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Barabanki News: भयानक बारिश और बाढ़ को लेकर पहले ही अलर्ट हुआ बाराबंकी, हर साल आती है यहां तबाही

Barabanki Monsoon Update: उत्तर प्रदेश में 29 जून को पूरी तरह से एक्टिव हो जाएगा मानसून,बाराबंकी में बाढ़ को लेकर अभी से चिंतित दिख रहे तलहटी के गांव में बसे ग्रामीण,जिले में हर साल बाढ़ से मची है तबाही

Sarfaraz Warsi
Published on: 26 Jun 2023 9:03 AM IST
Barabanki News: भयानक बारिश और बाढ़ को लेकर पहले ही अलर्ट हुआ बाराबंकी, हर साल आती है यहां तबाही
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Barabanki News (Photo - Twitter)

Barabanki News: उत्तर प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बारिश भी शुरू हो चुकी है। पिछले 24 घंटे के दौरान लखनऊ मौसम केंद्र ने प्रदेश के सभी जिलों में हल्की बारिश दर्ज की है। इस बीच लखनऊ मौसम केंद्र ने आज रविवार को एक अलर्ट जारी किया है, जिसके मुताबिक 29 जून को खतरे की घंटी बजेगी। यानी प्रदेश में 29 जून को मानसून पूरी तरह से एक्टिव हो जाएगा और इस दिन भारी बारिश हो सकती है। यह बारिश पूरे उत्तर प्रदेश में होगी। बता दें कि हर साल बारिश से कुछ जिलों में तबाही मचती है, जिनमें से बाराबंकी जनपद भी शामिल है।

दरअसल बाराबंकी जिले में हर साल बाढ़ से दर्जनों गांव में तबाही मचती है। सरकार द्वारा बाढ़ से बचाव को लेकर हर साल करोड़ों रुपया खर्च किया जाता है। बाराबंकी में अभी से ही सरयू नदी के तलहटी में बसे लोग बाढ़ को लेकर चिंतित दिख रहे हैं। क्योंकि पिछले 2 दिनों से जिले में लगातार बारिश हो रही है। वहीं मौसम विभाग ने प्रदेश में 29 जून को मानसून पूरी तरह से एक्टिव हो जाने की संभावना जताई है। मानसून सिर पर हैं और अधिकारियों द्वारा बाढ़ से बचाव को लेकर तैयारियां अभी पूरी की जा रहीं हैं। लोगों को डर है कि यदि अचानक सरयू नदी (घाघरा) में लस्तर बढ़ गया तो वह क्या करेंगे। इसी को लेकर तलहटी में बसे लोग बाढ़ को लेकर चिंतित दिख रहे हैं।

बता दें कि यूपी के बाराबंकी जिले में हर साल सरयू नदी में आने वाली बाढ़ से तबाही मचती है। बाढ़ से जिले की तीन तहसील रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट क्षेत्र के तराई में बसे सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं। इस दौरान इन ग्रामीणों को अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ती है। हर साल आने वाले बाढ़ को लेकर इन तीन तहसील क्षेत्र के कुछ गांव ऐसे हैं जहां लोग कई सालों से झोपड़ियों में ही रह रहे हैं। लोगों का कहना है कि हर साल बाढ़ से तबाही मचती है। पक्के घर भी नदियों में समा जाते हैं। जिसके चलते कुछ ग्रामीण झोपड़ियों में ही अपना गुजर-बसर करते हैं। वहीं सरकार ग्रामीणों को बाढ़ से बचाने को लेकर हर साल करोड़ो रुपये खर्च करती है। लेकिन बाढ़ आते ही सरकार द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी साबित होते हैं। जिले में अभी बाढ़ से बचाव को लेकर तैयारियां चल रही है। इधर मानसून भी आने वाला है, इसी को लेकर तलहटी में बसे लोग बाढ़ को लेकर चिंतित हैं।

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