TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

विकास का कार से कनेक्शन: उज्जैन में मिली लखनऊ की कार, अब पुलिस कर रही जांच

कानपुर एनकाउंटर के मास्टरमाइंड विकास दुबे को पुलिस ने उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं गैंगस्टर की गिरफ्तारी के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

Shreya
Published on: 9 July 2020 3:58 PM IST
विकास का कार से कनेक्शन: उज्जैन में मिली लखनऊ की कार, अब पुलिस कर रही जांच
X

लखनऊ: कानपुर एनकाउंटर के मास्टरमाइंड विकास दुबे को पुलिस ने उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं गैंगस्टर की गिरफ्तारी के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्षियों ने भी सवाल खड़े किए हैं कि आखिर विकास दुबे उज्जैन कैसे पहुंचा। बता दें कि बुधवार को विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद में एक गेस्ट हाउस में छापेमारी की थी, लेकिन वहां से आरोपी भाग निकला था। वहीं अब सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि वह उज्जैन कैसे पहुंचा?

यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कही ये चौंकाने वाली बात

पुलिस को शक है कि गाड़ी से उज्जैन पहुंचा विकास

वहीं उज्जैन पुलिस को शक है कि विकास दुबे एक गाड़ी के जरिए उज्जैन पहुंचा था। पुलिस ने एक गाड़ी को भी बरामद किया है, जो लखनऊ के इंदिरा नगर में रहने वाले मनोज यादव के नाम से दर्ज है। गाड़ी पर लखनऊ का नंबर और हाई कोर्ट लिखा था। अब पुलिस विकास दुबे और गाड़ी का कनेक्शन खंगालने में जुटी हुई है।

गिरफ्तारी के बाद चलाया गया था तलाशी अभियान

बता दें कि विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद पूरे उज्जैन में तलाशी अभियान चलाया गया था। इस दौरान एक गाड़ी बरामद हुई है। इस गाड़ी को पुलिस थाने ले आई है। इसके बाद इस गाड़ी को ढूंढते हुए दो लोग थाने पहुंचे और उन्होंने कहा कि ये गाड़ी उनकी है। थाने में गाड़ी को ढूंढते हुए पहुंचे लोगों ने अपने आप को वकील बताया है और कहा कि वो उससे उज्जैन घूमने आए थे।

यह भी पढ़ें: कुंभ पर महामारी की छायाः सोशल डिस्टेंसिंग के साथ होगा पहली बार

क्या वकील के जुड़े हैं विकास के साथ तार?

इसके बाद पुलिस उनसे थाने में पूछताछ कर रही है। पुलिस को शक है कि विकास दुबे इसी गाड़ी से उज्जैन आया है। फिलहाल पुलिस दोनों वकीलों से पूछताछ कर रही है। लखनऊ के ये दोनों वकील प्राइवेट गाड़ी से उज्जैन गए थे। इन वकीलों के तार विकास से जुड़ें हैं या नहीं पुलिस उसकी जांच कर रही है।

मनोज यादव के घर पहुंची पुलिस की टीम

इस बीच मनोज यादव के घर पुलिस की टीम पहुंच गई है। मनोज यादव भी वकील हैं। उनकी पत्नी से पूछताछ की जा रही है। पत्नी से पूछा जा रहा है कि मनोज यादव किस लिए उज्जैन गए थे। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मनोज यादव की पत्नी ने विकास दुबे के संपर्क में होने के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। वहीं खबर है कि गिरफ्तारी के वक्त विकास दुबे ने किसी बिट्टू का नाम लिया था, पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है।

यह भी पढ़ें: ताकि जल्दी ठीक हों कोरोना पीडि़त, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया ये बड़ा काम

विकास दुबे ने की थी दो वकीलों से मुलाकात

मीडिया रिपोर्ट्स नें सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि विकास दुबे ने दो वकीलों से मुलाकात की थी और विकास दुबे को उज्जैन पहुंचने में इन्हीं ने मदद की थी। इन दोनों वकीलों के अलावा एक स्थानीय नागरिक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है।

विकास के पास था एक बैग

जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तारी के वक्त विकास दुबे के पास एक बैग था। जिसमें कुछ कपड़े, एक मोबाइल, उसका चार्जर और कुछ कागजात भी हैं। बैग में जो मोबाइल मिला है विकास इसी से लोगों से संपर्क करता था। संपर्क के बाद वो अपना फोन स्विच ऑफ करके अपनी जगह बदल देता था।

यह भी पढ़ें: ‘वोकल फार लोकल एंड मेक इट ग्लोबल’ को मिला देशवासियों का समर्थन- CM त्रिवेन्द्र सिंह रावत

सरेंडर या गिरफ्तारी?

बता दें कि विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद से मध्य प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने इस प्रायोजित सरेंडर बताया है तो वहीं सपा नेता ने सरकार से ये साफ करने को कहा है कि यह गिरफ्तारी है या फिर सरेंडर। विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद घटना में शहीद सीओ के परिजनों ने भी सवाल खड़े किए हैं कि क्या ऐसी गिरफ्तारियां होती हैं? उनका आरोप है कि विकास दुबे को मौत से बचाने का प्रयास किया जा रहा।

यह भी पढ़ें: दूल्हे की 2 दुल्हनिया: शादी ने उड़ा दिए सबके होश, एक प्यार तो दूसरी कोई और

पुलिस की लापरवाही पर सवाल

वहीं इसके बाद पुलिस की लापरवाही पर भी सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे सभी राज्यों की पुलिस विकास दुबे को लेकर हाई अलर्ट पर थी, इसके बाद भी विकास कानपुर से दिल्ली होते हुए हरियाणा के फरीदाबाद शहर जा पहुंचा तो कैसे पहुंचा। फिर वहीं हरियाणा से मध्यप्रदेश तक आ गया।

विकास की इस भागा-दौड़ को देखते हुए यहां पुलिस की लापरवाही और मुस्तैदी पर सवाल उठना लाजमी भी है। आखिर राज्यों की सीमा और टोल नाकों पर तैनात पुलिसकर्मी और सीसीटीवी कैमरे क्या सिर्फ दिखाने के लिए लगाए हुए थे।

यह भी पढ़ें: विकास को बचाया गया: गिरफ्तारी सिर्फ एक नाटक, शहीद CO के परिजनों का आरोप

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shreya

Shreya

Next Story