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पुलिस को चुनौतीः निकायों के भ्रष्टाचार ने घोंट दिया मणि मंजरी का दम, क्या है सच

भाई द्वारा दर्ज कराए प्राथमिकी में मणि मंजरी पर अधिशासी अधिकारी का कार्यभार संभालने के दौरान गलत काम करने को लेकर पड़ रहे दबावों का उल्लेख किया गया है।

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Published on: 9 July 2020 4:28 PM IST
पुलिस को चुनौतीः निकायों के भ्रष्टाचार ने घोंट दिया मणि मंजरी का दम, क्या है सच
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बलिया: मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर सक्रिय रही हैं। वह ब्लॉग लिखने की भी शौकीन रही हैं। उसके मौत का मामला हाई प्रोफाइल बन गया है। पुलिस ने मुकदमा भले ही दर्ज कर लिया है। लेकिन आरोपियों के रसूखदार होने को देखते हुए इनके विरुद्ध कार्रवाई करना बलिया पुलिस के लिए आसान नही होगा।

गलत कामों को लेकर बनाया जा रहा था दबाव

किसी को क्या पता था कि महिलाओं को हौसला देने वाली मणि मंजरी स्वयं परिस्थितियों का सामना करते हुए मौत का आलिंगन कर लेगी। कविता लिखना, उपन्यास व पुस्तकें पढ़ना तथा गाना सुनना उनका प्रिय शौक रहा है। दिव्या, गुनाहों का देवता, उर्वसी, आषाढ़ का एक दिन, रिवोल्यूशन 2020 तथा सेकेंड सेक्स उनकी पसंदीदा पुस्तकें रही हैं। ख्वाबों का ताबीर ब्लॉग पर वह लिखती भी रही है। घपले व घोटाले को लेकर सूबे में कुख्यात इस जिले में नगर निकायों में भ्रष्टाचार का किस कदर बोल बाला है।

यह सर्वविदित है। मणि मंजरी के भाई ने दर्ज कराए प्राथमिकी में मणि मंजरी पर अधिशासी अधिकारी का कार्यभार संभालने के दौरान गलत काम करने को लेकर पड़ रहे दबावों का सिलसिलेवार उल्लेख किया है। यही नहीं जिले के उच्च पदस्थ अधिकारियों को स्वयं जिले में कार्यरत कई अधिकारियों ने भी जानकारी दी कि मंजरी पर फर्जी कार्य करने को लेकर लगातार किस तरह से जबरदस्त दबाव बनाया जा रहा था। नगर निकायों में होने वाले निर्माण कार्यों से नगर निकाय बोर्ड से जुड़े लोगों के साथ ही जन प्रतिनिधियों का परोक्ष जुड़ाव होता है। बैरिया में भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह व नगर पंचायत अध्यक्ष के मध्य छिड़े जंग की कहानी भी सभी को मालूम है।

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इस पूरे मामले में मनियर के निवर्तमान अधिशासी अधिकारी संजय राव के विरुद्ध प्राथमिकी में जिस तरह से आरोप लगाया गया है। उससे स्पष्ट हो गया है कि नगर निकायों में भ्रष्ट तंत्र की जड़े बेहद मजबूत है। संजय राव वर्तमान समय में सिकंदरपुर में तैनात हैं। लेकिन उनके द्वारा मनियर के कार्यो में हस्तक्षेप किया जा रहा था। मनियर से हटने के बाद संजय राव सिकंदरपुर में तैनात हुए। उनको नगरा का भी अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। इससे जाहिर है कि संजय राव बेहद रसूखदार हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता शासित दल भाजपा से जुड़े हैं।

एसडीएम की मौत की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए नहीं आसान

भाजपा के एक मजबूत स्थानीय नेता से जबरदस्त विरोध के बावजूद वह शासन से मनमाफिक प्रस्ताव स्वीकृत कराने में लगातार सफल हुए। यह भी प्रमाण है कि नगर पंचायत अध्यक्ष भी बेहद रसूखदार हैं। ऐसे में बलिया पुलिस के लिए अधिशासी अधिकारी की मौत की गुत्थी को सुलझाना बड़ी चुनौती होगी। पुलिस विभाग की तरफ से आज बाकायदा अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव का बयान जारी किया गया। जिसमें उन्होंने विवेचना की गहराई से जांच व दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी की बात कहा है।

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पुलिस अधिकारियों का यह बयान आम लोगों के गले से नीचे उतर नही पा रहा। जिले में रसूखदार लोगों के विरुद्ध दर्ज मुकदमों में कार्रवाई की स्थिति से पुलिसिया जांच व कार्रवाई की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह के बेटे व भतीजे के विरुद्ध कई माह पहले दलित उत्पीड़न के मामले में नामजद मुकदमा दर्ज हुआ। दलित उत्पीड़न से जुड़े आम मुकदमों में तत्काल आरोपी की गिरफ्तारी हो जाती है। लेकिन मामला भाजपा विधायक के परिजनों से जुड़ा है इसलिए अभी भी विवेचना चल रही है। बैरिया में पिछले दिनों तीन मुकदमे दलित उत्पीड़न के आरोप की धारा में ही दर्ज हुए हैं।

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इन तीनों मुकदमों का भी हश्र सामने ही है। इस बीच अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी की मौत का मसला हाई प्रोफाइल बनता जा रहा है। कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी से लेकर आम आदमी पार्टी के नेता व सांसद संजय सिंह व सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट के जरिये प्रशासन पर निशाना साधा है। ऐसे में इस मामले की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिये बेहद परेशानी का सबब होगा। सवाल यह है कि क्या राजनैतिक दबावों को इतर रख पुलिस इस मामले का सच सामने लाने में सफल हो पायेगी।

रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर



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