×

बाराबंकी: शौचालय निर्माण के नाम पर हो रही धांधली, अब हुआ मामले का खुलासा

मामला बाराबंकी जनपद के थाना देवा इलाके का अरौरा गांव का है। इस गांव ने उन अधिकारियों को आईना दिखाने का काम किया है जो अपने आपको सर्वे-सर्वा समझ बैठे थे।

Roshni Khan
Published on: 21 Feb 2021 1:03 PM IST
बाराबंकी: शौचालय निर्माण के नाम पर हो रही धांधली, अब हुआ मामले का खुलासा
X
बाराबंकी: शौचालय निर्माण के नाम पर हो रही धांधली, अब हुआ मामले का खुलासा (PC: social media)

बाराबंकी: बाराबंकी जिला जो ओडीएफ घोषित हो चुका है और यहां सभी घरों में शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है। ऐसा जिला प्रशासन का दावा है। मगर इसकी हकीकत कुछ और ही है। यहां शौचालय निर्माण के नाम पर जमकर धांधली के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक और मामला अब खुला है, जिसमें बाराबंकी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस सरकारी धन के बंदरबांट और गबन मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस द्वारा भेजी गई फाइनल रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।

ये भी पढ़ें:आतंकी हथियारों का जखीराः सुरक्षाबलों ने ढूंढ निकाला, दहशतगर्दों ने छुपा रखा था यहां

और तो और इसमे कोई छोटा-मोटा अधिकारी शामिल नहीं है, बल्कि उस समय के एसपी, सीडीओ, बीडीओ और थानाध्यक्ष समेत छह लोगों की मिलीभगत सामने आई है। अदालत ने इन सभी को दोषी मानते हुए इनके खिलाफ सम्मन जारी कर कार्यवाई की संस्तुति दे दी है। वहीं अदालत के इस आदेश के बाद बाराबंकी के अधिकारियों में हड़कंप मच गया गया है ।

barabanki barabanki (PC: social media)

मामला बाराबंकी जनपद के थाना देवा इलाके का अरौरा गांव का है

मामला बाराबंकी जनपद के थाना देवा इलाके का अरौरा गांव का है। इस गांव ने उन अधिकारियों को आईना दिखाने का काम किया है जो अपने आपको सर्वे-सर्वा समझ बैठे थे। इस गांव में 500 से ज्यादा शौचालय का निर्माण होने का दावा किया जा रहा था। लेकिन असलियत में ये निर्माण सिर्फ कागजों पर हुआ था। धरातल पर सिर्फ 300 के लगभग ही शौचालय बने थे। इस गांव की महिलाएं आज भी हाथ में लोटा थामें शौच के लिए बाहर जाने को विवश हैं।

एसपी और थानाध्यक्ष ने कोई कार्यवाई करना उचित नहीं समझा

ग्राम विकास अधिकारी और खण्ड विकास अधिकारी ने इस मामले में हेरफेर किया और शिकायत के बावजूद सीडीओ ने ग्रामीणों के विरुद्ध अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी। जिसके बाद एसपी और थानाध्यक्ष ने कोई कार्यवाई करना उचित नहीं समझा। अदालत ने इन सभी आधा दर्जन अधिकारियों को दोषी मानते हुए इनके विरुद्ध कार्यवाई की संस्तुति देते हुए सम्मन जारी कर 15 मार्च को कोर्ट में तलब किया है।

साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले को दर्ज करते समय ही तत्कालीन थानाध्यक्ष ने सरकारी धन गबन की धारा 409 दर्ज नहीं की। इसमें सभी आरोपियों की साजिश है। कोर्ट ने स्वत: धारा 409 की बढ़ोतरी करते हुए सभी आधा दर्जन आरोपियों को 15 मार्च को अदालत में तलब किया तथा पुलिस द्वारा भेजी गई अंतिम रिपोर्ट खारिज कर मामले को सरकारी केस के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया।

1991 में भाजपा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके पार्टी के नेता मुनेश्वर कुरील ने भी आवाज उठाई

ग्रामीणों ने भी अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाई, साथ ही 1991 में भाजपा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके पार्टी के नेता मुनेश्वर कुरील ने भी आवाज उठाई। यहां इस भाजपा नेता को भी शौचालय नहीं मिला और इन्ही के भाई ने अधिकारियों के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था। भाजपा नेता ने बताया कि बीडीओ की दबंगई के आगे सभी बेबस थे और उनकी भी कई बार बीडीओ से बहस हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि उनके यहां शौचालय में भ्रष्टाचार होना प्रधानमंत्री के प्रयासों पर कुठाराघात है।

barabanki barabanki (PC: social media)

ये भी पढ़ें:रिंकू शर्मा हत्याकांड में क्राइम ब्रांच का बड़ा एक्शन, 4 और आरोपी गिरफ्तार

पेशे से अधिवक्ता शिव कुमार वर्मा ने बताया

वहीं पेशे से अधिवक्ता शिव कुमार वर्मा ने बताया कि अरौरा गांव में शौचालय के निर्माण में सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग हुआ है। इसमें खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी तो शामिल हैं ही, साथ ही जानकारी के बावजूद तत्कालीन सीडीओ मेघा रूपम, एसपी अरविन्द चतुर्वेदी और एसओ प्रकाश चन्द्र शर्मा ने जो रिपोर्ट ग्रामीणों के विरुद्ध शासन को भेजी। इसके लिए वह भी बराबर के दोषी हैं। बाराबंकी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नंद कुमार ने सभी को दोषी माना है और कार्यवाई की संस्तुति करते हुए सम्मन जारी किया है।

रिपोर्ट- सरफराज़ वारसी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story