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Balrampur News: बाढ़ के मुहाने पर बलरामपुर, राप्ती चेतावनी बिंदु के पार, जानिए पूरे हालात
Balrampur News: बाढ़ के खतरे को देखते हुए राप्ती नदी के तटवर्ती क्षेत्रों के ग्रामीणों में बेचैनी बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
Balrampur News: बलरामपुर में राप्ती नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए जिले में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए राप्ती नदी के तटवर्ती क्षेत्रों के ग्रामीणों में बेचैनी बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
तटवर्ती क्षेत्र के गांवों में बाढ़ की दहशत
पहाड़ों पर हुई भारी बारिश व नेपाल से 80 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। बुधवार की सुबह नौ बजे राप्ती नदी का जलस्तर 104, 440 पर पहुंच गया था। केंद्रीय जल आयोग ने जल्द ही इसके खतरे के निशान 104, 620 से ऊपर जल स्तर होने की संभावना जताई है। नदी के लगातार बढ़ रहे जल स्तर को देखते हुए राप्ती नदी के तटवर्ती क्षेत्र के गांवों में बाढ़ को लेकर बैचनी बढ़ गई है।
ये नंबर साबित होंगे मददगार
जबकि जिला आपदा अधिकारी व एडीएम प्रदीप कुमार ने बताया कि नेपाल से छोड़े गए पानी को देखते हुए जिले की सभी बाढ़ चौकियों को सतर्क करते हुए कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। तीनों तहसील व जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम की स्थापना करते हुए 24 घंटे संचालन किया जा रहा है। गांव में उपलब्ध नाव में नाविक तैनात कराने के लिए डीपीआरओ को निर्देशित किया गया है। बाढ़ से बचाव के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। किसी भी आपदा के समय लोग मुख्यालय के कंट्रोल रूम नंबर 05263-236250 तथा मोबाइल नंबर 9170277336 व 8960010336 पर संपर्क कर सकते हैं।
इन गांवों पर मंडरा रहा जलमग्न होने का खतरा
नदी का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव खासकर जबदही, जमाली जोत, जबदहा, टेकनिया मनकोट, आधरपकड सरदारगढ़, राघवपुर, कलंदरपुर सखीरेत, बिजलीपुर, सिसई, शायरी, पूरे मदारा, अलीपुर, बुजुर्ग पिपरा सहित तमाम गांव के ग्रामीण भयभीत हैं। बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी कमर कस ली है। बता दें कि पिछले वर्ष आई बाढ़ ने जिले में भारी तबाही मचाई थी। जिसमें जिले के करीब 350 गांव बाढ़ के चपेट में आ गए थे। जिसके कारण करीब 84000 हजार हेक्टेयर खड़ी फसल बर्बाद हो गई थी। साथ ही लाखों लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा था। बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए इस बार जिला प्रशासन ने पहले से ही कमर कस ली है और तमाम कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है।