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मदद में सड़ा आलूः प्रवासी मजदूरों से मजाक, लाभ से हो रहे वंचित

लॉकडाउन में वैश्विक महामारी कोरोना के चलते गैर प्रान्तों में नौकरी कर अपनी आजीविका चला रहे प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें अपने गांव लौटने के बाद भी कम नही हो रही । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी प्रवासी मजदूरों तक सरकारी सहायता व खाद्य सामग्री का किट मुहैया कराने का आदेश दिया है , लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना को भी भ्रष्टाचार में डूबे राजस्व कर्मियों व ग्राम प्रधानों की नजर लग गई है ।

Rahul Joy
Published on: 18 Jun 2020 6:35 AM GMT
मदद में सड़ा आलूः प्रवासी मजदूरों से मजाक, लाभ से हो रहे वंचित
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बलिया । योगी सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों को दी जा रही आर्थिक सहायता व खाद्य सामग्री भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है । प्रवासी मजदूरों को सहायता के रूप में सड़ा हुआ आलू दिया जा रहा है । खाद्य सामग्री कम मिलने की भी शिकायत है । प्रवासी मजदूर सरकारी सहायता व खाद्य सामग्री के लाभ से वंचित होकर अधिकारियों की परिक्रमा कर रहे हैं । इसको लेकर प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई योजना सवालों के घेरे में है ।

प्रवासी मजदूरों को हो रही परेशानी

लॉकडाउन में वैश्विक महामारी कोरोना के चलते गैर प्रान्तों में नौकरी कर अपनी आजीविका चला रहे प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें अपने गांव लौटने के बाद भी कम नही हो रही । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी प्रवासी मजदूरों तक सरकारी सहायता व खाद्य सामग्री का किट मुहैया कराने का आदेश दिया है , लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना को भी भ्रष्टाचार में डूबे राजस्व कर्मियों व ग्राम प्रधानों की नजर लग गई है । जिले के नारायण गढ़ ग्राम पंचायत के श्री कांत पुर ग्राम के प्रवासी मजदूरों के बयान से ऐसा ही प्रतीत हो रहा है ।

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नहीं मिली सरकारी सहायता

उधर गड़वार ब्लाक के फेफना ग्राम के प्रवासी मजदूरों ने सरकारी खाद्यान्न वितरण में धांधली का आरोप लगाया है । सेवरहिया ग्राम के अंगद कुमार मौर्य गुजरात के सूरत से गांव लौट हैं । उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी फैलने व लॉकडाउन के कारण गांव लौटना पड़ा । उन्होंने बताया कि गांव लौटने के बाद 14 दिन तक एकांतवास में रहे । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान पढ़कर खुशी हुई कि विपत्ति काल में सरकार की तरफ से सहयोग मिलेगा तो उनका दुख दूर होगा । उन्होंने अपने सभी कागजात राजस्व विभाग के कर्मी को उपलब्ध करा दिया , लेकिन उनको अब तक न तो सरकारी सहायता मिली और न ही खाद्य सामग्री का किट ही मिला ।

उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकारी मशीनरी ग्राम प्रधान की मिलीभगत से सरकारी सहायता व खाद्य सामग्री का किट देने में रसूखदार लोगों को तबज्जो दे रहा है और पात्र लोगों की अनदेखी की जा रही है । इसी गांव के अनिल कुमार वर्मा की भी कुछ ऐसी ही पीड़ा है ।

तहसील पहुँचे प्रवासी

अनिल कहते हैं कि महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब आदि दूसरे राज्यों से तकरीबन डेढ़ सौ प्रवासी मजदूर गांव आये हैं तथा इनमें से किसी को भी अब तक न तो सरकारी सहायता मिली और न ही खाद्य सामग्री का किट। प्रवासी मजदूर कल बैरिया तहसील पहुँचे तथा अपनी पीड़ा उप जिलाधिकारी सुरेश पाल को सुनाई । गड़वार ब्लाक के फेफना ग्राम के प्रवासी मजदूरों की अलग तरह की पीड़ा है ।

ग्राम के सन्तोष कुमार , स्वामी नाथ गोंड , रोहित पासवान , मनीष कुमार आदि ने उप जिलाधिकारी सदर को शिकायती पत्र देकर प्रशासन की तरफ से मिल रहे खाद्य सामग्री के किट में सड़े हुए आलू के मिलने का रोना रोया है । पत्र में खाद्य सामग्री कम मिलने की भी शिकायत की गई है । यह दो घटना बानगी है कि जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महत्वाकांक्षी योजना की क्या दशा है ।

रिपोर्टर- अनूप कुमार हेमकर, बलिया

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