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Balrampur News: नदी का विकराल रूप देखकर ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन से राहत की दरकार
Balrampur News: बलरामपुर जिले के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए अलर्ट जारी कर चुका है।
Balrampur News: नेपाल के पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के बाद वहां के नालों से आया पानी राप्ती नदी के कछार में बसे ग्रामीणों के लिए दहशत जैसा बन गया है। नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे ग्रामीण बाढ़ को लेकर पूरी तरह से सहमे हुए हैं। बलरामपुर जिले के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए अलर्ट जारी कर चुका है।
राप्ती नदी चेतावनी के बिंदु के पार
बलरामपुर में नेपाल के पहाड़ी नालों से आ रहे पानी से राप्ती नदी उफान पर है। लगातार नदी में बढ़ रहे पानी के कारण बलरामपुर जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। राप्ती नदी चेतावनी बिंदु को पार कर गई है। बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयारी किए हुए है। बता दें कि राप्ती नदी का जलस्तर गुरुवार दोपहर तक 103, 900 पहुंच गया है जो चेतावनी बिंदु 103, 620 से ऊपर है। राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से कछार गांव के ग्रामीणों में बाढ़ की चिंता बढ़ गई है। लोग सहमे नजर आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष अक्टूबर माह में आई भयानक बाढ़ ने जिले में जमकर तबाही मचाई थी, जिसको लेकर छोटे और मझोले किसान अभी नहीं उबरे है।
पिछले साल की बाढ़ में मची थी भारी तबाही
पिछले वर्ष बाढ़ का पानी बलरामपुर शहर तथा जिलाधिकारी कार्यालय, एसपी कार्यालय, विकास भवन आदि में भर गया था। जिसके कारण ना सिर्फ सरकारी कामकाज ठप हो गए थे बल्कि कई दिनों तक बलरामपुर बहराइच, गोंडा बलरामपुर मुख्य मार्ग पर यातायात भी बाधित रहा था। मालूम हो कि अगर राप्ती में पूरी तरह से बाढ़ आती है तो इसके कारण बलरामपुर में करीब 350 से अधिक गांव प्रभावित हो जाते हैं। नेपाल के पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश और राप्ती नदी में पानी आने के कारण नदी उफान पर है। जिले में नदी का जलस्तर अभी भी तेजी से बढ़ रहा है। नदी के जल स्तर बढ़ने के कारण तटवर्ती गांव में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
इन गांवों में सबसे ज्यादा खतरा
राप्ती नदी के किनारे बसे जबदही, तेंगनाहिया, जमालीजोत, जबदहा, मानकोट, राघवापुर, सरदारगढ़, कलंदरपुर, बल्लीडीह, साकीखेत, सहित सैकड़ों गांव के ग्रामीण भयभीत हैं। बताते हैं कि बाढ़ ने भयावह रूप दिखाया तो पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी लगभग पांच सौ गांव तबाह हो सकते हैं। ग्रामीण कहते हैं कि पिछले वर्ष की तबाही से हम छोटे किसान अभी नहीं उबरे हैं। वहीं राप्ती नदी का जल स्तर बढ़ने और चेतावनी बिंदु पार कर जाने के कारण जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने बताया कि बाढ़ की संभावना को देखते हुए सभी उप जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बाढ़ चौकियों को देख लें तथा बाढ़ राहत शिविरों को सक्रिय कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ से लगातार जिला प्रशासन संपर्क बनाए हुए हैं।