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बलिया में बोली राज्यपाल: स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को नहीं दिखाया सही तरीके से

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बलिया जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में शनिवार को पहुंची।

Shivani
Published on: 13 March 2021 10:27 AM GMT
बलिया में बोली राज्यपाल: स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को नहीं दिखाया सही तरीके से
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बलिया। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बलिया जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में शनिवार को पहुंची। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने देश में संचार क्रांति के साथ-साथ संस्कार क्रांति भी आवश्यक है। उन्होंने प्राचीन चिंतन परंपरा का समावेश कर शिक्षा देने पर जोर दिया है।

चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं आंनदीबेन पटेल

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि अब तक एक ही या दो-तीन परिवारों का ही स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका देखते आए हैं। इतिहास की सही घटनाओं को दिखाया ही नहीं गया। विश्वविद्यालय और स्कूल में देश भर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में बताया जाना चाहिए।

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देश के लिए 12 मार्च 1930 महत्वपूर्ण दिन

उन्होंने कहा कि देश के लिए 12 मार्च 1930 महत्वपूर्ण दिन है। दांडी मार्च कर महात्मा गांधी ने मुठ्ठी भर नमक उठाकर अंग्रेजी हुकूमत को हिला दिया था तथा एक नमक सत्याग्रह के कारण पूरे देश में आजादी की चिंगारी फैल गई थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय लिया है।

उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव में बच्चों की भागीदारी हो

75 सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रमों में बच्चों की भागीदारी होनी चाहिए। देश के बच्चों को आजादी के संघर्ष को बताया जाना चाहिए। यहां भी बच्चों को अमृत महोत्सव दिखाया जाना चाहिए। 150 साल तक स्वतंत्रता संग्राम किस तरह चला यह बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब तक एक ही या दो-तीन परिवारों का ही स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका देखते आए हैं। इतिहास की सही घटनाओं को दिखाया ही नहीं गया। इसलिए विश्वविद्यालय और स्कूल में देश भर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बलिया महर्षि भृगु की धरती व अनेकों महापुरुषों की धरा है ।

विद्यार्थियों से बोली राज्यपाल, दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं है। जीवन में चुनौतियों का सामना करना होगा। इसे कठिन परिश्रम से पार पाना होगा। यहां मिली शिक्षा आपके जीवन मार्ग में मार्गदर्शक का काम करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए काम कर रही है। शिक्षा में शोध की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर है। तभी हम ऐसी पीढ़ी तैयार कर पाएंगे , जो वैश्विक चुनौतियों का सामना कर पाएंगे।

पंडित दीनदयाल व महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात करें

नई शिक्षा नीति इसमें सहायक होगी। उन्होंने कहा कि भारत की चिंतन प्रणाली में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देना है। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। तकनीकी विकास अपनी चिंतन परंपरा से दूर होकर नहीं किया जा सकता। हम ऐसे विद्यार्थी समुदाय की रचना करें , जो अपनी समृद्ध विरासत का वारिस हो। पंडित दीनदयाल व महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात करे। इसके लिए प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च शिक्षा तक विचारशील शिक्षा देनी होगी।

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समाज में जागरूकता फैलाने में युवाओं की भूमिका अहम

उन्होंने कहा कि समाज में जागरूकता फैलाने में युवाओं की भूमिका अहम है। देश में अभी भी टीबी जैसी बीमारी है। इसमें युवाओं का रोल अहम हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया है कि सभी विश्वविद्यालयों में 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम एक जैसा हो और 30 प्रतिशत उस विश्वविद्यालय की हो, इस पर काम चल रहा है। इसमें तीस फीसदी पाठ्यक्रम में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षकों की है। उन्होंने कहा कि केजी से पीजी तक शिक्षा में एकरूपता होनी चाहिए ।

मुख्य अतिथि न्यामूर्ति शंभूनाथ श्रीवास्तव ने किया छात्रों को संबोधित

अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति शम्भूनाथ श्रीवास्तव ने कहा कि अतीत को शिक्षा में स्थान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे प्राचीन ग्रन्थ अमूल्य धरोहर हैं। विद्यार्थियों में भगवत गीता जैसे महान ग्रंथों के संस्कार डालने होंगे। उन्होंने कहा कि सभी कक्षाओं में भगवद्गीता पढ़ाया जाए।

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा रहे कार्यक्रम में शामिल

उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि परीक्षा में परीक्षार्थी बैठता है तो बाद में वह अपनी कापी देख सके, ऐसी व्यवस्था कराने का प्रयत्न किया जा रहा है। इससे मूल्यांकन में स्पष्ट पारदर्शिता दिख सकेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण करना हमारी सरकार का प्रयास है।

ऑस्ट्रेलिया के छह विश्वविद्यालयों से चल रही भारत की बात

उन्होंने जानकारी दी है कि ऑस्ट्रेलिया के छह विश्वविद्यालयों से बात चल रही है। प्रयास है कि देश में खासकर यूपी में इनके परिसर खुलें। इससे विद्यार्थियों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के तमाम अन्य विश्वविद्यालयों को भी निमंत्रण दिया गया है।

सहारनपुर व आजमगढ़ सहित छह राज्य विश्वविद्यालय खोले जा रहे

उन्होंने बताया कि सहारनपुर व आजमगढ़ सहित छह स्थान पर राज्य विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लर्निंग पार्क की स्थापना की जाएगी। इसके लिए भारत की डिजिटल लाइब्रेरी से अनुबंध किया गया है , ताकि युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिले। उन्होंने बताया कि सरकार ने कुछ विश्वविद्यालय में हिंदूइज्म, बुद्धिज्म व जैनिज्म की पढ़ाई शुरू करने की दिशा में प्रयास शुरू किए हैं।

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उत्तर प्रदेश में 79 राजकीय महाविद्यालय खोले जाएंगे

उन्होंने जानकारी दी है कि उत्तर प्रदेश में 79 राजकीय महाविद्यालय खोले जाएंगे। प्रयत्न है कि पूरे प्रदेश में 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम एक जैसा हो। 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम संबंधित विश्वविद्यालय के द्वारा तैयार होगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत परिवर्तन किया जा रहा है। उच्च शिक्षा में स्किल डेवलपमेंट पर अधिक जोर दिया जा रहा है। प्रयत्न है कि वर्चुअल क्लासरूम सभी विश्वविद्यालयों में लागू किया जाए। इसके साथ ही ऑनलाइन टीचिंग को बढ़ावा देने का प्रयत्न किया जा रहा है।

अनूप कुमार हेमकर, बलिया

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