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वाह रे मास्टर जी! नहीं दे पाए मामूली से सवाल का जवाब, भड़के DM ने लगाई फटकार

उच्च प्राथमिक विद्यालय के विज्ञान के शिक्षक जिलाधिकारी एच पी शाही के भिन्न से सम्बंधित एक सवाल का जबाब नही दे सके। इस सवाल को कक्षा 6 के एक छात्र ने दस सेकेंड में हल कर दिया।

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Published on: 9 Sept 2020 8:10 PM IST
वाह रे मास्टर जी! नहीं दे पाए मामूली से सवाल का जवाब, भड़के DM ने लगाई फटकार
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वाह रे मास्टर जी! नहीं दे पाए मामूली से सवाल का जवाब

बलिया: योगी सरकार शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष जोर दे रही है तथा इसको लेकर तमाम कवायद किये जा रहे हैं, लेकिन जिले के नौरंगा ग्राम में आज एक उच्च प्राथमिक विद्यालय के विज्ञान के शिक्षक जिलाधिकारी एच पी शाही के भिन्न से सम्बंधित एक सवाल का जबाब नही दे सके। इस सवाल को कक्षा 6 के एक छात्र ने दस सेकेंड में हल कर दिया। बेसिक शिक्षा की इस स्थिति पर भड़के जिलाधिकारी शाही ने शिक्षक से कहा कि इसी योग्यता की बदौलत आप सरकार से प्रत्येक महीने 60 हजार रुपये का वेतन प्राप्त कर रहे हैं।

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जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा की स्थिति को अपनी आंखों से देखा

जिलाधिकारी एच पी शाही ने आज जिले में बेसिक शिक्षा की स्थिति को अपनी आंखों से देखा। वह आज विकास कार्यों का सत्यापन करने गंगा पार स्थित ग्राम नौरंगा पहुंचे थे । उन्होंने पूरे गांव में भ्रमण कर आवास व शौचालय योजना के तहत बने आवास व शौचालय का स्थलीय सत्यापन किया। राशन, पेंशन जैसी योजनाओं के लाभार्थियों से सीधे बातचीत की । वह ग्रामीणों से पूछकर आश्वस्त हुए कि पात्र को ही लाभ मिला है या नहीं। सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई।

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जिलाधिकारी ने फेकू बाबा स्थान पर दर्शन किया। फिर वहां लोगों के बीच बैठकर गांव में हुए विकास कार्यों का सत्यापन करना शुरू किया। कार्डधारकों का नाम बोलना शुरू किया तो कुछ नाम पर लोगों ने आपत्ति किया कि जिनके पास वाहन आदि हैं, उनका नाम भी अंत्योदय सूची में है। जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी को इसकी जांच कर रिपोर्ट देने को कहा। आवास योजना के लाभार्थी भगवान प्रसाद के आवास को देखा कि पूरा हो गया है या नहीं।

प्लास्टर व दरवाजा का काम बाकी था, जिसे करा लेने को कहा। उनका शौचालय देखा और उसका हमेशा उपयोग करने को प्रेरित किया। खंड विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि पूरा धन भेज देने के बाद भी इस तरह अगर कोई आवास अधूरा है तो उसे पूरा कराएं। गांव में एकाध जगह लगे वाटर फिल्टर भी शोपीस बने हुए हैं। जिलाधिकारी ने उसे भी देखा और जल निगम से जरूरी पूछताछ करने की बात कही। गांव में सौर ऊर्जा के माध्यम से लाइट और पंखे की व्यवस्था को भी जिलाधिकारी ने देखा।

कुपोषण के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता

चौपाल में जिलाधिकारी ने लोगों से कहा कि कुपोषण के प्रति भी जागरूक होने की आवश्यकता है। 30 सितंबर तक चलने वाले पोषण माह की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जो पोषाहार मिल रहा है , बच्चों को जरूर खिलाएं। अपने बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान दें, ताकि वे कुपोषण का शिकार होने से बच सकें। गांव में स्थलीय सत्यापन करने पहुंचे डीएम शाही ने ग्रामीणों से अपील किया कि कोरोना महामारी से सावधान रहें।

मास्क या गमछा से नाक व मुंह को अच्छी तरह ढककर रखें। सावधानी बरतें ताकि हम सब यह कह सकें कि पूरे देश में जो बीमारी फैली, उसको नौरंगा में नहीं आने दिया। उन्होंने पंचायत भवन को जाने वाली सड़क बनवाने में रुचि नहीं लेने पर सचिव व प्रधान से कारण पूछा। सचिव को फटकार भी लगाई। कहा, शीघ्र ही किसी फंड से इसे बनवाने की प्रक्रिया शुरू करें।

जिलाधिकारी शाही ने चौपाल कार्यक्रम के दौरान प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में पठन-पाठन की जानकारी ली । इस दौरान वह एक शिक्षक के ज्ञान को परख कर भौंचक रह गए । उन्होंने उच्च प्राथमिक विद्यालय , भुवाल छपरा के सहायक अध्यापक गिरजा शंकर पांडेय को भिन्न का एक सवाल दिया। शिक्षक उसे हल नहीं कर पाये ।जिलाधिकारी ने शिक्षक से शैक्षिक योग्यता की जानकारी की तो अध्यापक गिरजा शंकर पांडेय ने स्वयं को विज्ञान का अध्यापक बताया तथा अपनी योग्यता एम एस सी बताया ।

न्यूटन का नियम व आर्किमीडिज का सिद्धांत

उन्होंने शिक्षक से न्यूटन का नियम व आर्किमीडिज का सिद्धांत बताने को कहा। शिक्षक इसका भी जवाब नहीं दे सके । शिक्षक के ज्ञान को परखने के बाद जिलाधिकारी शाही ने शिक्षक से कहा कि अच्छा हुआ कि आपने बच्चों को नहीं पढ़ाया। यदि पढ़ाये होते तो ये बच्चे भी बड़ा-छोटा का अंतर नहीं समझ पाते। उन्होंने क्षोभ भरे लहजे में शिक्षक को आत्मावलोकन की नसीहत दी तथा कहा कि इसी योग्यता पर सरकार आपको 60 हजार रुपया मासिक वेतन दे रही है। उधर मुख्य विकास अधिकारी विपिन कुमार जैन आज शिक्षक की भूमिका में नजर आए। उन्होंने जिला मुख्यालय पर बेसिक शिक्षा कार्यालय परिसर में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया । (तहसीली स्कूल) पर पहुंच गए।

खुद ही बैठ गए बच्चों का नामांकन करने

वह विद्यालय का रजिस्टर उठाकर खुद ही बच्चों का नामांकन करने बैठ गए। अभिभावकों के साथ ही छात्र-छात्राओं से बात की। इस दौरान उन्होंने नन्दिनी, ओमजी गुप्ता व मुस्कान का स्वयं नामांकन करते हुए उन्हें नि:शुल्क पुस्तक वितरित किया। साथ ही मन लगाकर खूब पढ़ाई करने का गुरू मंत्र भी दिया।

अनूप कुमार हेमकर

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