव , शशिकांत यादव , देवेंद्र यादव आदि के हस्ताक्षर हैं। ज्ञापन मुख्यमंत्री के साथ ही सहकारिता मंत्री व विभागीय अधिकारियों तथा जिलाधिकारी को भी प्रेषित किया गया है। इसको लेकर इलाके की सियासत गरमा गई है। सहकारी संघ की कथित भूमि पर कब्जे को लेकर सहकारी संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारी जहाँ एक तरफ मुखर हैं तथा इसके लिए हर स्तर पर लड़ाई की चेतावनी दे रहे हैं। वहीं सपा ने भी इस मसले को भाजपा विधायक श्री कन्नौजिया की घेरेबंदी तेज कर दिया है। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष आद्या शंकर यादव ने इस मामले में निर्णायक संघर्ष की धमकी दी है तथा कहा है कि सहकारी संघ व सरकारी अस्पताल की भूमि पर किसी भी स्थिति में कब्जा नही होने दिया जायेगा।

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इस पूरे मामले में राजस्व विभाग के साथ ही भूमि की बिक्री करने वाले सवालों के घेरे में आ गए हैं। सवाल यह है कि चकबंदी अधिकारी ने जब तकरीबन पांच दशक पहले 28 अप्रैल 1969 को ही जहीरुद्दीन आदि का नाम खारिज कर सहकारी संघ के बीज गोदाम का नाम दर्ज करने का आदेश किया है तो फिर चकबंदी अधिकारी के आदेश को अब तक राजस्व अभिलेख में दर्ज क्यों नही किया गया। मजेदार बात यह भी है कि जिन व्यक्तियों ने भाजपा विधायक को जमीन की बिक्री किया है , यदि वास्तव में वह भूमि के स्वामी रहे तो फिर वह इस भूमि पर अब तक काबिज क्यों नही हुए।

रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर

Aradhya Tripathi

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