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दनादन बरसीं लाठियां: लहूलुहान हुए 7 से ज्यादा लोग, अब सामने आई ये सच्चाई
पीड़ितों की मानें तो नहरवर गांव में बुद्ध कथा का सात दिवसीय आयोजन किया जा रहा था। जिसमें कुछ लोग आकर पंडाल जलाने की कोशिश करने लगे। जिसका पीड़ितों ने विरोध किया। जिसके बाद दबंगों ने इन लोगों पर हमला बोल दिया और पीट-पीटकर लहूलुहान कर दिया।
सरफराज वारसी
बाराबंकी: जनपद बाराबंकी (Barabanki) के फतेहपुर थाना क्षेत्र के नहरवल गांव में कल रविदास जयंती मनाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि नौबत मारपीट तक आ गई। मारपीट में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने घायलों को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
खबर का यह पहला पहलू कल समाचार चैनल की सुर्खियां बनी थी मगर एक जिम्मेदार चैनल के नाते हमने देर रात को एक बार फिर इसकी सच्चाई गांव जाकर जानी तो सच्चाई कुछ और थी जो बताया जा रहा था, जो दिखाया जा रहा था वह सच्चाई नहीं थी बल्कि सच्चाई कुछ और ही निकली।
क्या है पीड़ितों का कहना?
पीड़ितों की मानें तो नहरवर गांव में बुद्ध कथा का सात दिवसीय आयोजन किया जा रहा था। जिसमें कुछ लोग आकर पंडाल जलाने की कोशिश करने लगे। जिसका पीड़ितों ने विरोध किया। जिसके बाद दबंगों ने इन लोगों पर हमला बोल दिया और पीट-पीटकर लहूलुहान कर दिया।
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जानें दूसरे पक्ष की बात
यह तो खबर का पहला पक्ष जो आरोप लगा रहा था लेकिन दूसरा पक्ष यह है कि यह लोग रविदास मन्दिर के बगल में हो रही भागवत कथा से नाराज थे। जिसका आयोजन रावत अर्थात पासी बिरादरी के लोगों ने किया था। जो लोग पहले आरोप लगा रहे थे वह सभी शराब के नशे में थे और भागवत कथा बंद करने को कह रहे थे। जब बंद भागवत नहीं हुई तो यह लोग उपद्रव पर उतर आए जवाब में इनके साथ भी उपद्रव हुआ।
रविदास जयंती मनाने पर हुआ विवाद
वहीं भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष शिव बरन सिंह ने बताया कि हमारे गांव में करीब 40 सालों से रविदास जयंती मनाई जाती रही है। इस बार भी हम लोग रविदास जयंती मना रहे थे। लेकिन कुछ अराजक तत्वों को रविदास जयंती मनाना पसंद नहीं आया इसलिए उन लोगों ने हमसे मारपीट की। शिव बरन सिंह ने कहा कि हमने दोषियों के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है और हमारी मांग है कि सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
शिव बरन ने कहा कि गांव के ही लोग थे कोई बाहरी नहीं था, वह लोग यहां आकर कहने लगे कि अगर जय भीम का नारा लगाना है तो घर पर जाकर लगाओ यहां नहीं लगाने दिया जाएगा। इसी बात को लेकर कहासुनी हुई और बात इतनी बढ़ गयी कि लाठी, धारदार हथियार और ईंट पत्थर चलने लगे। जिसमें हमारे पक्ष के सात - आठ लोग घायल हुए हैं। जिसमें तीन लोग गम्भीर रूप से घायल हुए है। जिनको राजधानी लखनऊ के ट्रामा सेन्टर भेजा गया है ।
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पासी समाज के लोगों ने कही ये बात
भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष से इतर वहां के पासी समाज के लोगों ने बताया कि दूसरे पक्ष के सभी लोग शराब के नशे में थे और मंदिर के बगल में हो रही भागवत कथा को बंद कराने की बात कह रहे थे और जब बंद नहीं हुई तो हिन्दू समाज, मुस्लिम समाज और पासी समाज को गाली देते हुए हमलावर हो गए। इस दौरान महिलाओं को भी पीटा |
खबर के इस पहलू को अगर देखें तो भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष जो आरोप लगा रहे थे वह पूरी तरह से बेबुनियाद थे क्योंकि जिस रविदास जयंती के कार्यक्रम की बात वह कर रहे थे उसको बीत चुके काफी समय हो चूका है। कुछ भी होयह तो साफ़ है कि यह मामला राजनैतिक नहीं बल्कि एससी बिरादरी के दो पक्षों का मामला है अब सच्चाई जांच के बाद ही पता चलेगी कि कौन सच्चा और कौन झूठा।
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