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DM नाले में उतरे: इस तरह लिया सफाई का जायजा, फिर जानें आगे क्या हुआ

जिलाधिकारी एसपी शाही व मुख्य विकास अधिकारी डॉ विपिन जैन ने आज जिला मुख्यालय पर कटहल नाला में जलमार्ग से भ्रमण कर सर्वे किया।

Newstrack
Published on: 24 Sep 2020 12:21 PM GMT
DM नाले में उतरे: इस तरह लिया सफाई का जायजा, फिर जानें आगे क्या हुआ
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DM नाले में उतरे: इस तरह लिया सफाई का जायजा, फिर जानें आगे क्या हुआ

बलिया: जिलाधिकारी एसपी शाही व मुख्य विकास अधिकारी डॉ विपिन जैन ने आज जिला मुख्यालय पर कटहल नाला में जलमार्ग से भ्रमण कर सर्वे किया। बांसडीह रोड क्षेत्र के छोड़हर से लेकर जीराबस्ती, बहादुरपुर, देवकली होते हुए परमन्दापुर तक गए और कुछ दिनों पहले हुए सफाई का भी हाल देखा।

सफाई की वजह से बहाव तो ठीक था, पर देवकली गांव के सामने पेड़ की डाल झुकने और उसके चलते भारी मात्रा में जलकुम्भी फंसने पर जिलाधिकारी की नाव आगे जब नही बढ़ पायी तो जिलाधिकारी व अधिकारियों ने एन डी आर एफ की नाव को सिर पर उठाया परमन्दापुर के पास व निरालानगर से आगे भी बहाव बाधित था। इसकी वजह से निरालानगर से ही जिलाधिकारी को अपनी पूरी टीम के साथ वापस होना पड़ा। हालांकि, बताया गया कि सफाई के बाद ये जलकुम्भी फंसी है।

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नाले के अंदर से ही इसे बेहतर तरीके से समझा जा सकता था...

भ्रमण के बाद पत्रकारों से बातचीत में जिलाधिकारी ने कहा कि नगर व इसके आसपास क्षेत्र में जलजमाव की समस्या का काफी हद तक निदान कटहल नाला के माध्यम से निकल सकता है। निदान की स्थिति, अतिक्रमण तथा किस प्रकार इसकी उपयोगिता को और बढ़ाई जा सकती है, भ्रमण कर इसी का जायजा लिया गया।

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प्राकृतिक रूप से कटहल नाला के अस्तित्व को बचाने के उद्देश्य से भी यह सर्वे किया गया। इस नाले के किनारे गांवों की बढ़िया तरीके से कनेक्टिविटी कर वहां जलजमाव की समस्या खत्म की जा सकती है। जिलाधिकारी ने साफ किया कि कटहल नाले के अंदर से ही इसे बेहतर तरीके से समझा जा सकता था। भ्रमण के दौरान कई जगहों पर रूकावटें व समस्या भी आई, जिसको दूर करते हुए कटहल नाले का निरीक्षण किया गया। पाया कि जलकुम्भी व झुके पेड़ बहाव में बाधक बन रहे हैं, इसकी सफाई के निर्देश दिए।

इससे पहले जिलाधिकारी अपनी पूरी टीम के साथ छोड़हर पहुंचे। वहां एनडीआरएफ के जवान नाव के साथ पहले से ही तैयार थे। वहां से सीडीओ विपिन जैन, डीएफओ श्रद्धा, एसडीएम सदर राजेश यादव, डिप्टी कलेक्टर सर्वेश यादव, सिंचाई विभाग की इंजीनियर व आपदा विभाग के पियूष सिंह के साथ एनडीआरएफ की तीन नाव पर सवार हुए। जीराबस्ती, बहादुरपुर होते हुए आगे बढ़ने के दौरान रास्ते में पेड़ की डाली गिरने व झाड़-झंखाड़ जैसी कई बाधाएं आई, पर सभी को पार करते हुए देवकली तक पहुंचे। देवकली में काफी लम्बी दूरी तक जलकुम्भी लगी थी, जिसकी वजह से यह यात्रा वहीं कुछ देर के लिए बाधित हो गयी।

नाव को ​खींचकर निकाला, फिर सिर पर उठा​कर बढ़े आगे

जिलाधिकारी ने भ्रमण के दौरान देखा कि शहर के पास देवकली गांव के सामने काफी ज्यादा मात्रा में जलकुम्भी लगी होने पर बहाव भी बाधित था। भ्रमण के दौरान एकबारगी तो ऐसा लगा जैसे वहां से आगे अधिकारियों का जाना मुश्किल ही होगा। लेकिन, जिलाधिकारी ने साफ कर दिया कि जैसे भी हो, यहां से आगे भी भ्रमण जारी रहेगा। एनडीआरएफ के जवानों ने सुझाव दिया कि नाव को निकालकर फिर जलकुम्भी से आगे ले जाकर पानी में डाल आगे जाना सम्भव है।

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फिर क्या, जिलाधिकारी स्वयं नाव को बाहर निकालने के लिए खींचने में लग गए। जिलाधिकारी की मेहनत देख सीडीओ विपिन जैन, एसडीएम सदर राजेश यादव व डिप्टी कलेक्टर सर्वेंश यादव भी लग गए। एनडीआरएफ जवानों के साथ सभी अधिकारी मिलकर नाव को खींचकर बाहर निकाला और फिर सिर पर उठाकर 100 मीटर तक ले गए। इसमें गांव के कुछ युवाओं ने भी काफी मेहनत की। वहां से आगे फिर पानी में नाव को डालकर आगे की यात्रा की गयी। जाते समय जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान भोला राय समेत गांव के दर्जन भर युवाओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।

चाय पर चर्चा के दौरान योजनाओं के क्रियान्वयन की ली जानकारी

देवकली में जहां पर जलकुम्भी लगी होने से नाव आगे नहीं जा पा रही थी, वहां बगल में ही परमात्मानन्द ठाकुर का घर था। नाव को निकालने के लिए काफी मेहनत करने के बाद जिलाधिकारी एसपी शाही अपनी टीम के साथ उनके घर पहुंचे। मुखिया से अनुमति लेने के बाद छत पर चढ़कर नाले के रूके बहाव का जायजा लिया और नगरपालिका के ईओ को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उधर, आला अधिकारियों को अपने घर देख परमात्मानन्द ठाकुर व घर की महिलाएं-बच्चे काफी खुश नजर आए।

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जिलाधिकारी ने स्वयं चाय और पानी पिलाने का अनुरोध किया तो यह खुशी और अधिक हो गई। थोड़ी देर में वहां प्रधान व अगल बगल के वरिष्ठ लोग भी जुट गए। फिर इस खाली समय का भी जिलाधिकारी ने सदुपयोग किया और चाय पर चर्चा के दौरान गांव में हुए विकास कार्यों व योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित बातचीत की। करीब आधा घंटा रुकने के बाद वहां से पूरी टीम आगे बढ़ी।

टूरिज्म के क्षेत्र में तलाशी सम्भावनाएं

सीडीओ, एसडीएम, अधिशासी अधिकारी, डीएफओ, सिंचाई विभाग की इंजीनियर के साथ कटहल नाले में भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी एसपी शाही ने टूरिज्म के क्षेत्र में विकसित करने की सम्भावनाओं पर चर्चा की। आला अधिकारियों ने टूरिज्म के लिए भी सम्भावनाएं तलाशी। जिलाधिकारी ने कहा कि कटहल नाले के प्राकृतिक स्वरूप को बचाए रखने के साथ टूरिज्म की भी अपार सम्भावना है। वज​ह कि सुरहा ताल से गंगा नदी को यह नाला जोड़ता है। इसके दोनों तरफ पगडंडी बनाकर बोटिंग के माध्यम से इको—टूरिज्म का प्रयास किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए बेहतर प्रोजेक्ट की आवश्यकता है, जिस पर पहल करने का प्रयास होगा।

अनूप कुमार हेमकर

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